पाकिस्तानी नौसेना की मिसाइल ड्रिल से पहले Indian Navy ने दिखाई अपनी ताकत, अरब सागर में गरजा ‘समंदर का शेर’ INS सूरत

जानें क्यों जरूरी था ये परीक्षण

अरब सागर में गरजा 'समंदर का शेर' INS सूरत

अरब सागर में गरजा 'समंदर का शेर' INS सूरत

पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। केंद्र सरकार अब एक्शन मोड में आ चुकी है। बिहार की एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में आतंकियों और उनके सरपरस्तों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं, बल्कि भारत की आस्था पर सीधा प्रहार है। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग इस हमले में शामिल हैं, उन्हें ऐसी सज़ा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। अब वक़्त आ गया है जब आतंक की बची-खुची ज़मीन को भी पूरी तरह मिटा दिया जाएगा। इस कड़े संदेश के कुछ ही घंटों बाद भारतीय नौसेना(Indian Navy) ने भी अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया। नौसेना के युद्धपोत INS सूरत (INS Surat) ने अरब सागर में मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MR-SAM) का सफल परीक्षण किया। यह आधुनिक मिसाइल प्रणाली दुश्मन की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और हवाई खतरों से निपटने में बेहद प्रभावी मानी जाती है। यह परीक्षण ऐसे समय पर हुआ है जब पाकिस्तान नौसेना भी अरब सागर में अपनी मिसाइल ड्रिल की तैयारी में जुटी है।

Indian Navy ने शेयर किया वीडियो 

भारतीय नौसेना ने INS सूरत के मिसाइल परीक्षण का वीडियो जारी करते हुए एक साफ और मज़बूत संदेश देश और दुनिया को दिया है। इस वीडियो के ज़रिए नौसेना ने न सिर्फ अपनी ताक़त दिखाई, बल्कि यह भी जताया कि भारत अब समंदर में भी पूरी तरह आत्मनिर्भर और सशक्त हो चुका है। नौसेना ने इस उपलब्धि को “मील का पत्थर” बताते हुए कहा कि यह परीक्षण देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में हमारे समर्पण का प्रतीक है।

INS सूरत, जो भारतीय नौसेना का सबसे नया स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत है, ने समंदर में अपने लक्ष्य को बिल्कुल सटीकता से मार गिराया। यह सिर्फ एक टेस्ट नहीं था, बल्कि भारतीय सैन्य शक्ति की समुद्री सीमाओं में बढ़ती पकड़ और तकनीकी आत्मनिर्भरता की गूंज थी।

इसी बीच, पाकिस्तान की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। समाचार एजेंसी ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल के बीच कराची तट के पास अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की अधिसूचना जारी की है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां पूरे घटनाक्रम पर चौकस निगाहें बनाए हुए हैं और हर एक हरकत पर पैनी नज़र रखी जा रही है।

इसलिए जरूरी था ये परीक्षण

आईएनएस सूरत(INS Surat) द्वारा अरब सागर में किए गए मिसाइल परीक्षण को महज एक सैन्य ड्रिल समझना भूल होगी। यह परीक्षण उस वक्त हुआ है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश पहले से ही हाई अलर्ट पर है। ऐसे में भारतीय नौसेना का स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सूरत जब तेज़ रफ्तार से उड़ रहे टारगेट पर बेहद सटीक हमला करता है, तो यह केवल तकनीकी सफलता नहीं होती बल्कि यह दुश्मनों को एक सीधा और साफ संदेश होता है कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है।

यह परीक्षण इसलिए भी ज़रूरी और संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान ने भी इसी क्षेत्र अरब सागर में 24-25 अप्रैल के बीच मिसाइल परीक्षण की अधिसूचना जारी की है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम भारत की ओर से लिए गए ताबड़तोड़ और निर्णायक फैसलों के बाद सामने आया है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिए गए थे।

INS सूरत की ताकत सिर्फ उसके मिसाइल लॉन्चिंग सिस्टम तक सीमित नहीं है। यह अत्याधुनिक युद्धपोत खुद से दुश्मन की मिसाइलों को पहचान सकता है और उन्हें हवा या समंदर में ही खत्म कर सकता है। यानी अगर भारत पर कोई समुद्री हमला होता है, तो यह पोत रक्षात्मक ही नहीं, आक्रामक मोड में भी जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है। भारत की ज़्यादातर सीमा समुद्र से जुड़ी हुई है, ऐसे में INS सूरत जैसे युद्धपोतों की भूमिका और भी ज़्यादा अहम हो जाती है।

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