‘हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को ठोकेंगे’- राज्यसभा में खरगे के बिगड़े बोल, नड्डा के पलटवार के बाद मांगी माफ़ी

जानें क्या है पूरा मामला

राज्यसभा में खरगे के बिगड़े बोल, नड्डा के पलटवार के बाद मांगी माफ़ी

राज्यसभा में खरगे के बिगड़े बोल, नड्डा के पलटवार के बाद मांगी माफ़ी

कांग्रेस इन दिनों अपने नेताओं के बेलगाम बयानों के कारण विवादों में घिरी हुई है। जहां 54 वर्षीय कथित युवा नेता राहुल गांधी अपने ‘बाजरे के पिज़्ज़े’ वाले बयान को लेकर ट्रोल हो रहे हैं, वहीं कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर अनर्गल टिप्पणी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है जिसका मुंहतोड़ जवाब रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी जीत कर दिया है। सोशल मीडिया पर दोनों की जमकर आलोचना हो रही है, लेकिन अब राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐसा बयान दे दिया, जिसने पूरे सदन में हंगामा खड़ा कर दिया।

उनके इस गैर-जिम्मेदाराना बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए इसे “असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदार बयानबाजी” करार दिया। बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष को माफी मांगनी पड़ी, लेकिन तब तक यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन चुका था।

 

राज्यसभा में खरगे  के ‘ठोकने’ वाले बयान पर हंगामा

राज्यसभा में मंगलवार को नई शिक्षा नीति और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की, लेकिन जैसे ही उपसभापति ने उन्हें बोलने से रोका, खड़गे ने भड़कते हुए कहा, “यहां तानाशाही चल रही है।” हालांकि, विवाद तब और बढ़ गया जब उन्हें दोबारा रोका गया। गुस्से में खड़गे ने कहा, “क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को ठोकेंगे।” उनके इस बयान ने सत्ता पक्ष को आक्रोशित कर दिया और सदन का माहौल गरमा गया।

भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता सदन जे.पी. नड्डा ने खरगे के इस बयान को अमर्यादित और अस्वीकार्य करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “नेता विपक्ष का इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना संसदीय मर्यादा के खिलाफ है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।” नड्डा ने उपसभापति हरिवंश से मांग की कि सदन की कार्यवाही से ऐसे शब्द हटाए जाएं।

सत्तापक्ष के सांसदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद खरगे को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, “मैंने आसन (सभापति) के लिए ऐसा कुछ नहीं कहा। अगर मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन मैंने ‘ठोको’ शब्द सरकार की नीतियों के लिए इस्तेमाल किया था।” हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि सरकार से वह किसी भी हाल में माफी नहीं मांगेंगे।

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