खतरे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ की कुर्सी!, बुलाई गई आपातकालीन बैठक

नहरों के प्रस्तावित निर्माण के खिलाफ सिंध के विभिन्न शहरों में धरना-प्रदर्शन और बंद हड़ताल चल रही है

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ

पाकिस्तान एक तरफ जहां पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाया हुआ है तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। एक और जहां शहबाज़ शरीफ इस डर में हैं कि भारत कोई सैन्य कार्रवाई ना कर दे दूसरी ओर उनकी सरकार के सहयोगी ही उन्हें कुर्सी से उतारने की फिराक में हैं। पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में मुख्य सहयोगी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के नेता नासिर शाह ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है। इस धमकी के बाद शहबाज़ शरीफ ने सोमवार (28 अप्रैल) को कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (CCI) की आपातकालीन बैठक बुला ली है। यह बैठक इससे पहले 2 मई को बुलाई गई थी।

क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तान की सरकार ने दक्षिणी पंजाब में चोलिस्तान रेगिस्तान को कृषि भूमि में बदलने के लिए एक व्यापक परियोजना तैयार की थी। इस परियोजना के ज़रिए बहावलपुर और बहावलनगर ज़िलों में 1.2 मिलियन एकड़ से अधिक बंजर भूमि पर पानी पहुंचा कर खेती करना था। इसके लिए सिंध प्रांत से 6 नहरों का पानी चोलिस्तान तक जाना था। पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने बीते फरवरी में इस परियोजना का उद्घाटन किया था। हालांकि, तुरंत ही इस परियोजना के खिलाफ हंगामा शुरू हो गया और सिंध में PPP समेत अलग-अलग राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके बाद इस परियोजना को रद्द कर दिया गया था

PPP ने दी गठबंधन तोड़ने की धमकी

PPP के नेता और सिंध के ऊर्जा मंत्री नासिर शाह ने रविवार (28 अप्रैल) को चेतावनी दी थी कि अगर CCI की आगामी बैठक में नहर संबंधी मुद्दे का समाधान नहीं हुआ तो पार्टी केंद्रीय सरकार से अलग हो सकती है। शाह ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के नेताओं के साथ बैठक की थी और इसके बाद वह मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “नहर के मुद्दे पर सिंध में सभी एकजुट हैं और एमक्यूएम ने सिंध विधानसभा और नेशनल असेंबली दोनों में PPP को अपना पूरा समर्थन दिया है।” शाह का कहना है कि नहर का मुद्दा सिंध के बहुत मायने रखता है

शहबाज़ ने बुलाई CCI की बैठक

इस मुद्दे को सुलझाने के लिए 2 मई को बैठक बुलाई गई थी लेकिन नासिर शाह के बयान के बाद सोमवार (28 अप्रैल) को ही यह बैठक बुला ली गई है। शहबाज़ शरीफ द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कानून मंत्री आजम नजीर तरार, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब और स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल के साथ-साथ चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। शहबाज़ ने इससे पहले कहा था कि प्रांतों के बीच सहमति के बिना नहर निर्माण के बारे में कोई एकतरफा निर्णय नहीं लिया जाएगा।

नहरों के प्रस्तावित निर्माण के खिलाफ सिंध के विभिन्न शहरों में धरना-प्रदर्शन और बंद हड़ताल चल रही है जिससे पाकिस्तान को भारी आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है।राजमार्गों के बंद होने से जनता, पशुधन की आवाजाही, आयात-निर्यात गतिविधियों, किसानों और गरीबों पर गंभीर असर पड़ रहा है। ऐसे में इस मामले को जल्द सुलझाना ही उसके हित में है और यह नहीं होता है और PPP पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार के गठबंधन से खुद को अलग कर लेती है तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी जा सकती है।

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