मुर्शिदाबाद हिंसा पर बांग्लादेश जता रहा था चिंता, भारत ने दिखा दिया आईना

बांग्लादेश ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर भारत से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी

मोहम्मद युनूस और पीएम मोदी

मोहम्मद युनूस और पीएम मोदी

भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश भारत की आंतरिक घटनाओं से अपनी तुलना करने की कोशिश कर रहा है, जबकि उसे खुद अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा, “हम मुर्शिदाबाद की घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करते हैं।”

जायसवाल ने आगे कहा, “यह भारत पर उंगली उठाने की आड़ में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों से ध्यान भटकाने की एक चाल है। वहां ऐसे मामलों में दोषी अक्सर सजा से बच निकलते हैं और खुलेआम घूमते रहते हैं।” जायसवाल ने आगे कहा, “अनुचित टिप्पणियां करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले बांग्लादेश ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर भारत से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस घटना में बांग्लादेश को घसीटने की किसी भी कोशिश का उन्होंने कड़ा विरोध किया है। एक प्रेस वार्ता में के दौरान शफीकुल आलम ने कहा, “हम मुर्शिदाबाद की सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को घसीटने की किसी भी कोशिश का कड़ा खंडन करते हैं।” शफीकुल ने आगे कहा, “हम भारत सरकार और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार से अपील करते हैं कि वे वहां के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए जरूरी सभी कदम उठाएं।”

इससे पहले ANI की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि गृह मंत्रालय को मुर्शिदाबाद हिंसा की प्रारंभिक जांच से अवगत कराया गया था जिसमें कथित तौर पर बांग्लादेश के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की बात कही गई थी। गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनों के दौरान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी। यह हिंसा दक्षिण 24 परगना समेत आस-पास के जिलों में फैल गई थी और इसमें 2 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी

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