चहल-धनश्री के तलाक पर कल फैसला देगा कोर्ट; ₹60 करोड़ नहीं धनश्री को मिलेंगे सिर्फ इतने रुपए

जानें क्यों तलाक के मामलों में फैसलों से पहले दी जाती है कूलिंग-ऑफ अवधि?

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा

भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल और अलग रह रही उनकी पत्नी धनश्री वर्मा की तलाक के लिए छह महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की मांग करने वाली याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार (19 मार्च) को स्वीकार कर लिया है। इस याचिका में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी के तहत निर्धारित छह महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि खत्म करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत से कहा है कि वे कल तक चहल और धनश्री की याचिका पर फैसला करें। चहल को IPL के मैच खेलने थे जिसके चलते उन्होंने कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग की थी। इससे पहले 20 फरवरी को पारिवारिक न्यायालय ने कूलिंग-ऑफ अवधि में छूट देने की मांग को खारिज कर दिया था।

‘बार ऐंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट के जज माधव जामदार ने कहा, “चूंकि, याचिकाकर्ता 1 (चहल) IPL में भाग ले रहे हैं, इसलिए उनके (वकील) ने सूचित किया है कि वह 21 मार्च से उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, इसलिए पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश से अनुरोध है कि वे कल तक याचिका पर निर्णय ले लें।” कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया है कि चहल और धनश्री करीब ढाई साल से अलग रह रहे थे और गुजारा भत्ता के भुगतान के संबंध में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति की शर्तों का अनुपालन किया गया है।

क्या है कूलिंग-ऑफ अवधि?

हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) में बताया गया है कि पारिवारिक न्यायालय तलाक के लिए आपसी याचिका पर उसके दाखिल होने की तारीख से कम-से-कम छह महीने बाद ही विचार कर सकता है। दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावनाओं को तलाशने के लिए 6 महीनों की यह अवधि प्रदान की जाती है। गौरतलब है कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि यदि पक्षों के बीच विवाद के निपटारे की कोई गुंजाइश नहीं है तो कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ किया जा सकता है। दिसंबर 2020 में शादी करने वाले चहल और धनश्री जून 2022 में अलग हो गए थे और बीते 5 फरवरी को उन्होंने तलाक की याचिका दायर की थी।

कितना मिलेगा गुज़ारा भत्ता?

पारिवारिक अदालत ने जब कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग वाली याचिका खारिज की थी तो उसमें एक अहम वजह चहल द्वारा पूरा भुगतान ना किया जाना बताया था। पारिवारिक अदालत ने तब कहा था कि चहल को धनश्री को ₹4.75 करोड़ का भुगतान करना था जिसमें से केवल ₹2.37 करोड़ का भुगतान किया गया था। हालांकि, इससे पहले सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ी थीं कि चहल, धनश्री को गुज़ारा भत्ता के तौर पर ₹60 करोड़ का भुगतान करेंगे। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट की समझौते की राशि ₹60 करोड़ ना होकर ₹4.75 करोड़ ही है।

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