यूपी विधानसभा में जारी बजट सत्र ने इन दिनों जमकर सुर्खियां बटोरी हैं, जहां बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष द्वारा महाकुंभ पर की गई अनर्गल टिप्पणियों पर अखिलेश यादव से लेकर ममता बनर्जी तक को आड़े हाथों लिया। वहीं, आज मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट(UP Budget 2025-26) पेश किया है। वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए पेश किए गए इस बजट का कुल आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये है, जो प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है।
बजट(UP Budget 2025-26) पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे केवल आंकड़ों का संकलन नहीं, बल्कि प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण और समृद्धि की ओर बढ़ता एक ठोस कदम बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष 2024-2025 के मुकाबले 9.8 प्रतिशत अधिक है, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ-साथ रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। खन्ना ने कहा कि सरकार ने खासतौर पर किसानों, महिलाओं, युवाओं और उद्यमियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आर्थिक असमानता को कम करने के लिए बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। यह बजट उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि आम नागरिकों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा।
महिलाओं के लिए बजट में क्या है खास?
योगी सरकार के इस ऐतिहासिक बजट(UP Budget 2025-26) में महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण को विशेष महत्व दिया गया है। सरकार ने प्रदेश के विकास को गति देने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। बजट में अवस्थापना विकास के लिए कुल राशि का 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए 6 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 4 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है, जो प्रदेश की आर्थिक संरचना को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। खास बात यह है कि इस बजट(UP Budget 2025-26) में महिलाओं और श्रमिकों के कल्याण के लिए भी विशेष योजनाएं शामिल की गई हैं, जो उनके जीवन को और अधिक आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाएंगी।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब तक 96 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को लाभान्वित किया है। गांवों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बी.सी. सखी योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत 39,556 बी.सी. सखियों ने 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन सफलतापूर्वक संपन्न किया है। इस योजना से ग्रामीण महिलाओं ने अब तक 84.38 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है।
इसी कड़ी में लखपति महिला योजना ने भी कई परिवारों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाया है। अब तक 31 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना के तहत चिन्हित किया जा चुका है, जिनमें से 2 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बनने में सफल रही हैं। यह योजना महिलाओं को केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊंचा उठा रही है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक लगभग 1.86 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं, जिससे उनके परिवारों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार हुआ है। इसके अलावा, योगी सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को दो निशुल्क गैस सिलेंडर देने की भी घोषणा की है, जो उनके घरेलू खर्च को कम करने में सहायक होगा।
महिलाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महिला सामर्थ्य योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत महिला स्वामित्व वाली प्रोड्यूसर कंपनियों का गठन किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ समाज में अपनी पहचान स्थापित करने का अवसर भी मिल रहा है। कुल मिलाकर, योगी सरकार का यह बजट महिलाओं के जीवन में आर्थिक मजबूती, आत्मनिर्भरता और सामाजिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करने वाला साबित होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने छात्राओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए नई योजनाओं का ऐलान किया है। उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं के लिए पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान करने की योजना शुरू की जा रही है, जिससे उनकी शिक्षा यात्रा और अधिक सुगम और सुविधाजनक हो सके। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सह-शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ बालिका छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बालिकाओं के आत्मनिर्भर बनने के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण और संवेदीकरण जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश में आवासीय विद्यालय योजना के तहत 12 जनपदों में प्रत्येक विद्यालय में 100-100 बालक और बालिकाओं के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समानता को बढ़ावा देगी बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी।
किसानों के लिए क्या है खास?
बृहस्पतिवार को पेश किए गए ऐतिहासिक बजट(UP Budget 2025-26) में योगी सरकार ने किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कई अहम घोषणाएं की हैं। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के किसान आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें और उनकी आय में वृद्धि हो।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए बताया कि दलहनी और तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार निःशुल्क मिनी किट वितरण कार्यक्रम चला रही है, जिससे किसानों को उन्नत बीज और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना के लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इसके साथ ही, प्रदेश को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति, 2024’ के तहत सीड पार्क विकास परियोजना शुरू की गई है, जिसके लिए 251 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज आसानी से मिल सकेंगे, जिससे उनकी पैदावार और आय दोनों में वृद्धि होगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना’ पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। इस योजना के जरिए किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उनकी फसलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और भूमि की उर्वरता भी बनी रहेगी। इस योजना के लिए सरकार ने 124 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
सिंचाई की लागत को कम करने और किसानों को ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाए जा रहे हैं। इससे किसानों को बिजली के खर्च में बचत होगी और उनकी फसलें भी समय पर सिंचित हो सकेंगी। इस योजना के लिए सरकार ने 509 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में उत्पादन क्षमता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि विश्व बैंक की सहायता से संचालित यूपी एग्रीज परियोजना के लिए भी 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना और उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित करना है।
किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और ज्ञान से जोड़ने के लिए प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिससे अब कुल 89 केंद्र किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखा रहे हैं। ये केंद्र किसानों को फसल प्रबंधन, मिट्टी परीक्षण और नवीनतम कृषि तकनीकों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
यही नहीं, प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए भी इस बजट में खुशियों का पिटारा खुला है। वित्त मंत्री ने कहा कि गन्ना खेती और चीनी मिलें प्रदेश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण विकास की प्रमुख धुरी हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है और इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सरकार ने गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु 475 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसके अलावा, पिपराइच चीनी मिल में 60 केएलपीडी क्षमता की आसवानी की स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, बंद पड़ी छाता चीनी मिल को पुनर्जीवित करने के लिए 2000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल और लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
UP Budget 2025-26 की मुख्य झलकियां
- 🏡 स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण): वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹2,045 करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी।
- 👷♂️ महात्मा गांधी नरेगा योजना: इस योजना के तहत वर्ष 2025-2026 में 34 करोड़ मानव दिवस का सृजन करने का लक्ष्य है, जिसके लिए ₹5,372 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- 🏭 औद्योगिक निवेश और रोजगार: वित्तीय वर्ष 2024-2025 में नवंबर तक निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से कुल 6,62,672 उद्यम पंजीकृत हुए हैं, जिन्होंने 59,64,048 रोजगार के अवसर सृजित किए हैं। यह प्रदेश की औद्योगिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है।
- 🛣️ सड़क और पुल निर्माण: प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सेतुओं एवं रेल उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु ₹1,450 करोड़ और राज्य मार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए ₹2,900 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।