आतंकी हमले में अखिलेश को क्यों नजर आ रहा है सियासी फायदा? बयान पर मचा बवाल

पहलगाम आतंकी हमले के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। इससे एक बार फिर वह निशाने पर आ गए हैं।

Akhilesh Yadav on Pahalgam terrorist attack

Akhilesh Yadav on Pahalgam terrorist attack

Akhilesh Yadav On Pahalgam Terrorist Attack: कोई आतंकी हमला हो या कोई बड़ी घटना भारत में इसके सियासी एंगल जरूर निकल आते हैं। खासकर जब किसी हिंदू को टारगेट बनाया गया हो तो उसमें कुछ दल अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को महफूज रखने की कोशिश में लग जाते हैं। पहलगाम में हुए खूंखार हमले के बाद भी देश में कई सियासी दल इसी रास्ते में चल पड़े हैं। हाल ही में समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। इसमें उनका पूरा ध्यान मारे गए लोगों के प्रति शोक के स्थान पर अपनी पार्टी और उसके विचार पर केंद्रित रहा है।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहीं भी धर्म पूछकर मारे जाने के बारे में बात ही नहीं की है और न ही उन्होंने इसको इस बात को गलत नहीं ठहराया। इसके उलट उन्होंने सोशल मीडिया में लोगों और नेताओं के आक्रोश को ही गलत ठहरा दिया। पूरे संबोधन उन्होंने कार्रवाई करने की अपील तो की लेकिन यह साबित करने में रह गए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता (Terrorists Have No Religion) है।

पढ़िए अखिलेश यादव ने क्या कहा है?

जो घटना हुई है वहां, जो टूरिस्ट शहीद हुए हैं ये बेहद दुखद है। लेकिन, जो तस्वीरें वीडियो सोशल मीडिया, यूट्यूब और मेन स्ट्रीम मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं। ये गंभीर विषय हैं। इसी कारण हमने तय किया है कि ऑल पार्टी मीटिंग में समाजवादी पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव शामिल रहेंगे। इस मीटिंग में हम समाजवादी पार्टी का रुख रखेंगे।

आगे अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसी घटना की हम निंदा करते हैं। सरकार ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। ये किसी धर्म के नहीं होते। उनका मकसद यही है की डर और टेरर पैदा किया जाए। देश प्रदेश के कारोबार को रोका जाए। वहां के लोगों को नुकसान पहुंचाया जाए। देश में इसके खिलाफ गुस्सा है।

पहलगाम हमले में टारगेट किलिंग और उसके बाद सोशल मीडिया में गुस्से के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी सियासी पार्टी को ऐसी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए। ये देश का सवाल है। हमारी पार्टी सुझाव मीटिंग ये भी होगा कि जिस तरह से सोशल मीडिया में जैसे तस्वीर डाली गई। इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की गई। हम भारत सरकार के सामने ये बात रखेंगे की ऐसी चीजों को रोकना आपकी जिम्मेदारी है।

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अखिलेश के खिलाफ गुस्सा

अखिलेश यादव के बयान के बाद सोशल मीडिया में भी उनकी आलोचना हो रही है। वीडियो पोस्ट कर लोग सपा प्रमुख से लगातार सवाल कर रहे हैं। साथ ही उनपर इस घटना में भी मुस्लिम वोट बैंक को साधने का आरोप लगा रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर @IRinitiPandey हैंडल से लिखा गया ‘ये अखिलेश यादव फिर से आ गया ये कहने कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है । मुस्लिम वोट बैंक ना खिसक जाये , मरने वाले के परिवार रो रोकर कह रहे हैं कि हिंदू धर्म पूछ पूछकर मारा आतंकियों ने । अगर उनका धर्म नहीं होता तो कलमा क्यों पढ़ा रहे थे ?’

वहीं @Lawyer_Kalpana नाम के हैंडल से लिखा गया ‘पहलगाम में हिन्दुओं को चुन-चुनकर मारा गया, और ये टोंटी चोर अखिलेश यादव बोलता है “आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता”? अरे, शर्म करो! ये वही आतंकी हैं जिन्होंने धर्म पूछकर गोलियां चलाईं और तुम हिन्दुओं के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हो? ऐसे सेक्युलरिज्म की सैर करवाने वालों, अब जनता सब देख रही है!’

अखिलेश यादव को दिख रहा सियासी लाभ

अखिलेश यादव के पूरे बयान में आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना से ज्यादा इस बात की चिंता दिखी कि लोग सोशल मीडिया पर आतंक के मजहब का नाम क्यों ले रहे हैं इसे इस्लामी हमला क्यों कह रहे हैं। मुस्लिमों के प्रति नफरत क्यों फैलाई जा रही है और कहीं बीजेपी इसका सियासी फायदा (Political Uproar On Akhilesh Yadav) न उठा ले।

ऐसा कोई पहली दफा नहीं है कि अखिलेश यादव या उनकी पार्टी ने इस तरह का स्टैंड लिया हो। राम मंदिर का मामला हो या उसके बाद उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों को पनाह देने की बात। हमेशा से ही मुलायम सिंह यादव और उनका पार्टी पर हिंदू मुस्लिमों में भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। एक दौर तो वो था जब देश में मुलायम सिंह यादव को मुल्ला मुलायम भी कहा जाने लगा था। अब एक बार फिर अखिलेश यादव को उन्हीं आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

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