‘पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल में कुछ गलत नहीं है’, सुप्रीम कोर्ट बोला- राष्ट्रहित सर्वोपरि

Pegasus Spyware Report Case: पेगासस स्पाइवेयर के कथित दुरुपयोग की जांच से जुड़ी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है।

Supreme Court On Pegasus Spyware Report Case

Supreme Court On Pegasus Spyware Report Case

Pegasus Spyware Report Case: पेगासस जासूसी मामले की जांच से जुड़ी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अदालत ने टिप्पणी की कि इस संवेदनशील रिपोर्ट को सड़क पर चर्चा का विषय नहीं बनाया जा सकता। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। हालांकि प्रभावित आम नागरिकों की निजता पर अदालत विचार कर सकती है। शीर्ष अदालत ने ऐसे प्रभावित व्यक्तियों की ओर से विशिष्ट याचिकाएं दाखिल करने पर विचार करने की बात कही।

न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह के साथ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले (Pegasus Spyware Report Case) की सुनवाई की। उन्होंने निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जांच पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।

एक शब्द में अदालत ने खारिज की मांग

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दावा किया कि सरकार ने पत्रकारों और नागरिकों के खिलाफ पेगासस (Pegasus Spyware) का इस्तेमाल किया। याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। हालांकि, कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तिगत शिकायतों पर ही विचार होगा। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 30 जुलाई की तारीख तय की है।

‘आतंकियों को निजता का अधिकार नहीं’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ स्पाइवेयर का उपयोग आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान के तहत निजता का अधिकार केवल वैध नागरिकों को है न कि आतंकियों को। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रभावित व्यक्ति अपनी शिकायत अदालत में पेश कर सकते हैं, लेकिन पूरी रिपोर्ट का सार्वजनिक खुलासा संभव नहीं है।

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‘सड़क की बहस का मुद्दा नहीं’

जस्टिस सूर्यकांत ने सख्त लहजे में कहा कि पेगासस (Pegasus Spyware Case) जैसे संवेदनशील मुद्दे को सड़क पर चर्चा का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को गोपनीय रखने पर जोर दिया, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलू शामिल हैं। अदालत ने यह भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की कि यदि देश अपनी सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रहा है, तो इसमें सैद्धांतिक रूप से कुछ भी गलत नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।

क्या है पेगासस विवाद?

2021 में यह आरोप लगा कि एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत में पत्रकारों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए किया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Pegasus Spyware) ने इसकी जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित की थी। इस जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर वी रवीन्द्रन कर रहे हैं। अब इसी रिपोर्ट का सार्वजनिक करने की मांग हो रही है।

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