हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले पिता-पुत्र की मजहबी भीड़ ने की पीट-पीटकर हत्या, दंगाइयों के डर से घर छोड़ भागने को मजबूर हुए हिंदू

मुर्शिदाबाद हिंसा वक्फ

हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले पिता-पुत्र की हत्या

पश्चिम बंगाल एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। इसका केंद्र है मुर्शिदाबाद जिला, जहां इस्लामी कट्टरपंथी वक्फ संशोधन कानून के विरोध के नाम पर हिंसा कर रहे हैं और हिंदुओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बना रहे हैं। इस हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार बने पिता-पुत्र भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के हालत यह हैं कि कलकत्ता हाई कोर्ट को केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देना पड़ा है। इस हिंसा को लेकर BJP ने CM ममता बनर्जी की तुलना लॉर्ड कर्जन से की है।

मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान में इस्लामी कट्टरपंथियों ने जिन पिता-पुत्र की हत्या की है, वे हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। कट्टरपंथियों ने हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (पुत्र) के घर में घुसकर हमला किया और फिर धारदार हथियार व लाठी-डंडों से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद हरगोविंद दास की आंखें भी निकाल लीं। वहीं एक अन्य युवक गोली लगने से घायल हुआ था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

रिपोर्ट्स की मानें तो शुक्रवार (11 अप्रैल, 2025) को जुमे की नमाज के बाद इस्लामी भीड़ अचानक भड़क गई और हिंसक घटनाएं शुरू हो गईं। इसके बाद मुर्शिदाबाद जिले के कई हिस्सों में हिंसा की खबरें आईं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुर्शिदाबाद में कई हिंदुओं के घरों पर हमला हुआ। भीड़ ने पथराव किया, सामान लूटा और घरों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।

हिंदू व्यापारी अमर भगत की पत्नी मंजू भगत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है, “भीड़ ने पहले हमारे घर का मुख्य द्वार तोड़ने की कोशिश की। जब वे असफल रहे, तो पीछे के रास्ते से अंदर घुस आए।” उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने हमारी मोटरसाइकिल तोड़ दी, घर में घुसकर फर्नीचर, गद्दे, टीवी और कीमती सामान सब लूट लिया। हमारा पूरा परिवार भगवान को याद कर रहा था। अपनी जान बचाने के लिए हम छत पर छिप गए। मैं बस यही सोच रही थी कि अगर मेरी बेटी को कुछ हो गया तो क्या होगा?” मंजू के शब्दों में डर और आक्रोश साफ झलक रहा था।

हिंसा इस कदर फैली थी कि भीड़ ने एक एंबुलेंस को भी नहीं बख्शा। इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “मुस्लिम भीड़ ने एंबुलेंस में आग लगा दी और ड्राइवर की जमकर पिटाई की। हम डर के कारण घर में छिपे थे। मैंने अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों को घर के अंदर ही रखा।” उन्होंने यह भी कहा कि हमलावर बाहरी नहीं, बल्कि स्थानीय लोग थे। एक सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखा कि हमलावरों ने एक हिंदू परिवार की कार को तोड़-फोड़ दिया।

ANI से बात करते हुए एक अन्य पीड़ित ने कहा, “उन्होंने बाइक समेत कई चीज़ों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। मेरे चाचा की दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वे दुकानों में रखी चीज़ें भी ले गए। हम डर के मारे पूरी रात सो नहीं पाए। जब ​​यह सब हुआ तब पुलिस यहाँ नहीं थी। जब उन्होंने पुलिस स्टेशन पर हमला किया तो पुलिसकर्मी खुद भाग रहे थे।”

BJP  नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रही हिंसा न केवल सरकारी संरक्षण में हो रही है, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है जो बंगाल को विभाजित करने की दिशा में बढ़ रही है।

राकेश सिन्हा ने ममता बनर्जी की तुलना लॉर्ड कर्जन से करते हुए कहा, “ममता बनर्जी बंगाल को उसी तरह विभाजित करने की राह पर हैं, जैसे कभी लॉर्ड कर्जन ने किया था।” उन्होंने आगे कहा, “बंगाल में जो हिंसा हो रही है वह सरकार की ओर प्रायोजित और संरक्षित है। संविधान सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देता है, लेकिन राज्य में हिंदुओं के घरों और दुकानों को टारगेट किया जा रहा है।”

वहीं बीजेपी विधायक और बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथियों के डर से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धूलियन क्षेत्र से 400 से अधिक हिंदुओं को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। भयभीत परिवारों ने नदी पार कर मालदा ज़िले के बैष्णवनगर के देओनापुर-सोवापुर ग्राम पंचायत क्षेत्र स्थित पर लालपुर हाई स्कूल में शरण ली है।

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न अब एक कड़वी सच्चाई बन चुकी है। तृणमूल कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने उग्र तत्वों को इतना साहसी बना दिया है कि अब हिंदुओं को अपने ही देश, अपने ही घरों से भागना पड़ रहा है। यह राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की विफलता का घोर उदाहरण है। यह शर्मनाक है कि अपने ही देश में लोग अपने जीवन की रक्षा के लिए पलायन करने को मजबूर हैं।

अधिकारी ने कहा, “मैं ज़िले में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें। इन विस्थापित हिंदू परिवारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें और उन्हें इस जिहादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करें। बंगाल जल रहा है, सामाजिक ताना-बाना बिखर रहा है। अब बहुत हो गया।”

 

 

 

 

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