रेल संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित, वैष्णव बोले- 11 वर्षों में ब‍िछाए गए 34000 Km नए रेलवे ट्रैक, नहीं होगा निजीकरण

11 वर्षों में 45,000 किमी से ज्यादा ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है: रेल मंत्री

रेलवे में एनडीए की सरकार में 5 लाख 2 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है: रेल मंत्री

रेलवे में एनडीए की सरकार में 5 लाख 2 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है: रेल मंत्री

नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में रेल संशोधन विधेयक 2025 पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस दौरान रेल मंत्री ने कहा कि 11 वर्षों में 34,000 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक ब‍िछाए गए हैं। यह जर्मनी जैसे समृद्ध देश से ज्यादा है। 45,000 किमी से ज्यादा ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है। उन्होंने बताया कि डीजल ट्रैक्शन के मुकाबले इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में 95 फीसदी प्रदूषण कम होता है।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि 11 वर्षों में रेलवे के डिब्बों में 3 लाख 10 हजार टॉयलेट बने हैं। उन्होंने बताया कि यूपीए की सरकार में जहां रेलवे में 4 लाख 11 हजार व्यक्तियों को रोजगार दिया गया था, वहीं एनडीए की सरकार में 5 लाख 2 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है। रेल मंत्री ने बताया कि इस वर्ष कुंभ में जो सुविधाएं की गईं थींं, उन्हें 60 स्टेशनों पर स्थाई तौर पर चालू किया जाएगा।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि जिन यात्रियों के पास कंफर्म टिकट है, केवल वही रेलवे स्टेशन पर जा पाएंगे, ताकि प्लेटफार्म पर भीड़ न हो। भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर केवल उतने ही टिकट द‍िए जाएंगे, जितनी ट्रेन में सीटें हैं। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के समय 13,000 विशेष गाड़ियां चलाने का प्लान था और वास्तविकता में 17,000 गाड़ियां चलाई गईं। प्रधानमंत्री लगातार पूरी स्थिति का फॉलोअप करते थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ लगातार संवाद होता था

उन्होंने रेलवे की एक परीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ग्रुप डी की एक परीक्षा में एक करोड़, 26 लाख उम्मीदवार बैठे। 68 दिन तक परीक्षा चली, 133 शिफ्टों में, 211 शहरों में 726 केंद्रों पर 15 भाषाओं में यह परीक्षा हुई। कहीं कोई समस्या नहीं हुई। उन्होंने बताया कि यूपीए के समय में केवल 800 रेलवे स्टेशनों का डिजिटल कंट्रोल पूरा हुआ था। अब हमारी सरकार में 3243 रेलवे स्टेशन का डिजिटल कंट्रोल किया गया है

उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में केवल 90 फॉग सेफ्टी डिवाइस थे। आज देश भर में 26000 फॉग सेफ्टी डिवाइस हैं। 50,000 किलोमीटर पुरानी पटरियों को हटाकर नई पटरियां लगाने का काम किया गया है। रेल मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013-14 में 365 दिन में 2548 रेल फैक्चर होते थे। आज वह संख्या 91 फीसदी कम हो गई है। ट्रेनिंग के लिए सिम्युलेटर लगाए जा रहे हैं। रेलवे लोको पायलट के रनिंग रूम एयर कंडीशन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 60 साल बनाम 11 साल को देख लीजिए इन 11 साल के कामों में आपको अधिक शक्ति, अधिक उपलब्धियां दिखेंगी।

इस विधेयक पर हुई चर्चा में राज्यसभा के 25 सांसदों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद राज्य सरकारों की शक्तियों में कोई कमी नहीं आएगी। रेल मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, उन राज्यों को भी रेल के बजट में अच्छा खासा धन आवंटन किया गया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु आदि जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां पहले के मुकाबले अधिक बजट आवंटित किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फिर से कहा कि इससे रेलवे का ना तो निजीकरण होगा और ना ही केंद्रीयकरण। उन्होंने कहा कि इस बिल से संसद के अधिकारों में कहीं कोई कमी नहीं आएगी।

रेल मंत्री ने बताया कि पहले सालाना 171 रेल दुर्घटनाएं होती थींं, लेकिन आज वे घटकर 30 हो गई हैं। हालांकि हमें और भी प्रयास करने हैं। उन्होंने बताया कि एंटी कोल्युजन सिस्टम ‘कवच’ के लिए 10,000 लोकोमोटिव के लिए टेंडर दिया गया है। 15,000 किलोमीटर पर कवच का काम एक साथ चल रहा है।

गौरतलब है कि रेल संशोधन विधेयक 2024 बीते वर्ष लोकसभा में पास हो चुका है। यह विधेयक रेलवे बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाने और परिचालन दक्षता में सुधार करने के लिए रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन करने का काम करेगा। विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 को रेलवे अधिनियम,1989 में एकीकृत करना शामिल है।

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