राज्यसभा में मंगलवार (11 मार्च) को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो 11 बजकर 5 मिनट पर उप-सभापति हरिवंश ने एक प्रस्ताव पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम पुकारा। रवनीत बिट्टू को ‘द नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट’ की परिषद में एक सदस्य की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव पेश करना था। लेकिन उस समय तक मंत्री रवनीत सदन में उपस्थित नहीं थे जिसे लेकर केंद्र सरकार की खूब फजीहत हुई। सोमवार को ही राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्षी सदस्यों के लिए ‘रिफ्रेशर’ कोर्स करवाने की सलाह दी थी और मंत्री के समय से उपस्थित ना होने पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पलटवार का मौका मिल गया। इस दौरान सदन के कुछ सदस्यों ने मंत्री को ‘लापता’ बताया।
खरगे ने क्या कहा?
रवनीत बिट्टू का नाम पुकारने के बाद राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश इधर-उधर देखते रहे और तभी अन्य सदस्यों ने मंत्री के अनुपस्थित होने की जानकारी दी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सीट पर खड़े हो गए। खरगे ने कहा, “हमें कार्यवाही के नियमों की ट्रेनिंग देने की बात कहने वाले नड्डा साहब से मैं यह पूछ रहा हूं कि आपने कल कहा कि विपक्षी सांसदों को नियमों की जानकारी देनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “आप (नड्डा) इसकी ट्रेनिंग क्यों नहीं लेते हैं, आपके लोग समय पर नहीं आते हैं, मंत्री भी नहीं आते हैं।” खरगे ने इसे शर्म की बात बताया है।
नड्डा ने क्या कहा था?
सोमवार को विपक्ष दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर राज्यसभा में ज़ोरदार हंगामा किया था। इसके बाद जब पीठासीन अधिकारी ने इन मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग खारिज कर दी तो विपक्ष ने वॉक-आउट कर दिया था। नड्डा ने विपक्षी सांसदों के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष सहित सभी विपक्षी सदस्यों को ‘रिफ्रेशर’ कोर्स कराया जाए। नड्डा ने कहा था, “हम चर्चा के लिए तैयार हैं। इसमें अल्पकालिक चर्चाओं का प्रावधान है और दीर्घावधिक चर्चाओं का भी प्रावधान है। वे (विपक्ष) नियमों को नहीं पढ़ते हैं। विपक्षी सांसदों को रिफ्रेशर कोर्स करना चाहिए और सदन के नियम-कायदों को समझना चाहिए।”