पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा साफ देखा जा सकता है। जनता अब सिर्फ जवाब नहीं, एक निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रही है। इसी माहौल के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज एक ऐसा बयान दिया जिसने देशवासियों की उम्मीदों को और मजबूती दी है। YUGM कॉन्क्लेव के मंच से बोलते हुए पीएम ने कहा, “हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बड़े हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये बात वो मौजूदा हालात के लिए नहीं कह रहे हैं लेकिन उनका लहजा, समय और मंच सब कुछ इस ओर इशारा कर रहा था कि ये सिर्फ एक सामान्य टिप्पणी नहीं थी, बल्कि एक सधी हुई चेतावनी भी हो सकती है।
पीएम मोदी जानते थे कि उनके शब्दों की गूंज कितनी दूर तक जाएगी, और यह भी कि “लक्ष्य बड़े हैं” जैसी बात देश में चर्चा का केंद्र बन जाएगी। दूसरी ओर, जब ये बयान आया, उसी समय गृह मंत्रालय में एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई गई है जिसमें BSF, NSG, CRPF और असम राइफल्स के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए हैं।
क्या बोले पीएम मोदी
देश इस समय ग़ुस्से और इंतज़ार के मोड़ पर खड़ा है। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी YUGM कॉन्क्लेव में मंच पर आए, तो उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसे न सिर्फ़ एक राजनीतिक बयान, बल्कि एक संभावित रणनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम ने दो टूक कहा, “हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बड़े हैं।” इस बयान ने मानो देश की उस भावना को स्वर दे दिया, जो पहलगाम हमले के बाद से लगातार उबल रही है। हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि, “मैं वर्तमान स्थिति के लिए नहीं कह रहा हूं।” लेकिन पीएम की बातों का वज़न, उनका अंदाज़, और जिस संदर्भ में ये बयान आया उसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
करीब दोपहर 12 बजे पीएम मोदी ने YUGM कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए ‘विकसित भारत’ के विज़न पर बात शुरू की। उन्होंने कहा कि भारत ने अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है। उसी क्रम में उन्होंने कैमरे की ओर देखकर कहा, “हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं।” जैसे ही यह शब्द खत्म हुए, पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा, और तभी पीएम ने धीरे से, लेकिन साफ़ शब्दों में जोड़ा, “मैं वर्तमान स्थिति के लिए नहीं कह रहा हूं।” इसके बाद कुछ क्षण वो रुके, मुस्कराए, और फिर अपनी बात आगे बढ़ाई। लेकिन उस मुस्कान के पीछे देश के हर नागरिक ने एक गहरा संदेश पढ़ लिया।
दरअसल, पीएम मोदी यह भलीभांति जानते हैं कि देशवासी इस वक्त केवल सहानुभूति या निंदा नहीं चाहते वो चाहते हैं कि पहलगाम में धर्म पूछकर किए गए नरसंहार का ठोस जवाब दिया जाए। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की यादें लोगों को अब भी ताज़ा हैं, और सोशल मीडिया पर तो “13 दिन” की गिनती भी शुरू हो चुकी है। उधर सरकार भी कड़े फैसलों की ओर बढ़ रही है। भारत ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करते हुए उसे आंशिक रूप से स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ समेत कई हाई-प्रोफाइल नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं। इस सबके बीच पाकिस्तान में बेचैनी और डर का माहौल साफ झलकने लगा है।