इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अशोक पांडे नामक एक वकील को न्यायालय की आपराधिक अवमानना का दोषी पाते हुए उसे 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाई है। पांडे पर जजों को ‘गुंडा’ कहने का आरोप था और हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस बृज राज सिंह की बैंच ने वकील पर 2,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही, वकील को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि उसके हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने पर 3 साल की रोक क्यों ना लगाई जाए। वकील पर लगातार न्यायपालिका के प्रति अनादर दिखाने के आरोप थे और कोर्ट ने अपने आदेश में 2003 से 2017 के बीच कदाचार के उदाहरणों का हवाला भी दिया है। कोर्ट ने कहा, “इस प्रकार के बार-बार के कदाचार से यह पता चलता है कि पांडे गुमराह नहीं है बल्कि जानबूझकर इस न्यायालय के अधिकार को कमजोर करने के उद्देश्य से व्यवहार कर रहे हैं।”
क्या था मामला?
जिस मामले में वकील को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया है, वो मामला 18 अगस्त 2021 का था। दरअसल, जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ के सामने अशोक पांडे अनुचित पोशाक में पेश हुए और उन्होंने अपनी शर्ट के बटन भी खोले हुए थे। जब कोर्ट ने पांडे को ठीक तरह की पोशाक पहनने की सलाह दी तो वह जजों से ही भिड़ गए। पांडे ने न केवल अदालत के उचित पोशाक पहनने के निर्देश को ठुकरा दिया बल्कि ‘सभ्य पोशाक’ की परिभाषा पर सवाल उठा दिया। आरोप है कि इस दौरान पांडे ने अदालत की कार्यवाही में बाधा डाली और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए जजों पर साथी वकीलों और अन्य लोगों की उपस्थिति में ‘गुंडों की तरह व्यवहार करने’ का आरोप लगाया। इससे पहले भी 16 अगस्त 2021 को एक अन्य सुनवाई के दौरान पांडे अनुचित पोशाक में कोर्ट में आए और वहां अभद्रता की थी।