कन्हैया कुमार साजिश तहव्वुर का प्रत्यर्पण नहीं, 26/11 को ‘भगवा आतंकवाद’ बताना थी

कन्हैया कुमार तहव्वुर राणा

कन्हैया कुमार साजिश तहव्वुर का प्रत्यर्पण नहीं, 26/11 को ‘भगवा आतंकवाद’ बताना थी

कभी वामपंथियों के दिल की धड़कन रहे कन्हैया कुमार अब कांग्रेस के नेता हैं। लेकिन उनकी भाषा में कांग्रेस और वामपंथ दोनों की झलक स्पष्ट नजर आती है। बिहार के विकास और रोजगार के लिए लग रहे उद्योगों को पानी खत्म करने की साजिश बताने वाले कन्हैया कुमार, 26/11 के मास्टरमाइंड इस्लामी आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को BJP की साजिश बता रहे हैं।

दरअसल, कन्हैया कुमार से मीडिया ने तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में कन्हैया ने कहा है यह सब BJP मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कर रही है और तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के पीछे भी BJP की साजिश है।

कन्हैया कुमार वही हैं जिन पर इस्लामी आतंकी अफजल गुरु और कश्मीरी अलगाववादियों के समर्थन में ‘भारत के टुकड़े-टुकड़े’ करने को लेकर नारेबाजी करने के आरोप लगे थे। लेकिन आज वह इस्लामी आतंकी और पुलिसकर्मियों समेत 166 मासूमों की हत्या के लिए जिम्मेदार तहव्वुर राणा को सजा दिलाने के भारत लाने को भाजपा की साजिश बता रहे हैं।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या कन्हैया कुमार यह भूल गए कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के जरिए हिंदू आतंकवाद का नरेटिव गढ़ने की साजिश रची थी और इस साजिश को ‘कांग्रेस समर्थक पत्रकार’ और अपने नेताओं के जरिए आगे बढ़ाने का काम कांग्रेस पार्टी ने ही किया था।

कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने सहारा उर्दू अखबार के तत्कालीन संपादक अज़ीज़ बर्नी की किताब ’26/11 आरएसएस की साजिश?’ के जरिए कुटिल साजिश रचते हुए भी हिन्दू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद का नरेटिव गढ़ने की कोशिश की थी। दिग्विजय सिंह ने एक बार नहीं बल्कि दो बार पहले दिल्ली और फिर मुंबई में ’26/11 आरएसएस की साजिश?’ नामक पुस्तक का विमोचन किया था।

यदि तत्कालीन स्थितियों को देखें तो मुंबई में हुए पाकिस्तानी आतंकियों के क्रूर हमले को कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बताने और इस्लामी आतंकियों को बचाने की हर संभव कोशिश की थी। इतना ही नहीं साल 2024 में महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक विजय नामदेवराव वडेट्‌टीवार ने कहा था कि मुंबई हमले के दौरान ATS प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या आतंकी अजमल कसाब ने नहीं, बल्कि RSS से जुड़े एक पुलिसवाले ने की थी।

मतलब साफ है कि कांग्रेस किसी भी तरह से मुंबई में हुए आतंकी हमले के लिए हिंदुओं और खासतौर से RSS को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की थी। हालांकि जिस किताब के जरिए दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद का नरेटिव गढ़ने की प्लानिंग की थी, उसके लेखक ने एक पेज का माफीनामा लिखकर RSS से माफी मांगी थी। साथ ही किताब का नाम बदलने की भी पेशकश की थी।

हिन्दू आतंकवाद की साजिश को लेकर 26/11 हमलों की जांच करने वाले महराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस अधिकारी राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा ‘Let Me Say It Now’ में लिखा है, “अगर कसाब उस फर्जी आईडी के साथ मर जाता, तो अख़बारों की हेडलाइंस चीख़ रही होतीं कि कैसे एक हिंदू आतंकवादी ने मुंबई पर हमला किया। टीवी पत्रकार बेंगलुरु में इकट्ठे होकर उसके परिवार और पड़ोसियों का इंटरव्यू ले रहे होते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान के फ़रीदकोट का अजमल कसाब मेरे सामने बैठा था और मैं उससे पूछ रहा था कि क्या करने आया है?”

राकेश मारिया ने लिखा है कि हमले को हिंदू आतंक साबित करने और पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मारने की योजना बनाई थी।

दाऊद को मिली थी मारने की जिम्मेदारी

आत्मकथा में राकेश मारिया ने यह भी लिखा है कि आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जेल में बंद कसाब को मारने की कोशिश में जुटे हुए थे क्योंकि वह इस हमले का मुख्य गवाह था और दाऊद इब्राहिम के गिरोह को उसे मारने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 26/11 आतंकी हमले को हिंदू आतंकवाद के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का वर्णन करते हुए पूर्व कमिश्नर मारिया ने लिखा, “यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मारा जाता और मीडिया की ओर से इस हमले के लिए ‘हिंदू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराया जाता।”

उन्होंने अपनी किताब में यह भी उल्लेख किया कि आतंकवादी संगठन ने कथित तौर पर आतंकवादियों पर भारतीय पते के साथ फर्जी आईडी कार्ड लगा रखे थे। आतंकी हमले के बाद जारी की गई कसाब की एक तस्वीर पर पूर्व कमिश्नर मारिया ने लिखा कि केंद्रीय एजेंसियों के चलते फ़ोटो सामने आई थी। मुंबई पुलिस ने कड़ी सुरक्षा लगाकर यह कोशिश की थी कि कोई भी जानकारी मीडिया में लीक न हो।

दरअसल, उस तस्वीर में कसाब अपनी दाई कलाई पर लाल रंग का धागा पहने देखा गया था, जिसे हिंदू धर्म में पवित्र ‘कलावा’ माना जाता है। इस कारण कई लोगों को ऐसा लगा कि 26/11 के आतंकी हमलों के पीछे हिंदुओं का हाथ है। मारिया ने यह भी लिखा है कि अखबारों में यह भी दावा किया गया था कि मुंबई में हिंदू आतंकवादियों ने किस तरह से आतंकी हमला किया।

इन सब चीजों से साफ है कि कांग्रेस ने पूरा इकोसिस्टम लगाकर ‘भगवा आतंकवाद’ का नरेटिव गढ़कर हिंदुओं को आतंकी साबित करने की साजिश रची थी। लेकिन अब इसके ठीक उलट आतंकी को अमेरिका से पकड़कर भारत लाने को कांग्रेस नेता BJP की साजिश बता रहे हैं, जो कि बेहद हास्यास्पद है।

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