जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव अपने चार्म पर है। 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया ने इस नृशंस हरकत की कड़ी निंदा की है। भारत सरकार ने भी तुरंत कड़ा एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल, सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया है और इंडस वॉटर ट्रीटी को रद्द करने का बड़ा फैसला भी ले लिया गया है। भारत के इन कड़े कदमों से पाकिस्तान में खलबली मच गई है, साथ युद्ध के आसार को भांपते हुए पाकिस्तानी सेना तक सहमी हुई नजर आ रही है।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान से भी ज्यादा बेचैनी भारत के विपक्षी खेमे में दिखाई दे रही है। शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते नजर आए, जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दे डाला। साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज का भी नाम इस फेहरिस्त में जुड़ गया है। यही नहीं, किसानों के तथाकथित मसीहा नरेश टिकैत ने तो यहां तक कह दिया कि “पाकिस्तान का पानी रोकना गलत है।”
सीएम सिद्धारमैया ने मिलाया पाकिस्तान के सुर में सुर
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान खूब चर्चा में है। पहलगाम हमले में जहां 26 निर्दोष लोगों की जान गई, उनमें कर्नाटक के भी दो नागरिक शामिल थे। इस हमले के बाद जब पत्रकारों ने सिद्धारमैया से पूछा कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कितना सख्त कदम उठाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के साथ जंग की कोई जरूरत नहीं है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। हमें सख्त कदम उठाने चाहिए और अपनी सुरक्षा को और मजबूत करना चाहिए।”
सिद्धारमैया का यह बयान अब पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पाकिस्तानी मीडिया इसे दिखाकर यह प्रचार कर रहा है कि भारत के भीतर से ही सरकार के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हालांकि सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर इस बयान को लेकर उठे भारी विरोध के बाद, सिद्धारमैया को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैंने युद्ध के बारे में अपने बयान पर हो रही बहस और चर्चा देखी है। युद्ध हमेशा किसी भी राष्ट्र का अंतिम विकल्प होना चाहिए… पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में किए गए इस भयावह आतंकी हमले ने हमारे खुफिया और सुरक्षा तंत्र की गंभीर कमियों को उजागर कर दिया है। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि इन कमजोरियों को तुरंत दूर करे और सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की त्रासदियां दोबारा न हों।”
#WATCH कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, “मैंने युद्ध के बारे में अपने बयान के पक्ष और विपक्ष में बहस और चर्चा देखी है। युद्ध हमेशा एक राष्ट्र का अंतिम विकल्प होना चाहिए… पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में किए गए भयानक आतंकी हमले ने हमारे देश के… pic.twitter.com/CWcfnBsCAr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2025
उन्होंने आगे कहा, “आज जब पूरी दुनिया पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा कर भारत के साथ खड़ी है, तो हमें इस अभूतपूर्व वैश्विक समर्थन का पूरा लाभ उठाते हुए पाकिस्तान को ऐसा गहरा सबक सिखाना चाहिए कि वह दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत भी न कर सके।”
‘आतंकियों की भाषा बोल रहे वाड्रा’
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कांग्रेस आलाकामान सोनिया गाँधी के दमाद रॉबर्ट वाड्रा ने विवादित बयान दे दिया है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि देश में हिंदू-मुस्लिम हो रहा है, इससे मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं और यही कारण है कि पहचान पूछकर आतंकवादी हत्याएं कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने साथ में ये भी साफ कर दिया है कि ये उनकी अपनी सोच है। कांग्रेस या उनके परिवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा ने वाड्रा के बयान की कड़ी निंदा की है। पार्टी का कहना है कि वाड्रा आतंकियों की भाषा बोल रहे हैं और उनके बर्बर कृत्यों को सही ठहरा रहे हैं। BJP ने कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या सरकार के साथ खड़े होने का उसका दावा सिर्फ दिखावा है। BJP ने वाड्रा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी पूरी तरह से निंदनीय है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह वही भाषा है जो आतंकवादी हमेशा अपने आतंकवाद को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल करते हैं। रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि वह ऐसे भयानक आतंकी हमले पर राजनीति करना चाहते हैं, जबकि पूरा देश इसके खिलाफ एकजुट है।’
विजय वडेट्टीवार का बयान
वहीं पहलगाम हमले पर बोलते हुए कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘पहलगाम की जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी। आखिर 200 किलोमीटर तक आतंकी कैसे आ जाते हैं। क्या यह आपका इटेलिजेंस फेल नहीं है।’ वडेट्टीवार ने कहा कि इस गलती को मानने की बजाय आपका फोकस इस बात पर है कि धर्म पूछकर मारा गया। क्यो आतंकियों के पास इतना समय होता है कि वह लोगों के पास जाएं और कान में पूछें कि तुम्हारा धर्म क्या है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन होना चाहिए। आखिर इतनी सुरक्षा चूक कैसे हो गई। इस पर विचार करना चाहिए, लेकिन इस मामले में दूसरी तरफ ध्यान ले जाना गलत है। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोग उनकी जमकर निंदा कर रहा हैं।
पूर्व विधायक मिंज ने भी मिलाया सुर में सुर
इसी कड़ी में हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज का एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गया। वायरल पोस्ट में पूर्व विधायक ने खुलकर लिखा कि जो लोग आज पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध की बात कर रहे हैं, उन्हें यह भी जान लेना चाहिए कि इस बार मुकाबला सिर्फ पाकिस्तान से नहीं, बल्कि चीन से भी होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत की हार तय है क्योंकि पीओके के बड़े हिस्से में चीन ने भारी निवेश कर रखा है और पुराने सिल्क रोड को फिर से खोल दिया गया है।
पूर्व विधायक ने आगे बताया कि बलूचिस्तान में भी चीन ने ग्वादर पोर्ट का विकास किया है और वहां सेना के नाम पर अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है। उन्होंने दावा किया कि बलूच विद्रोहियों की इतनी औकात नहीं है कि वे चीनी सैनिकों का सामना कर सकें। यही वो क्षेत्र हैं, जहां से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी सक्रिय हैं। एबटाबाद का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन भी इन्हीं इलाकों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं।
अपने पोस्ट में पूर्व विधायक यूडी मिंज ने यहां तक कहा कि अगर भारत इन इलाकों पर सीधे हमला करेगा, तो चीन स्वतः ही पाकिस्तान के साथ खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं, मिंज ने बालाकोट एयर स्ट्राइक को भी ‘कौवामार स्ट्राइक’ करार दिया और भारत, पाकिस्तान और चीन को साथ मिलकर आतंकवाद का समाधान निकालने की सलाह दी। जब सोशल मीडिया पर उनके इस पोस्ट को लेकर भारी बवाल मचा और लोगों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी, तब यूडी मिंज ने सफाई देते हुए एक नया पोस्ट कर कहा कि “मेरा अकाउंट हैक कर यह पोस्ट किया गया है।”
‘पाकिस्तान का पानी रोकना गलत’- टिकैत
इस फेहरिस्त में किसानों के कथित मसीहा नरेश टिकैत का नाम भी जुड़ गया है, जिनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी निंदा शुरू कर दी है। टिकैत ने भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द करने और पाकिस्तान का पानी रोकने के फैसले को गलत ठहराया है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का पानी रोकना गलत है। किसान चाहे हिंदुस्तान का हो या पाकिस्तान का, पानी रोकने से उसका नुकसान ही होगा। खड़ी फसलें खराब हो सकती हैं। खेत की सिंचाई नहीं होगी तो किसान फसल नहीं बो पाएगा। फसल नहीं होगी तो किसान खाएगा कहां से?” टिकैत ने आगे कहा कि सिंधु जल संधि लागू रहनी चाहिए। हम किसानों के पानी रोकने के पक्ष में नहीं हैं। पानी चलते रहना चाहिए। पानी रोकना समाधान नहीं है, इसे हम सही नहीं मानते। किसानों को पानी दिया जाना चाहिए।
बुर्का पहने महिलाओं का पाकिस्तान प्रेम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है और लोग केंद्र सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ लोग पाकिस्तानी झंडे जलाने और उन्हें कुचलने के जरिए अपना विरोध जता रहे हैं। लेकिन इस बीच कर्नाटक का एक वीडियो सामने आया है, जिसने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है।
दरअसल, कर्नाटक में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध स्वरूप पाकिस्तानी झंडे को जमीन पर चिपका दिया था, ताकि वह कुचला जा सके। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इस दौरान वहां से बुर्के में गुजर रही महिलाओं ने पाकिस्तानी झंडे को निकालकर एक तरफ रख दिया। ये महिलाएं यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को गालियां भी दीं, जो झंडे को कुचलने की कोशिश कर रहे थे। इन बुर्का पहनने वाली महिलाओं ने न सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध को रोका, बल्कि पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए देशद्रोही व्यवहार किया। उनके इस कृत्य ने देशभर में घेराबंदी की और यह सवाल खड़ा किया कि उनकी असली वफादारी कहां है।