उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है। जिस प्रदेश को कभी ‘बीमारू राज्य’ कहा जाता था, वह आज भारत की आर्थिक शक्ति का केंद्र बनकर उभर रहा है। योगी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सुविचारित नीतियों और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण के चलते यूपी ‘उद्यम प्रदेश’ में परिवर्तित हो चुका है।
सरकार के प्रबल प्रयासों का ही परिणाम है कि अब तक 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है। इससे 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है, और प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश अब 30 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के ऐतिहासिक आंकड़े को छूने की ओर अग्रसर है, जो इसे भारत के सबसे समृद्ध राज्यों की श्रेणी में खड़ा करेगा।
‘बीमारू’ से ‘ब्रेक-थ्रू’ प्रदेश
उत्तर प्रदेश ने बीते आठ वर्षों में जिस अप्रत्याशित बदलाव का अनुभव किया है, वह भारतीय राजनीति और शासन का एक अनूठा उदाहरण बन चुका है। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी, तो उन्होंने ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के विजन को अपनाते हुए प्रदेश को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जो राज्य कभी ‘बीमारू’ की श्रेणी में आता था, वह आज देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत ग्रोथ इंजन और निवेशकों का पसंदीदा केंद्र बन चुका है। प्रदेश में उद्योग, रोजगार और कारोबारी सुगमता को प्राथमिकता दी गई, जिससे उत्तर प्रदेश ने ‘उद्यम प्रदेश’ के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
योगी सरकार के प्रभावी प्रयासों से उत्तर प्रदेश में अब तक 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसका सीधा लाभ युवाओं को मिला है, क्योंकि इससे 60 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इन ठोस प्रयासों के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था लगातार विस्तार कर रही है, और प्रदेश की जीडीपी जल्द ही 30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने की ओर अग्रसर है।
राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। कारोबारियों और निवेशकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर विशेष जोर दिया गया, जिससे उत्तर प्रदेश ने विश्व बैंक की रैंकिंग में 14वें स्थान से छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर अपनी जगह बना ली। पारदर्शिता और प्रक्रिया की सुगमता बढ़ाने के लिए ‘निवेश मित्र’ पोर्टल शुरू किया गया, जिससे राज्य में निवेश का माहौल और अनुकूल हुआ।
प्रदेश को वैश्विक निवेश के नक्शे पर लाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहल कीं। 2018 में पहली बार ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ आयोजित हुई, जिसके बाद इस दिशा में लगातार बड़े कदम उठाए गए। फरवरी 2023 में आयोजित ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ में प्रदेश को ऐतिहासिक निवेश प्रस्ताव मिले, जिनके कार्यान्वयन के लिए सरकार ने ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी’ जैसी योजनाएं शुरू कीं। अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की जा चुकी हैं, जिससे करोड़ों रुपये की परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सका।
उत्तर प्रदेश में लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों के विकास को भी नई गति दी गई है, जिससे 90 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए। राज्य के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जहां 2017 में यह आंकड़ा 86 हजार करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल और फार्मा सेक्टर में 63,475 करोड़ रुपये के निवेश से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और विनिर्माण उद्योग को भी मजबूती मिली है।
राज्य के बुनियादी ढांचे में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। एक्सप्रेसवे, नए हवाई अड्डों और डिजिटल कनेक्टिविटी पर सरकार का खास ध्यान रहा, जिससे प्रदेश को एक मजबूत व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सका। प्रधानमंत्री मित्र योजना के तहत लखनऊ-हरदोई में मेगा टेक्सटाइल पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर और कन्नौज में परफ्यूम पार्क जैसी परियोजनाएं राज्य में औद्योगिक क्रांति को और गति दे रही हैं।
युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के तहत हजारों नए उद्यमों को वित्तीय सहायता दी गई, जिससे स्वरोजगार के अवसर बढ़े। औद्योगिक गतिविधियों को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण समेत कई संस्थाओं को सशक्त किया गया। नोएडा के बाद प्रदेश में 47 वर्षों बाद बीडा के रूप में एक नया औद्योगिक शहर बसाने की प्रक्रिया भी जारी है, जिससे भविष्य में रोजगार और निवेश के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
योगी सरकार के ठोस प्रयासों से उत्तर प्रदेश अब ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी’ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। औद्योगिक निवेश, रोजगार सृजन और आधारभूत संरचना में सुधार के कारण प्रदेश की आर्थिक विकास दर ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। आने वाले वर्षों में यह परिवर्तन और अधिक प्रभावी होगा, जिससे उत्तर प्रदेश विकास के एक नए युग में प्रवेश करेगा।