दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही बुधवार (5 फरवरी 2025) को उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उप-चुनाव भी संपन्न हो गया। हालाँकि, इस दौरान फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का नाटक चर्चा का विषय बन गया। जो कभी अपने आका द्वारा अयोध्या के असली राम घोषित किए गए थे, वे अब अपने बेटे के लिए भगवान राम और हनुमान के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने अवधेश प्रसाद को वर्तमान राजनीति का सबसे बड़ा ड्रामेबाज़ बता दिया। सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा यह तमगा दिए जाने की कई वजहें हैं। इनमें उनका हालिया बहुरूपिया वेश एक बड़ा कारण है।
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से ही समाजवादी पार्टी के विधायक थे। सपा ने उन्हें फैजाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मिल्कीपुर की सीट खाली हो गई। दिल्ली विधानसभा चुनावों के साथ ही मिल्कीपुर विधानसभा उप-चुनाव की घोषणा की गई और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
उप-चुनाव के मतदान के बीच ही अवधेश प्रसाद का वीडियो सामने आया, जिसमें वे भगवान राम और हनुमान जी के चित्र के सामने हाथ जोड़कर बैठे हैं। भगवान हनुमान की बड़ी तस्वीर के आसपास अन्य देवी-देवताओं की भी तस्वीरें हैं। वीडियो में दिख रहा है कि अवधेश प्रसाद हाथ में हनुमान चालीसा लिए हुए हैं और ‘जय सियाराम जय हनुमान’ कह रहे हैं। उन्होंने हनुमान जी के साथ ही भगवान भोले शंकर की भी स्तुति की।
लोगों का कहना है कि अवधेश प्रसाद ने मतदान के दौरान यह वीडियो बनाकर अपनी हिंदुत्व विरोधी छवि को सुधारने की कोशिश की है। इस समय उनके बेटे का भविष्य दाँव पर लगा हुआ था। वे शायद दर्शकों को बताना चाह रहे थे कि वे भगवान राम के विरोधी नहीं, बल्कि उनके भक्त हैं। मिल्कीपुर उप-चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम और हिंदुत्व का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। इसके बाद उन्हें बेटे का चुनाव फँसता हुआ नजर आ रहा था। यही कारण है कि कभी अजीत प्रसाद बूथ एजेंट को धमकाते नजर आए तो कभी समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने फर्जी मतदान का आरोप लगाया।
भगवान राम से दूरी रखने वाली समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद ने पहली बार इस तरह का ड्रामा नहीं किया है। अभी तीन पहले ही अयोध्या में एक दलित लड़की की बलात्कार के बाद हत्या को लेकर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘ड्रामा’ किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने मीडिया के सामने रोते हुए कहा था, “अरे राम हो! अरे राम हो! हमें जाने दो दिल्ली। दिल्ली जाने दो। मोदी के सामने लोकसभा में बात रखेंगे। न्याय नहीं मिला तो हम इस्तीफा दे देंगे। हम बेटी की इज्जत बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं। इतिहास क्या कहेगा? कैसे बिटिया के साथ ये हो गया? हे राम हो! हे राम हो! हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कहाँ हो? हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कहाँ हो? कहाँ हो…कहाँ हो…कहाँ हो…? सीता मैया कहाँ हो? हे राम हो।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे नौटंकी कहा था। जिस अंदाज में अवधेश प्रसाद भगवान राम का नाम ले रहे थे, वह दर्शकों को भी नौटंकी ही लग रहा था। इस घटना के दो दिन बाद ही मिल्कीपुर में मतदान होना था। इसलिए उन्होंने राम और सीता मैया की याद आई। इससे पहले वे अपने आका की समाजवादी पार्टी की विचारधारा के अनुसार राम का नाम लेने से घबराते थे, लेकिन चुनाव क्या ना कराए।
इस देश की जनता अभी भूली नहीं है कि फैजाबाद संसदीय सीट जीतने के बाद अवधेश प्रसाद खुद राम बनकर घूम रहे थे और भगवान की मर्यादा को तार-तार कर रहे थे। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव नए नवेले सांसद अवधेश प्रसाद को अपने साथ गमछे की तरह लपेट कर घूम रहे थे। वे ‘अयोध्या के राजा’ के तौर पर लोगों और नेताओं से अवधेश प्रसाद का परिचय कराते थे और अवधेश प्रसाद दाँत दिखाकर सीना चौड़ा करते। उन्होंने कभी नहीं कहा था कि वे भगवान राम की बराबरी कैसे कर सकते हैं, लेकिन अपने आका के सामने वे मुँह नहीं खोल पाए और अब भगवान राम के नाम पर नौटंकी कर रहे हैं।
दरअसल, जुलाई 2024 में लोकसभा में अपने भाषण के दौरान अखिलेश यादव ने कहा था कि अयोध्या से लाए हैं, उनके प्रेम का पैगाम। इतना सुनते ही उनके बगल में बैठे फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद खड़े हो गए और अखिलेश यादव उन्हें प्रणाम करने लगे। दरअसल, ये वो वक्त था, जब समाजवादी पार्टी को लगा था कि अयोध्या वाली फैजाबाद की सीट जीतकर उसने भगवान राम को हरा दिया है और अवधेश प्रसाद खुद को भगवान राम से ऊपर मानने लगे थे। हालाँकि, चुनाव नज़दीक आते ही उनकी नौटंकी की पोल खुल गई।