मथुरा का बिगुल फूँका, सूर्यवंश की नगरी बनेगी मॉडल सोलर सिटी: यूपी का अबतक का सबसे बड़ा बजट

पढ़िए Yogionomics में और क्या-क्या

UP Budget 2025

यूपी का अबतक का सबसे बड़ा बजट, पढ़िए Yogionomics में और क्या-क्या

उत्तर प्रदेश का बजट(UP Budget 2025-2026) आ गया है। ये अलग बात है कि इसी दिन(20 फरवरी 2025) दिल्ली में रेखा गुप्ता के रूप में नई मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह हुआ, इसीलिए यूपी के बजट को लेकर उतनी चर्चा नहीं हो रही है। आइए, आपको भारी-भरकम आँकड़ों की जगह सीधे-सरल शब्दों में समझाते हैं इस बार का यूपी का बजट। सीधे एक वाक्य में कहें तो ये यूपी का अब तक का सबसे विशाल बजट है। आज तक 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट राज्य में नहीं पेश हुआ, इस बार हुआ है। पिछली बार के मुकाबले 9.80%, यानी 10 प्रतिशत बड़ा बजट है ये।

जिस प्रदेश की GDP 2016-17 में मात्र 12.89 लाख करोड़ रुपए की थी, आज उसकी GDP 27.51 करोड़ रुपए की हो गई है। यानी, योगी सरकार में पिछले 8 वर्षों में यूपी की जीडीपी सीधे दोगुनी हो गई है। राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है, यानी RBI ने साढ़े 3 प्रतिशत की सीमा तय की है जबकि यूपी में ये 2.97% है। पिछले 8 वर्षों में राज्य को 45 लाख करोड़ रुपए के निवेश मिले हैं। इसका एक तिहाई तो ज़मीन पर उतारा भी जा चुका है। 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं। यानी, यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।

किस क्षेत्र में खर्च होंगे कितने करोड़

आइए, अब आपको बताता हूँ कि इस बजट(UP Budget 2025-2026) में पैसे कहाँ ख़र्च किए जाएँगे। सबसे अधिक 1.79 लाख करोड़ रुपए इंफ़्रास्ट्रक्चर पर ख़र्च किए जाएँगे। इसमें सबसे अधिक 61,000 करोड़ रुपए के साथ ऊर्जा क्षेत्र का स्थान आता है। और हाँ, यहाँ ऊर्जा की बात हो रही है तो एक और जानकारी ले लीजिए। जो लोग सनातन और विज्ञान को एक-दूसरे के विरोध में खड़ा करते हैं, उन्हें ये इस जानकारी से झटका लगेगा। यूपी बजट का एक और पक्ष देखिए। अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी रही है। इस नगरी पर भगवान सूर्य की कृपा है। रामनवमी पर भगवान सूर्य ने कैसे अपनी किरणों से रामलला का तिलक किया था, हमने उस दृश्य को देखा।

आपको पता है अयोध्या अब Model Solar City बनने जा रही है? सूर्य के वंशजों की नगरी अब सूर्य से ऊर्जा लेगी। उस ऊर्जा से विद्युत का उत्पादन होगा। उस उत्पादन से राज्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। यूपी के 16 नगर निगम, और नोएडा भी सोलर सिटी बनेगा। कुल मिलाकर भगवान सूर्य के आशीर्वाद से अगले 5 वर्षों में 22,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। अक्षय ऊर्जा की दिशा में यूपी मॉडल बनेगा। 3000 सूर्यमित्रों को कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा। उसके बाद शिक्षा क्षेत्र को 1 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। बजट का 13% शिक्षा पर ख़र्च किया जा रहा है, ये बड़ी बात है।

कृषि क्षेत्र को 89,000 करोड़ रुपए से भी अधिक दिया गया है। हमारा देश किसानों का देश है, कृषि प्रधान देश है। और यूपी तो कृषकों का राज्य है। चिकित्सा क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपए मिले हैं। होमगार्ड्स से लेकर शिक्षामित्र तक, यहाँ तक कि मानदेय पर कार्य कर रहे सरकारी कर्मियों को भी 5 लाख रुपए तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण, यानी पिछड़ों और महिलाओं-बच्चों के लिए लगभग 36,000 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

महिला सशक्तिकरण हेतु समर्पित योगी सरकार

ये महिला उत्थान का युग है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में महिलाओं को मासिक भत्ता दिया जा रहा है। अब दिल्ली में मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेटियों के बारे में भी सोचा है। निर्धन परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यानी, जिनके पास लड़कियों की शादी के लिए पैसे नहीं हैं, उन बेटियों के अभिभावक के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामने आए हैं। हमारी सनातन संस्कृति में बेटियों का विवाह कराना बड़ा ही पुण्यकारी कार्य है। यूपी को 4 नए एक्सप्रेसवे मिल रहे हैं। ये आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का युग है, लखनऊ में AI पार्क भी बनेगा।

सरदार पटेल के नाम पर आर्थिक क्षेत्र, संत कबीर के नाम पर 10 जिलों में वस्त्र उद्योग पार्क, अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में नगरों में पुस्तकालय – विभूतियों को सम्मान भी मिल रहा है, उनके सम्मान में जनहित की योजनाएँ भी आ रही हैं। और हाँ, हमने यूपी में काशी कॉरिडोर बनते हुए देखा। नैमिषारण्य को विकसित किया जा रहा है। अयोध्या में भाव राम मंदिर में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं का ताँता लगता है। अयोध्या अब एक हाईटेक सिटी बन रही है। पुरातन परंपरा वाली हाईटेक सिटी।

मथुरा-वृन्दावन की बारी

अब मथुरा-वृन्दावन की बारी है। ध्यान दीजिए, खेल शुरू हो चुका है! बड़े चुपके से अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा के लिए बिगुल फूँक दिया गया है! मथुरा वृन्दावन कॉरिडोर के लिए ज़मीन ख़रीदने हेतु बाबा ने बजट(UP Budget 2025-2026) में ₹150 करोड़ का प्रावधान कर दिया है। बाकी आप इशारा समझ जाइए। वक़्फ़ के कब्ज़े का हिसाब हो जाएगा। एक-एक इंच छुड़ाया जाएगा, घुसपैठियों को भगाया जाएगा और नई ज़मीनें भी ख़रीदी जाएँगे। हमलोग लगातार मथुरा में घुसपैठियों द्वारा कब्ज़े की ख़बरें उठा रहे हैं। कुछ कार्रवाई की जाती है तो सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में खड़ा हो जाता है। बड़ी चालाकी से CM योगी आदित्यनाथ ने इस मामले से निपटने के लिए कमर कस ली है। ज़मीन ख़रीद होगी तो कब्ज़े वाली ज़मीन भी छुड़ाई जाएगी। बाँके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का सपना साकार होने की तरफ़ ये पहला क़दम है। आगे-आगे देखते जाइए।

और भी प्रावधान हैं धार्मिक तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए। नैमिषारण्य में धार्मिक पर्यटन के लिए 100 करोड़ रुपए और विज्ञान केंद्र के लिए भी 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मिर्ज़ापुर में परिक्रमा क्षेत्र और पर्यटन के व्यवस्थाओं के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। चित्रकूट में भी इसपर 50 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएँगे।

एक और बड़ी बात, जितनी भी जन-कल्याणकारी योजनाएँ पीएम मोदी के हृदय के करीब हैं – उन सबमें उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान प्राप्त कर रहा है। जनधन योजना के 9.57 लाख खाते अकेले यूपी में हैं। सुरक्षा बीमा के तहत 6.52 करोड़ नामांकन अकेले यूपी में हुए हैं। जीवन ज्योति बीमा के तहत 2.28 करोड़ नामांकन अकेले यूपी में है। इन सबमें यूपी प्रथम स्थान पर है। अटल पेंशन योजना में भी 1.12 करोड़ नामांकन एकल यूपी में हुए। उत्तर प्रदेश के हथकरघा उद्योग, खादी, आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स – इन सबके लिए योजनाएँ हैं और बजट का प्रावधान किया गया है। सूक्ष्म उद्योग जितना बढ़ेगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था उतनी ही सृदृढ़ होंगी और गाँवों के युवाओं को उतना ही रोज़गार मिलेगा।

 

महाकुम्भ को लेकर फैलाया जा रहा झूठ

महाकुंभ को बदनाम करने के लिए गंगा-यमुना के पानी को गाली दी जा रही है। कुछ तत्व ऐसे हैं जिन्हें सनातन से चिढ है और वो महाकुंभ के पीछे पड़े हुए हैं। फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाई जा रही हैं। महाकुंभ से 55 करोड़ लोग स्नान कर के चले गए, लेकिन आजतक एक को भी बुखार तक होने की ख़बर नहीं आई। लेकिन, झूठ फैलाया जा रहा है कि संगम का जल दूषित है। लगभग 15,000 करोड़ रुपए की लागत से 67 परियोजनाएँ माँ गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए चल रही हैं। इनमें से 39 पूर्ण भी हो गई हैं। अब तक 2.34 करोड़ घरों में स्वच्छ जल पहुँचाया जा चुका है नल के जरिए। इसमें यूपी अब शत-प्रतिशत सफलता की ओर बढ़ रहा है।

वो शमशान की भी सोचते हैं, वो गाँवों में लाइब्रेरी स्थापित करने को लेकर भी सोचते हैं। यूपी बजट(UP Budget 2025-2026) में एक चीज मुझे बहुत अच्छी लगी – ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, गाँवों पर ध्यान। भारत गाँवों का देश है – भारत माता ग्रामवासिनी। ₹2045 करोड़ रुपए गाँवों के विकास ले लिए ख़र्च किए जाएँगे। पंचायत स्तर पर ₹454 करोड़ की लागत से डिजिटल पुस्तकालयों की स्थापना की जाएगी। ₹125 करोड़ की लागत से गाँवों में जिम और स्टेडियम बनेंगे। ₹244 करोड़ की लागत से गाँवों में अंत्येष्टि स्थलों को विकसित किया जाएगा। ₹85 करोड़ पंचायत प्रोत्साहन में ख़र्चे जाएँगे।

और हाँ, विवाह समारोह जैसे उत्सवों के लिए हर विधानसभा के गाँवों में उत्सव-भवन होंगे। ये Yogionomics है – मृत्यु के बाद जो पार्थिव शरीर होता है उसके लिए भी सोचते हैं, शादी-विवाह जैसे उत्सवों को लेकर भी सोचते हैं। जीवित और मृत लोगों के लिए ही नहीं, वो पशुओं को लेकर भी सोचते हैं। यूपी में साढ़े 12 लाख गोवंशों को 7713 गो-आश्रय स्थलों में सुरक्षित रखा गया है। इस बार के बजट में(UP Budget 2025-2026) 140 करोड़ रुपए दिए गए हैं, ताकी गो-संरक्षण केंद्रों की स्थापना हो। पशु-चिकित्सालयों के लिए भी 123 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा पूरा। 2000 करोड़ रुपए से प्राथमिक व उच्च विद्यालयों को सुविधाओं से लैस किया जाएगा। अब 680 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को 12वीं तक की निःशुल्क शिक्षा मिलेगी। ‘एक जनपद एक खेल’ योजना के तहत 72 जनपदों में ‘खेलो इण्डिया सेन्टर’ संचालित किये जा रहे हैं। युवाओं पर पूरा फ़ोकस है। पशु ही नहीं, पेड़-पौधों के बारे में भी सीएम योगी सोच रहे हैं। पिछले 4 वर्षों में यूपी में 139 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है। 2025 के वर्षाकाल में 25 करोड़ नए पौधे लगाए जाएँगे। बाघों से लेकर गिद्धों तक के संरक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है।

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