‘स्तन पकड़ना रेप की कोशिश नहीं’ फैसला देने वाले जज को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई खरी-खरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने नाबालिग से रेप की कोशिश के मामले में दिया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है

इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘रेप की कोशिश’ से जुड़े मामले को लेकर दिए एक फैसले के बाद लगातार विवाद हो रहा है और कई दिनों के इंतज़ार के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की भी नींद टूट गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (26 मार्च) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विवादित आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी नाबालिग पीड़िता के स्तनों को पकड़ना या उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार या बलात्कार का प्रयास के तहत अपराध नहीं है और इस फैसले के बाद महिलाओं सुरक्षा को लेकर बहस शुरू हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाते हुए यह फैसले देने वाले जज को खूब खरी-खरी सुनाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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