जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। एक तरफ भारत लगातार अपनी सैन्य शक्ति और तैयारियों का दमदार प्रदर्शन कर रहा है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान की हुकूमत और फौज पूरी तरह से घबराई हुई नजर आ रही है। पाकिस्तान के मंत्री जहां भारत को परमाणु हमले की गीदड़ भभकियां देने में लगे रहते हैं, वहीं उनकी ही सेना के भीतर भारत के नाम से ऐसी दहशत फैली हुई है कि सैकड़ों सैनिक इस्तीफा देने की फिराक में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ दो दिनों के भीतर 5000 से अधिक पाकिस्तानी जवानों ने सेना छोड़ने की तैयारी कर ली है।
इस डर का असर सिर्फ नीचले स्तर पर नहीं बल्कि उच्च अधिकारियों तक साफ दिखाई दे रहा है। हाल ही में सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया के ज़रिए ऐसे चौंकाने वाले दावे भी सामने आए हैं कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, जो अक्सर भारत को धमकियां देने के लिए जाने जाते हैं, अब खुद डर के साए में जी रहे हैं। बताया जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना की संभावित प्रतिक्रिया से घबराकर उन्होंने अपने पूरे परिवार को पाकिस्तान से बाहर भिजवा दिया है। और सिर्फ वही नहीं, सेना के कई शीर्ष अधिकारियों ने भी अपने परिवारों को देश से बाहर निकाल दिया है। यह कदम खुद ही इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान के भीतर डर की लहर कितनी गहरी है।
इतना ही नहीं, अब खबर ये भी सामने आ रही है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें बवासीर (Hemorrhoids) की शिकायत के चलते रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या शाहबाज शरीफ वाकई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं या फिर यह उनकी विदेश भागने की एक सोची-समझी चाल है?
सीक्रेट पेपर लीक होने के बाद हुआ खुलासा
यह खुलासा उस वक्त हुआ जब रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल से जुड़े एक सीक्रेट डॉक्युमेंट लीक हो गया। इस दस्तावेज के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को गंभीर रूप से बवासीर (Hemorrhoids) की शिकायत है, जिसके चलते उन्हें 27 अप्रैल से रावलपिंडी के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती किया गया है। अस्पताल में उनका इलाज डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में चल रहा है, लेकिन उनकी वर्तमान हालत को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अस्पताल प्रशासन ने इस पूरे मामले को गोपनीय रखने का निर्देश दिया है। लीक हुए दस्तावेज़ में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि प्रधानमंत्री की बीमारी और उनके भर्ती होने की खबर किसी भी सूरत में मीडिया या आम जनता तक नहीं पहुंचनी चाहिए। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि क्या वाकई शहबाज शरीफ इलाज के लिए अस्पताल में हैं, या फिर ये सब एक राजनीतिक बहाना बनाकर देश छोड़ने की रणनीति का हिस्सा है?