भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने औपचारिक तौर पर डॉक्टर दिलीप जायसवाल को पार्टी की बिहार इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। केंद्रीय मंत्री और बिहार के भाजपा के संगठन चुनाव के पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार (4 मार्च) को पटना के बापू सभागार में प्रदेश परिषद की बैठक में इसका औपचारिक एलान कर दिया है। प्रदेश परिषद की इस बैठक में प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक के करीब 15 हजार कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए हैं। दिलीप जायसवाल ने सोमवार को चुनाव पदाधिकारी सह प्रदेश महामंत्री राजेश वर्मा के सामने प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपना पर्चा दाखिल किया था। उनके अलावा किसी ने इस पद के लिए पर्चा दाखिल नहीं किया था। इस दौरान बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ मंत्री मंगल पांडेय और विधान परिषद के सदस्य संजय मयूख उनके प्रस्तावक बने थे।
इससे पहले दिलीप जायसवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में राजस्व मंत्री थे और पिछले महीने के आखिर में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जायसवाल ने इस्तीफा देते समय कहा था कि वह पार्टी के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत पर चलते हुए ही काम करेंगे। इससे पहले सम्राट चौधरी ने बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद जायसवाल को प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। बीजेपी में अगले कुछ दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होना है ऐसे में इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।
कौन हैं दिलीप जायसवाल?
दिलीप जायसवाल मूल रूप से बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले हैं और अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं। लंबे समय संघ से जुड़े रहे जायसवाल की सीमांचल क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। वे लगातार 20 सालों तक BJP के कोषाध्यक्ष रहे हैं और उन्हें संगठन की बेहतर समझ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में उनकी गिनती की जाती है और वे पूर्णिया, अररिया और किशनगंज क्षेत्र से तीसरी बार के विधान परिषद सदस्य हैं।