इस्लामी आक्रांता औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। सड़क से विधानसभा तक पहुंचने के बाद अब मामला हाई कोर्ट जा पहुंचा है। दरअसल, एक व्यक्ति ने औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इतना ही नहीं, याचिका में औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने की भी मांग की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर शुक्रवार (21 मार्च। 2025) को बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका केतन तिरोडकर नामक व्यक्ति ने दायर की है। अपनी याचिका में केतन तिरोडकर ने औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करने तथा पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने केतन तिरोडकर हाई कोर्ट को सौंपे आवेदन में कहा है कि औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची में शामिल करना, पुरातत्व सर्वेक्षण भारत अधिनियम, 1958 की धारा 3 के साथ संगत नहीं है। इसलिए इसे सूची से हटा दिया जाना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले VHP और बजरंग दल ने भी सरकार से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की थी। दोनों संगठनों ने कहा था कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं मानी गईं तो वे कारसेवा करेंगे।
महाराष्ट्र के के पुणे में आयोजित एक कार्यकम के बाद मीडिया से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के एक नेता ने कहा था कि औरंगजेब का इतिहास उसकी क्रूरता से भरा हुआ है। उसने अपने पिता को कैद कर लिया था और अपने भाइयों को मार डाला साथ ही हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया। उसकी कब्र का यहां होना केवल उसके अत्याचारों का महिमामंडन करना है। महाराष्ट्र सरकार को इसे तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो इसे लेकर कारसेवा की जाएगी, जैसा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान किया गया था।
इस मामले में TFI से मीडिया से बात करते हुए VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा था, “औरंगजेब इस्लामी आक्रांता था। वह इतिहास का एक क्रूर चेहरा था, उसने मानवता को शर्मशार करते हुए नारीजाति का अपमान किया। उसने हिंदू धर्म स्थलों को तोड़ा, लाखों लोगों का धर्मांतरण किया और सनातन धर्म संस्कृति को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया। ऐसे दुर्दांत अत्याचारी की कब्र भारत के किसी भी कोने में नहीं होने चाहिए थी, फिर शिवाजी की कर्मभूमि, पुण्यभूमि पर इस्लामी आक्रांता की कब्र होना देश का दुर्भाग्य है।”