Ahmedabad Operation Clean City: एक तरफ पहलगाम हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद है। बच्चा-बच्चा नापाक पाक को सबक सिखाने की बात कर रहा है। इस बीच गुजरात की सड़कों पर एक नई जंग छिड़ी है। इसका नजारा देखने को मिला आर्थिक राजधानी कहलाने वाले अहमदाबाद में, जहां पुलिस और प्रशासन ने अवैध घुसपैठ और अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर का पंजा चलाया। इस अभियान को ‘ऑपरेशन क्लीन सिटी’ नाम दिया गया। मुस्तैदी के साथ चले इस अभियान में 6,500 से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi Infiltration In Ahmedabad) को हिरासत में लिया गया। इतना ही नहीं घुसपैठियों ने 2,000 वर्ग गज में फैले फार्म हाउस को भी जमींदोज कर दिया। ऐसे में अब सवाल पूंछा जाने लगा है कि ऑपरेशन क्लीन सिटी तो ठीक लेकिन ‘क्लीन इंडिया’ कब होगा? सवाल ये भी है कि क्या अब वक्त आ गया है कि पूरे भारत में NRC लागू कर अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए।
पिछले कुछ समय में बड़ी संख्या में दिल्ली, गुजरात, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया है। इसमें से कई ने फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी भी बना रखी थी। वहीं कई लोगों के वारदातों में शामिल होने की भी बात सामने आई है। धीरे-धीरे ये भारत में आकर अपनी जमीन तैयार करते हैं और फिर वारदात को अंजाम देते हैं। ऐसे में ये भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा सवाल
बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़ी आपराधिक घटनाएं केवल कानून-व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता से जुड़ा सवाल हैं। इनके घुसपैठ और अपराध में शामिल होने के सटीक आंकड़े तो नहीं है। हालांकि, पिछले कुछ समय की घटनाओं और कार्रवाई के आधार पर बात की जाए तो करीब देशभर से करीब हजार लोगों को हिरासत में लिया गया। इसमें से कुछ का निर्वासन करा दिया गया। वहीं कई लोगों को डिटेन कर लिया गया।
घुसपैठियों के पकड़े जाने के सबसे अधिक मामले गुजरात, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, दिल्ली से आते रहे हैं। पिछले एक महीने में अकेला गुजरात से करीब 500 घुसपैठियों को पकड़ा गया। वहीं पश्चिम बंगाल से करीब 30 लोग थराए। जबकि, त्रिपुरा और दिल्ली से भी करीब 20 लोगों को पकड़ा गया है। हाल ही में गुजरात में चले ऑपरेशन क्लीन सिटी के आंकड़े जोड़ दिए जाएं तो संख्या 6 हजार से ऊपर चली जा रही है। ये तो बस वो नंबर हैं जो सामने आए हैं। न जाने देश में कहां-कहां और कितने ऐसे लोगों ने घर कर रखा है।
पिछले कुछ समय में हुए एक्शन
- गुजरात में 127 घुसपैठियों के खिलाफ दो FIR दर्ज की गईं। 70 को बांग्लादेश निर्वासित किया गया।
- पश्चिम बंगाल के चिलमारी में पकड़ा 24 लोगों को कोर्ट में पेश कर डिटेन किया गया। ये अवैध दस्तावेज के साथ घुसे थे।
- त्रिपुरा में BSF और पुलिस छापेमारी कर 7 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े। सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
- दिल्ली पुलिस ने उत्तम नगर और पश्चिम दिल्ली से 5 घुसपैठिए पकड़े। इन्हें डिटेन कर बांग्लादेश निर्वासित किया गया।
आपराधिक गतिविधियां
बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों ने सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश की है। अवैध तरीके से भारत आने वाले घुसपैठ न केवल फर्जी दस्तावेजों के सहारे देश में रह रहे हैं। बल्कि कई मामलों में संगठित अपराध, तस्करी में भी शामिल पाए गए हैं। पहले ये फर्जी दस्तावेज के सहारे देश में पनाह लेते हैं और उसके बाद नागरिकता का झूठा दावा भी कर देते हैं। ये सारी प्लानिंग एक संगठित गिरोह के सहारे की जाती है। गंभीरता तो इसलिए भी बढ़ जाती है कि इसमें भारत के भी कई लोग शामिल होते हैं।
- उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 8 संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार हुए। इनके पास से हथियार बरामद हुए।
- पश्चिम बंगाल में ED ने आजाद मलिक को पकड़ा। ये मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी दस्तावेज बनाने में लिप्त था।
- त्रिपुरा में फरवरी में BSP ने मोटरसाइकिल के फ्यूल टैंक में छिपाकर ले जाई जा रही सोने की खेप पकड़ी।
- दिल्ली पुलिस ने जनवरी 2025 में एक रैकेट का पर्दाफाश किया। इसमें 2 भारतीय भी शामिल थे।
- गुजरात में पकड़े गए घुसपैठियों का संबंध ड्रग तस्करी से पाया गया। हालांकि, इसकी जांच जारी है।
- गुजरात के भरूच में 15 बांग्लादेशी कूड़ा बीनने जैसे काम में लगे पकड़े गए। ये फर्जी पहचान के सहारे रह रहे थे।
- अहमदाबाद में घुसपैठियों ने 2,000 वर्ग गज में अवैध फार्म हाउस बनाया था। इसे प्रशासन ने गिरा दिया।
- मुर्शिदाबाद हिंसा की प्रारंभिक जांच में बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
- दिल्ली पुलिस ने अप्रैल 2025 संगठित साजिश की आशंका में SIT का गठन किया गया।
चुनौतियां बरकरार
बांग्लादेशी घुसपैठिए स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे अपराधों में भी शामिल मिलते रहे हैं। इनका समर्थन भारत के ही कुछ लोग करते हैं और उनको बचाते हैं। स्थानीय संसाधनों पर दबाव और अवैध रोजगार के कारण कई क्षेत्रों में स्थानीय लोगों और घुसपैठियों के बीच तनाव बढ़ा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों पर संदेह और बढ़ गया है। भारत सरकार और राज्य प्रशासन ने घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन कई चुनौतियां बरकरार हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इनका रामबाण इलाज क्या हो सकता है?
NRC है रामबाण इलाज
गुजरात, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में हाल की कार्रवाइयां भले सकारात्मक कदम हैं। हालांकि, अब समय आ गया है कि सरकारों को इनके खिलाफ सख्त नीति अपनानी होगी। ऑपरेशन ‘क्लीन सिटी’ की तरह ही अब जरूरत है कि देश में ऑपरेशन ‘क्लीन इंडिया’ चलाया जाए और पूरे भारत में NRC लागू कर घुसपैठियों को बाहर निकाल देना चाहिए। क्योंकि, ये जितना समय यहां बिता रहे हैं उतने ही फर्जी दस्तावेज अपने पक्ष में बना रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो ये देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाएंगे।