TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

छावनी प्रवेश और अमृत स्नान: महाकुंभ की नई पहचान को आगे भी बनाए रखने की अखाड़ों ने की मांग

सदियों से पेशवाई और शाही स्नान नाम चले आ रहे थे लेकिन इस महा आयोजन से पहले अखाड़ों की मांग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलने का ऐतिहासिक काम किया था

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
27 February 2025
in इतिहास, संस्कृति
शाही स्नान का नेतृत्व विभिन्न अखाड़ों के प्रमुख साधु, नागा साधु और महामंडलेश्वर करते हैं

शाही स्नान का नेतृत्व विभिन्न अखाड़ों के प्रमुख साधु, नागा साधु और महामंडलेश्वर करते हैं

Share on FacebookShare on X

तीर्थराज प्रयागराज में हुआ महाकुंभ तो समाप्त हो गया लेकिन इसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है। आस्था के इस सबसे बड़े समागम में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है। आस्था के सबसे बड़े आयोजनों में शामिल यह महाकुंभ एक और वजह से भी चर्चा में रहा है। इस महाकुंभ में पेशवाई और शाही स्नान के नाम को बदलकर क्रमश: छावनी प्रवेश और अमृत स्नान कर दिया गया था। इन आयोजनों के नए नाम हिंदू संस्कृति से जुड़े होने पर साधु-संतों ने खुशी जाहिर की और आगे भी वे इन्हीं नामों को रखना चाहते हैं। सदियों से पेशवाई और शाही स्नान नाम चले आ रहे थे लेकिन इस महा आयोजन से पहले अखाड़ों की मांग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलने का ऐतिहासिक काम किया था।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भी पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलने के लिए योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है। अब कुंभ के अखाड़ों के साधु-संतों की ओर से मांग की जा रही है कि आने वाले कुंभ और अर्द्धकुंभ में भी ‘छावनी प्रवेश’ और ‘अमृत स्नान’ नामों का ही प्रयोग किया जाए। आने वाले वर्षों में देखें तो 2027 में नासिक (महाराष्ट्र) में कुंभ, 2027 में हरिद्वार (उत्तराखंड) में अर्द्धकुंभ और 2028 में उज्जैन (मध्य प्रदेश) का सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है। इन आयोजनों से पहले अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर आगे भी इन्हीं नए नामों के इस्तेमाल की मांग करेगा। आने वाले कुंभ के अभिलेखों में नए नामों का इस्तेमाल किया जाए इसके लिए अखाड़ा परिषद की तरफ से कोशिश की जा रही है।

संबंधितपोस्ट

बिहार चुनाव में BJP के स्टार प्रचारक तय —मैदान में उतरेगी मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी, भजन लाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी को क्यों नहीं मिली जगह?

वाराणसी के मंदिर में हनुमान चालीसा बजने पर कट्टरपंथी मुस्लिम ने लगाई रोक कहा- “मेरे कानों तक आवाज ना आए”: क्यों बार-बार हिंदुओं की पूजा-पाठ और आस्था पर हमले होते हैं?

बरेली हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई, दो आरोपियों को एनकाउंटर के बाद किया गिरफ्तार

और लोड करें

जगद्गुरु वैदेही वल्लभ देवाचार्य ने TFI से बातचीत में सीएम योगी के फैसले को लेकर कहा कि सीएम योगी ने जो नाम दिए हैं वे सनातन की परंपरा से आते हैं और संस्कृत से युक्त शब्द हैं। उन्होंने कहा, “यही नाम आगे भी रहने चाहिए इसे लेकर विभिन्न धर्मगुरुओं ने अपनी सहमति जताई है।”

क्या होते हैं अखाड़े?

कुंभ के दौरान जो शब्द सबसे अधिक सुनने में आता है वो अखाड़ा ही है। सीधे शब्दों में कहें तो अखाड़ा साधु-संतों का समूह है। अखाड़ों की शुरुआत प्राचीन काल में सनातन धर्म और संत परंपरा की रक्षा के उद्देश्य से की गई थी। माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में अखाड़ों की स्थापना की थी, ताकि सनातन धर्म की रक्षा की जा सके और संतों को एक संगठित व्यवस्था में लाया जा सके।

इनका गठन विशेष रूप से संतों और साधुओं को एकजुट करने, उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने और धर्म प्रचार के लिए किया गया था। इन अखाड़ों में धार्मिक ज्ञान के साथ-साथ शस्त्र की भी शिक्षा दी जाती है। शुरुआत में 4 प्रमुख अखाड़े हुआ करते थे लेकिन समय के साथ इनकी संख्या बढ़कर 13 हो गई। इनमें से 7 अखाड़े शैव परंपरा के आराधक हैं, 3 अखाड़े वैष्णव संप्रदाय से जुड़े हुए हैं और 3 अखाड़े गुरु नानक देव की परंपरा से हैं जिन्हें उदासीन संप्रदाय कहा जाता है।

क्या होती है पेशवाई?

कुंभ में अखाड़ों की पारंपरिक और भव्य शोभायात्रा को पेशवाई कहा जाता है, इस यात्रा के दौरान संत-महंत अपने अनुयायियों और अखाड़ों के साधुओं के साथ सजे-धजे हाथियों, घोड़ों, ऊंटों और बैंड-बाजों के साथ मेले में प्रवेश करते हैं। पेशवाई को कुंभ मेले की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और यह अखाड़ों की परंपरा और भव्यता को दिखाती है। पेशवा एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘अगुआ या सरदार’। मराठा साम्राज्य में मराठों के प्रधानमंत्रियों की उपाधि भी ‘पेशवा’ होती थी। इस शब्द के फारसी मूल का होने के चलते ही इसे बदलने की मांग शुरू हुई थी।

महाकुंभ के दौरान इसे बदलकर ‘छावनी प्रवेश’ कर दिया गया है। यहां यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि अखाड़ों के प्रवेश को छावनी प्रवेश कहा जाना दिखाता है कि किस तरह अखाड़ों में शस्त्र की परंपरा रही है। मौजूदा परिदृश्य में छावनी का इस्तेमाल सेना के क्षेत्र के लिए किया जाता है। सनातन की रक्षा के लिए अखाड़ों में भी उच्च स्तरीय शस्त्र ज्ञान देने की परंपरा रही है। वहीं, अखाड़े के कुछ प्रमुख साधु जिन्हें महामंडलेश्वर भी कहा जाता है वो सामान्यत: ‘छावनी प्रवेश’ के दौरान रथ पर सवार होते हैं जबकि अन्य साधु-संत नाचते-गाते रथ के साथ पैदल यात्रा करते हैं।

वैदेही वल्लभ देवाचार्य कहते हैं कि छावनी की परंपरा रामायण काल से चली आ रही है और अब इस नाम की पुनरावृत्ति कर उसी संस्कृति को वापस लाने की कोशिश की जा रही है। वल्लभ देवाचार्य ने इस पहल को सकारात्मक बताया है।

क्या होता है शाही स्नान?

महाकुंभ में शाही स्नान एक महत्वपूर्ण और भव्य अनुष्ठान होता है। इसमें अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक रूप से गंगा, यमुना और विलुप्त सरस्वती नदी के संगम में स्नान करते हैं। शाही स्नान हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है और यह मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शाही स्नान का नेतृत्व विभिन्न अखाड़ों के प्रमुख साधु, नागा साधु और महामंडलेश्वर करते हैं। यह आयोजन कुंभ मेले की सबसे खास और आकर्षक परंपराओं में से एक होता है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।

शाही स्नान को लेकर मान्यता है कि प्राचीन काल में जब राजा-महाराजा कुंभ में स्नान करते थे, तो उनके साथ संत-महात्मा और राजगुरु भी स्नान करते थे। इस परंपरा को तब से शाही स्नान कहा जाता रहा है। लेकिन अब इसका नाम भी बदलकर अमृत स्नान किया गया है। यह भी हिंदू संस्कृति को पुन: जागृत करने की कोशिश है। कुंभ के आयोजनों के स्थलों का इतिहास भी अमृत कलश से गिरी बूंदों से ही जुड़ा हुआ है, ऐसे में शाही स्नान को अमृत स्नान किया जाना पूरी तरह तर्कसंगत भी है।

महाकुंभ में इन आयोजनों के नामों को बदलने की यह पहल न केवल सनातन परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास है बल्कि हिंदू संस्कृति की गहरी जड़ों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। ‘छावनी प्रवेश’ और ‘अमृत स्नान’ जैसे नए नामों को अपनाने से कुंभ की धार्मिक और आध्यात्मिक पहचान और अधिक मजबूत होगी। साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सहमति से किए गए ये बदलाव और इन्हें आगे भी जारी रखने से सनातन धर्म की समृद्ध परंपराओं को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

स्रोत: महाकुंभ, महाकुंभ 2025, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज, योगी आदित्यनाथ, शाही स्नान, पेशवाई, अमृत स्नान, Maha Kumbh, Maha Kumbh 2025, Uttar Pradesh, Prayagraj, Yogi Adityanath
Tags: Maha KumbhMaha Kumbh 2025PrayagrajUttar PradeshYogi Adityanathअमृत स्नानउत्तर प्रदेशपेशवाईप्रयागराजमहाकुंभमहाकुंभ 2025योगी आदित्यनाथशाही स्नान
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘विवादित ढांचा है, मस्जिद नहीं’: संभल पर सुनवाई में हाई कोर्ट का बड़ा आदेश- कहा ‘कथित मस्जिद’ लिखो

अगली पोस्ट

भारत में ट्रेडमार्क उल्लंघन पर अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति! अमेज़न को चुकाने होंगे 340 करोड़ – दिल्ली हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

संबंधित पोस्ट

डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया
इतिहास

डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

21 October 2025

भारत के राजनीतिक इतिहास में कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जो केवल संगठन की नहीं, बल्कि एक विचार की जन्मतिथि होती हैं। 21 अक्टूबर 1951...

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी
इतिहास

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

21 October 2025

1942 का वर्ष भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में केवल एक तारीख़ नहीं था, यह उस समय की गवाही थी, जब देश के भीतर...

शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी
इतिहास

शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

21 October 2025

पुणे का शनिवार वाड़ा केवल पत्थरों से बनी एक ऐतिहासिक इमारत नहीं है, बल्कि यह मराठा स्वाभिमान, हिंदू गौरव और पेशवाओं की उस वैभवशाली परंपरा...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited