भक्तों का इंतज़ार हुआ खत्म, 3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा; जानें सरकार की क्या है तैयारी

3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल दोनों मार्गों से एकसाथ शुरू होगी

अमरनाथ गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है

अमरनाथ गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है

बाबा बर्फानी के दर्शन करने का भक्तों का इंतज़ार जल्द खत्म होने जा रहा है। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा 2025 की अमरनाथ यात्रा की तारीखों का एलान कर दिया गया है। दक्षिण कश्मीर में स्थित 3,888 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा आगामी 3 जुलाई से शुरू होगी और यह 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार (5 मार्च) को हुई बैठक में यात्रा की तारीखें तय की गई हैं। 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल दोनों मार्गों से एकसाथ शुरू होगी और जल्द ही इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

बोर्ड की बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाने से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा हुई है। बैठक में जम्मू, श्रीनगर और अन्य स्थानों पर केंद्रों पर ठहरने की क्षमता बढ़ाने, ई-केवाईसी के लिए यात्री सुविधा केंद्रों का संचालन, आरएफआईडी कार्ड जारी करने, नौगाम और कटरा रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों का मौके पर पंजीकरण करने के उपायों पर चर्चा की गई। उप-राज्यपाल सिन्हा ने बैठक में लाइन विभागों द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और यात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त व्यवस्था और अपेक्षित सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है

अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर में हिमालय की पहाड़ियों के बीच स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह गुफा अधिकतर समय बर्फ से ढकी रहती है और सिर्फ गर्मियों के कुछ दिनों में ही खुलती है। खास बात यह है कि यहां हर साल बर्फ से बनने वाला प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। गुफा की छत से पानी की बूंदें टपकती हैं, जो ठंड के कारण जमकर शिवलिंग का आकार ले लेती हैं। माना जाता है कि यह शिवलिंग चंद्रमा की रोशनी के अनुसार छोटा-बड़ा होता है।

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