बांग्लादेश में नहीं थम रहा कट्टरपंथियों का आतंक: हिंदू मंदिर पर आधी रात किया हमला, खंडित कर दी मूर्ति

बांग्लादेश हिंदू मंदिर हमला

बांग्लादेश में हिंदू और उनके मंदिरों पर हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब सिराजगंज जिले में स्थित दुर्गा मंदिर में हमला कर मां सरस्वती की मूर्ति खंडित कर दी गई। मंदिर के संरक्षक का कहना है कि किसी ने बाहर से बांस मारकर इस घटना को अंजाम दिया है। घटना शनिवार-रविवार (1-2 फरवरी, 2025) दरमियानी रात की है।

बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, मां दुर्गा का यह मंदिर बांग्लादेश के सिराजगंज जिले के काजीपुर उपजिला की सोनामुखी बाजार में स्थित है। इस मंदिर को ‘शिखा स्मृति सर्वजन दुर्गा मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। सर्वजन अर्थात यह मंदिर सार्वजनिक था और आसपास के हिंदू श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा-पाठ करते थे। शनिवार (1 फरवरी, 2025) की शाम पूजा-अर्चना के बाद जब मंदिर को बंद किया गया तो अंदर विराजित मूर्तियां पूरी तरह सुरक्षित थीं। लेकिन अगली सुबह यानी रविवार (2 फरवरी, 2025) की सुबह जब मंदिर खोला गया तो एक मूर्ति खंडित अवस्था में मिली।

दुर्गा मंदिर के संरक्षक जतिन कुमार कर्माकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा है, “मैं हर रोज मंदिर में पूजा करने आता हूं। रविवार सुबह जब मैं मंदिर में पूजा करने गया तो वहां देखा कि मूर्ति टूटी हुई है। मंदिर में जाली नुमा गेट लगा हुआ है। इस गेट के बाहर से ही किसी ने अंदर बांस डाललर मूर्ति पर हमला किया और नीचे गिरा दिया। इससे मूर्ति टूट गई।” जतिन कुमार ने इस घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी है। साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की।

काजीपुर उपजिला के EO दीवान अकरमुल हक और काजीपुर थाने के ओसी नूरी आलम ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का जायजा लिया। नूरी आलम ने कहा है, “घटनास्थल की जांच की है। रात के समय हमला कर मंदिर में स्थापित मूर्ति खंडित की गई है। जांच जारी है, इस घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।”

पहले भी हुए हैं हिंदू और मंदिर पर हमला

बता दें कि इससे पहले भी बांग्लादेश में कई हिंदुओं और हिंदू मंदिरों में हमला होने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 की एक घटना को देखें तो कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के उत्तरी जिले नाटोर में स्थित एक श्मशान घाट में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। साथ ही, इस दौरान सदियों पुराने इस श्मशान घाट के मंदिर में रखे पीतल, तांबे और कांसे के बर्तनों को चुरा लिया था। इस मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष सुबल दास ने कहा था कि ह श्मशान सैकड़ों वर्ष पुराना है और यहां स्थित मंदिर लोगों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र था। इस मंदिर में नियमित तौर पर पूजा की जाती थी और हर शुक्रवार को यहां धार्मिक समारोह का आयोजन भी किया जाता था। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस मामले को लेकर कहा था कि ‘तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई’। इस पर बांग्लादेश के ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ ने सफाई देते हुए कहा था कि तरुण की हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई है।

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