त्रिपुरा के मंत्री ने औरंगजेब को बताया चोर-लुटेरा-आतंकी तो भड़के वामपंथी, राज्यपाल को पत्र लिख की शिकायत

त्रिपुरा सुधांशु दास

त्रिपुरा के मंत्री ने औरंगजेब को बताया लुटेरा-आतंकी तो भड़के वामपंथी, राज्यपाल से की शिकायत

त्रिपुरा के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुधांशु दास ने औरंगजेब को इस्लामी आतंकी बताते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस, सपा और वामपंथी औरंगजेब के नाम का उपयोग कट्टरपंथियों के वोट हासिल करने के लिए कर रही हैं। उनके इस पोस्ट को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक और त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र चौधरी ने राज्यपाल को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा, एक अल्पसंख्यक संगठन ने सुधांशु दास के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है।

क्या है मामला:

दरअसल, त्रिपुरा सरकार में मंत्री सुधांशु दास ने गत 12 मार्च को फ़ेसबुक पर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “औरंगजेब ने सैकड़ों हिंदू मंदिरों को नष्ट किया, सैकड़ों हिंदुओं, मराठों और सिखों को मारा। इस्लाम स्वीकार न करने पर सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर और छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या कर दी।भारत के विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इस्लामी आतंकवादी, लुटेरे, चोर, बर्बर पशु जैसे पापी औरंगजेब का उपयोग कट्टरपंथियों के वोट के लिए कर रही हैं। लोकतंत्र में विश्वास करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि ये पार्टियां देश के लिए कितनी खतरनाक हैं।”
इस पोस्ट को लेकर CPI (M) विधायक और त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र चौधरी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में जितेंद्र चौधरी ने लिखा है, “इस पोस्ट में न केवल इस देश के कुछ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के लिए अत्यधिक अपमानजनक और गंभीर रूप से आपत्तिजनक बात लिखी गई है, बल्कि इससे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को भी गंभीर रूप से चोट पहुंची है। खासतौर से ​​राज्य और देश के अल्पसंख्यक समुदाय के बीच असुरक्षा की भी भावना उत्पन्न हुई है।”
इसके अलावा जितेंद्र चौधरी ने इस पत्र में सुधांशु दास के पोस्ट को सांप्रदायिक और भड़काऊ लिखते हुए आपराधिक कृत्य बताने की कोशिश की है। साथ ही सुधांशु दास को सरकार से हटाने की भी मांग की है। 
वास्तव में देखें तो त्रिपुरा सरकार में मंत्री सुधांशु दास ने अपने पोस्ट में औरंगजेब को लेकर जो कुछ भी कहा है वह तो पूरी तरह से सही है। कई इतिहासकारों से लेकर ऐतिहासिक दस्तावेज भी यह बताते हैं कि इस्लामी आक्रांता औरंगजेब ने भारतीय महिलाओं से लेकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ कितनी अधिक क्रूरता की थी। इसके अलावा धर्मांतरण करने और हिन्दू मंदिरों को तोड़ने के लेकर भी कई ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर सच लिखने से वामपंथियों को आपत्ति होना स्वाभाविक सी बात थी। लेकिन इस मसले पर राज्यपाल को खत लिखना न केवल हैरान करता है बल्कि बेहद हास्यास्पद भी है। 
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ महीनों में औरंगजेब की तारीफ करने वाले लोगों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उससे यह समझ आता है कि राजनीतिक दल सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ही औरंगजेब के नाम का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी जिस तरह से कट्टरपंथी कौम औरंगजेब की ‘अच्छाइयां’ बताने में तुली हुई है, उससे यह और भी स्पष्ट हो जाता है कि एक कौम विशेष को खुश करने और उनके वोट के लिए ही कुछ राजनीतिक पार्टियां औरंगजेब का गुणगान करने में जुटी हुई हैं।
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