India Afghanistan Relation: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को चारो खाने चित्त करने के लिए तैयार है। कभी पाकिस्तान के मददगार रहे तालिबान को अपने पक्ष में लाने की कोशिश हो रही है। क्योंकि, पिछले कुछ समय से तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आई है। इस बीच भारत ने वैश्विक स्तर पर अपने संबंधों को और मजबूत करना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने काबुल में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों देशों के संबंध और व्यापार को मजबूत करने को लेकर बात हुई है। इस दौरान तालिबान ने पहलगाम में हुए हमले की निंदा की है।
बता दें 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को वैश्विक स्तर से सपोर्ट मिल रहा है। दुनिया भर के बड़े नेता भारत के समर्थन में है। वहीं अब तालिबान भी इस हमले के खिलाफ भारत के साथ (India Afghanistan Relation Amid Pakistan tension) नजर आ रहा है। ऐसे में निश्चित तौर पर पाकिस्तान के लिए रास्ते मुश्किल होते नजर आ रहे हैं।
युद्ध की स्थिति में अफगानिस्तान का महत्व
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए कई कारणों से महत्वपूर्ण हो सकती है। तालिबान शासित अफगानिस्तान का रुख भारत के प्रति पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा सॉफ्ट है। अगर मैप पर गौर किया जाए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान के पश्चिमी सीमा पर स्थित है। सबसे खास बात ये कि अफगानिस्तान पूर्वी इलाका POK से भी लगता है। भारत को अफगानिस्तान का सहयोग मिलता है कि POK से लेकर ईरान सीमा तक पाकिस्तान एक और मोर्चे पर युद्ध में पहुंच जाएगा।
ऐसे में पाकिस्तान की सैन्य रणनीति को कमजोर किया जा सकता है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरंड रेखा को लेकर ऐतिहासिक विवाद है। तालिबान ने इस सीमा को पूरी तरह स्वीकार नहीं करता है। यहां अक्सर झड़प होती रहती हैं। युद्ध की स्थिति में अफगानिस्तान इस तनाव का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर सकता है। वहीं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सक्रियता बढ़ा सकता है। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के लिए सीमा पर सुरक्षा का खतरा बढ़ जाएगा। ये भारत के लिए फायदेमंद होगा।
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भारत ने दोहराई प्रतिबद्धता
भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश ने अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों की बात कही। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की इच्छाशक्ति व्यक्त की है। आनंद प्रकाश ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता देने के भारत के प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
भारत के साथ खड़ा है अफगानिस्तान
इस मुलाकात का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में तालिबान सरकार ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी आधिकारिक बयान जारी कर घटना की निंदा की थी। इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए इसे खतरा बताया था। उन्होंने भारत के साथ होने की बात कही थी। तालिबान के दोहा स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख सुहैल शाहीन ने भी इस हमले की व्यापक जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की थी।
पाकिस्तान को कूटनीतिक झटका
भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई ये मुलाकात पाकिस्तान के लिए बड़ी कूटनीतिक हार है। खासकर तब जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव और संघर्ष बढ़ रहा है। कुछ समय पहले पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और तल्ख कर दिया है। वहीं काफी समय पहले से दोनों देशों के बीच तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लेकर विवाद की स्थिति रही है।
तालिबान ने की क्या अपील?
काबुल में हुई इस वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों (India Afghanistan Relationship) को मजबूत करने और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। आमिर खान मुत्तकी ने राजनयिक और आर्थिक संबंधों को विस्तार देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय निवेशकों को अफगानिस्तान में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि हम निवेश के अनुकूल माहौल देंगे। अफगानिस्तान ने भारत से अफगान व्यापारियों, छात्रों और मरीजों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान करने की अपील की है।
भारत के प्रभाव को दिखा रही है मुलाकात
भारत ने अब तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन उसने काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति फिर से मजबूत कर ली है। पहलगाम के बाद बने हालात के बाद भारत और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियां (India Afghanistan Relation After Pahalgam Attack) पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी कर सकती है। यदि अफगानिस्तान की धरती से भारत, पाकिस्तान को जवाब देने की रणनीति बनाता है तो पाकिस्तान के लिए चौतरफा मुश्किल खड़ी हो सकती है। यह मुलाकात भारत की कूटनीति का प्रमाण है जो मुश्किल परिस्थितियों में भी हमारे प्रभाव को दिखा रही है।