शोभायात्रा पर हमलों के बढ़ते मामले, फिर भी अडिग हैं हिंदू: कहीं 50 साल बाद तो कहीं पहली बार निकाली धार्मिक झांकी

हिंदू शोभायात्रा हमले

हमलों के बढ़ते मामलों के बाद भी शोभायात्रा निकाल रहे हिंदू

भारत में हर रोज कोई न कोई उत्सव या त्योहार होता है। इन त्योहारों में शोभायात्रा भी निकाली जाती हैं। लेकिन हिंदुओं की शोभायात्राओं में हमलों की घटनाओं सामने आती हैं। ऐसे में कई जगह ऐसे होते हैं, जहां हमले के चलते हिंदू शोभायात्राएं निकालना बंद कर देते हैं। इसके बाद वर्षों तक शोभायात्राएं नहीं होतीं। लेकिन जब सत्ता परिवर्तन या अन्य कारणों से माहौल सही या सकारात्मक होता है, तब शोभायात्रा फिर से निकाली जाती है।

आज के इस लेख में हम ऐसी ही घटनाओं पर नजर डालेंगे, जहां हिंदुओं ने कहीं पहली बार त कहीं वर्षों बाद शोभायात्रा निकाली है।

1.) अलीगढ़- 50 वर्ष बाद निकली शोभायात्रा:

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दशकों बाद मां काली की शोभायात्रा अब्दुल करीम चौराहे से निकाली गई। यह इलाका हिंदुओं के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील माना जाता है। हालत यह थी कि स्थानीय प्रशासन ने भी हिंदुओं से अब्दुल करीम चौराहे से शोभायात्रा निकालने के लिए मना किया था। लेकिन हिंदुओं ने एकता दिखाते हुए 50 वर्ष बाद अब्दुल करीम चौराहे से मां काली शोभायात्रा निकालने का फैसला किया।

इस शोभायात्रा के दौरान हिंदू पारंपरिक वाद्य यंत्रों के नाचते-गाते नजर आए। पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने संवेदनशील इलाके से गुजरने को लेकर हिंदुओं के इस साहस और शोभायात्रा की भव्यता को देखकर कहा कि यह 50 वर्षों का सूखा खत्म करने के जैसा है।

2.) श्रीनगर- 6 साल बाद निकली शोभायात्रा:

अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर के हालात बदलते जा रहे हैं। कभी इस्लामी आतंक का पर्याय रही कश्मीरी घाटी में अब हिंदुओं के लिए रहना आसान हो गया है। इसी कड़ी में 6 साल बाद रामनवमी पर भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

श्रद्धालुओं की टोलियों ने ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी जयघोष लगाए और पूरे जोश-उत्साह के साथ भक्ति गीतों पर झूमते हुए शोभायात्रा में भाग लिया। इस अवसर पर राम दरबार की झाँकी, पारंपरिक परिधान और लोक संगीत ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

3.) संभल- पहली बार निकली रामनवमी शोभायात्रा:

संभल में रामनवमी के पावन अवसर पर 6 अप्रैल 2025 को विश्व हिंदू परिषद द्वारा पहली बार भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान पुरुषों से लेकर महिलाओं तक सबने हाथों में तलवार लेकर अद्भुत करतब दिखाए। साथ ही कई युवा भगवा ध्वज थामे उत्साह से झूमते नजर आए। शोभायात्रा में भगवान राम, हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिससे पूरा शहर भक्तिमय हो उठा।

इससे पूर्व, संभल में सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन हुआ, जिसका फीता 7 वर्षीय बच्ची गुनगुन कश्यप ने काटा। यह चौकी संभल हिंसा के बाद 100 दिनों के भीतर ‘जुमा मस्जिद’ के सामने स्थापित की गई है, जो शांति और सौहार्द का प्रतीक है।

4.) पलवल- पहली बार निकली रामनवमी शोभायात्रा:

हरियाणा के पलवल में रामनवमी पर पहली बार जैन मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा जैन मंदिर से लेकर पंचवटी मंदिर तक आयोजित की गई थी। इस यात्रा में भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता, हनुमान जी की झाँकी के साथ ही तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में उत्साह, आस्था और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।

रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हाथों में तिरंगा लिए, ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के गगनभेदी नारों से वातावरण गूंज उठा। स्थानीय नागरिकों, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी ने इसे और भी ऐतिहासिक बना दिया।

5.) दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहली बार निकली शोभायात्रा:

दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज में पहली बार भगवान परशुराम की शोभायात्रा निकाली गई। 10 मई, 2024 को अक्षय तृतीया के मौके पर यानी भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के अवसर पर जयघोष और नारों की गूंज के साथ शोभायात्रा का आयोजन किया गया।

श्रीराम कॉलेज से हिंदू कॉलेज तक निकाली गई इस यात्रा में सर्वसमाज के लोग शामिल हुए। भगवा रंग में रंगे छात्र-छात्राओं ने इस आयोजन के जरिए माहौल भक्तिमय कर दिया।

6.) भोजपुर- पहली बार निकली रामनवमी शोभायात्रा:

बिहार के भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा क्षेत्र में 17 अप्रैल 2024, को रामनवमी के अवसर पर पहली बार शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह ऐतिहासिक यात्रा जीरो माइल स्थित मां दुर्गा मंदिर से प्रारंभ होकर रमना मैदान तक निकाली गई।

इस यात्रा के दौरान ‘जय श्रीराम’, ‘घर-घर भगवा छाएगा’ जैसे जयघोष गूंजते रहे और श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला। साथ ही जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया, इससे वातावरण पूरी तरह राममय-भक्तिमय नजर आया।

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