अमेरिका के टैरिफ वॉर के बीच भारत से नजदीकी बढ़ा रहा चीन, 85 हजार भारतीयों को वीजा दे बोला-स्वागत है दोस्तों

नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फ़ोटो साभार: SCMP)

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर चल रहा है। ऐसे में चीन भारत को लुभाने की हर कोशिश में जुटा हुआ है। अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ साथ खड़े होने की अपील के बाद अब चीन ने एक बयान जारी कर भारतीयों को मित्र कहा है। साथ ही बताया है कि इस साल अब तक चीन 85 हजार से अधिक भारतीयों को वीजा दिया जा चुका है।

दरअसल, भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने अधिक से अधिक भारतीयों को चीन आने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने X पर किए एक पोस्ट में लिखा है:

9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने इस साल चीन की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को 85 हजार से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने के लिए ज्यादा से ज्यादा भारतीय मित्रों का स्वागत है, ताकि वे एक खुले, सुरक्षित, जीवंत, ईमानदार और मैत्रीपूर्ण चीन का अनुभव कर सकें।

उल्लेखनीय है कि साल 2024 में चीनी दूतावास ने वीजा आवेदन नियमों में बदलाव किए थे और कई रियायतें दीं थी। ऐसे में माना जा रहा है कि परिणामस्वरूप इस साल वीजा आवेदकों की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले भारतीयों को वीजा आवेदन के लिए पहले से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसी आवश्यकता नहीं है। सभी भारतीय कार्य दिवसों पर सीधे वीजा केंद्रों में जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं।

इतना ही नहीं, 180 दिनों से कम अवधि के लिए शॉर्ट-टर्म, सिंगल या डबल एंट्री वीजा के लिए आवेदन करने वालों को फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक डेटा देने से भी छूट मिली है। इन बदलावों के अतिरिक्त, चीनी दूतावास ने वीजा आवेदन शुल्क भी घटा दिया है।

ट्रंप का टैरिफ वॉर:

गौरतलब है कि चीन ने यह आंकड़े ऐसे समय में जारी किए हैं जब उसके खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया है, जिसमें चीन उनका प्रमुख निशाना है। चीन, अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और अब 245% बढ़े हुए टैरिफ का भी सामना कर रहा है। वहीं, चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% का टैरिफ लगाया है। हालांकि दूसरे देशों पर लगाए जाने वाले टैरिफ को फिलहाल ट्र्ंप ने रोक दिया है। 

यहां यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि इससे पहले चीन ने भारत से अमेरिकी टैरिफ नीति के खिलाफ उसके साथ खड़े होने की अपील की थी। भारत स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा था कि दो सबसे बड़े विकासशील देश होने के नाते भारत और चीन को अमेरिकी टैरिफ एक्शन के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए। 

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