तमिलनाडु के मंत्री ने सेक्स पोजीशन से की तिलक की तुलना, सनातन विरोध की होड़ में क्यों DMK नेता?

पोनमुडी को DMK के पार्टी पद से हटा दिया गया है लेकिन उनका मंत्री पद अभी भी बना हुआ है

तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री उदयनिधिन स्टालिन (बाएं) और वन मंत्री के. पोनमुडी

तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री उदयनिधिन स्टालिन (बाएं) और वन मंत्री के. पोनमुडी

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेताओं के बीच सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाज़ी करने की होड़ जैसी लगी हुई है। एक के बाद एक नेता सनातन धर्म और उससे जुड़े प्रतीकों पर हमला करते हैं और उनकी कोशिश होती है किसी भी तरह से हिंदू या सनातन धर्म का अपमान किया जाए। DMK नेताओं की सनातन के प्रति नफरत रुकने का नाम नहीं ले रही है और वे लगातार बयानबाज़ी करते जा रहे हैं। अब तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोनमुडी ने सनातन से जुड़े शैव और वैष्णव संप्रदाय को लेकर अभद्र टिप्पणी की है, उन्होंने दोनों हिंदू संप्रदायों को सेक्स पोजीशन के साथ जोड़ दिया है। हालांकि, पोनमुडी को DMK के उप-महासचिव पद से हटा दिया गया है लेकिन उनका मंत्री पद अभी भी बना हुआ है।

पोनमुडी ने क्या कहा?

पोनमुडी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा जिसमें वह अभद्र टिप्पणी करते नज़र आ रहे हैं। पोनमुडी ने कहा, “एक आदमी सेक्स वर्कर के पास जाता है। महिला उससे पूछती है कि वह शैव है या वैष्णव। अगर उसने 5 रुपए या 10 रुपए पूछा होता तो बात ठीक थी। आदमी को आश्चर्य हुआ कि वह क्यों पूछ रही है कि वह शैव है या वैष्णव। आदमी कहता है कि वह उसका सवाल नहीं समझा है।”

इसके बाद पोनमुडी अभद्रता की हद पार करते हुए कहते हैं, “अगर आप शैव हैं तो आड़ा तिलक लगाते होंगे, जबकि वैष्णव हैं तो सीधा तिलक लगाते होंगे। आदमी पूछता है कि वह कुछ समझा नहीं तो महिला कहती है कि शैव हैं तो लेटकर संबंध बनाएंगे और वैष्णव हैं तो खड़े होकर संबंध बनाएंगे।” पोनमुडी की बेशर्मी का आलम यह है कि यह सब बातें कहते हुए वह खूब हंस रहे हैं।

पार्टी पद से हटाए गए पोनमुडी

पोनमुडी के इस बयान की खूब आलोचना हुई जिसके बाद उन्हें DMK के उप-महासचिव पद से हटा दिया गया है। हालांकि, उनके पास मंत्रालय अभी भी बना हुआ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK के प्रमुख एमके स्टालिन ने पोनमुडी को पद से हटाए जाने का पत्र जारी किया है। पोनमुडी की जगह DMK के राज्यसभा तिरुचि शिवा को पार्टी का उप-महासचिव बनाया गया है। वहीं,  DMK की सांसद कनिमोझी ने भी पोनमुडी के इस बयान पर ऐतराज जताते हुए इसे निंदनीय बताया है। कनिमोझी ने कहा है कि इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

बीजेपी, कांग्रेस और AIADMK ने क्या कहा?

तमिलनाडु में विपक्षी दल बीजेपी और AIADMK ने पोनमुडी के बयान की तीखी आलोचना की है। वहीं, कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी पोनमुडी के बयान पर सख्त ऐतराज जताया है। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस बयान की आलोचना करते हुए उनकी तुलना ‘गंदगी’ से की है।

अन्नामलाई ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “तमिलनाडु में DMK का राजनीतिक विमर्श का यही मानक है। पोनमुडी कभी तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री थे और अब वन और खादी मंत्री हैं और तमिलनाडु के युवाओं से इस गंदगी को बर्दाश्त करने की उम्मीद की जाती है? सिर्फ यह मंत्री ही नहीं बल्कि DMK का पूरा तंत्र अश्लील, अपशब्द बोलने वाला और असभ्य है। MK के स्टालिन को ऐसे शर्मनाक गिरोह का नेतृत्व करने के लिए अपना सिर शर्म से झुका लेना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर DMK को लगता है कि पोनमुडी को सिर्फ पद से हटाने से ही लोग इसे भूल जाएंगे तो वे गलत सोच रहे हैं! DMK के हिंदू धर्म के स्तंभों (शैव और वैष्णव) पर लगातार हमले हमेशा के लिए अनुत्तरित नहीं रहेंगे। स्टालिन, हमारी चुप्पी को कमजोरी मत समझिए।”

मंत्री के बयान पर AIADMK के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवाई सत्यन ने भी प्रतिक्रिया दी है। सत्यन ने ANI से बातचीत में मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई ना किए जाने को लेकर कहा, “कार्रवाई साहसी नेता द्वारा की जा सकती है, आप MK स्टालिन जैसे रीढ़विहीन नेता से किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं कर सकते। वे उनका पार्टी पद छीन लेंगे और दो या तीन महीने बाद यह पद पुनः बहाल कर दिया जाएगा। यह DMK का DNA है। पोनमुडी ने जो कुछ भी कहा वह डीएमके और डीएमके के तंत्र की वैचारिक मान्यता है, जिसमें उनकी मूल संस्था DK भी शामिल है।”

कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी पोनमुडी के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “यह अत्यंत खराब बयान है, मैंने स्वयं इसे देखा है और मुझे लगता है कि एक मंत्री द्वारा ऐसा कहना अत्यंत अनुचित है। उन्होंने जो कहा मैं उसकी पूरी तरह निंदा करता हूं। तमिलनाडु सरकार में मंत्री होने के नाते उन्हें ये बातें नहीं कहनी चाहिए थीं।”

पहले भी विवादों में रहे हैं पोनमुडी

यह पहला मौका नहीं है जब पोनमुडी विवादों में आए हैं। इससे पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सज़ा भी हो चुकी है। पोनमुडी ने हिंदी बोलने वालों को पानी पुरी बेचने वाला तक बता दिया था। पोनमुडी ने मई 2022 में कहा था, “अंग्रेजी भाषा हिंदी से ज़्यादा मूल्यवान है, उन्होंने दावा किया कि हिंदी बोलने वाले लोग नीची नौकरियों में लगे हुए हैं। हिंदी बोलने वाले लोग कोयंबटूर में पानी पुरी बेच रहे हैं।”

पिछले साल दिसंबर में मद्रास उच्च न्यायालय ने पोनमुडी और उनकी पत्नी पी विशालाची को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनाई व 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उन पर 2006-2011 की DMK सरकार में खनन और खनिज मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान संपत्ति अर्जित करने का दोषी ठहराया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और उनकी पत्नी की सज़ा को भी निलंबित कर दिया था।

DMK नेताओं में सनातन विरोध की होड़

यह कोई पहला या इकलौता मौका नहीं है जब DMK के नेताओं ने सनातन के विरोध में बयान दिया है। इससे पहले तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री और DMK नेता उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म की तुलना मलेरिया-डेंगू से करते हुए उसे मिटाने तक की बात कह चुके हैं। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा, “हम मंदिर बनाने के लिए पहले से मौजूद मस्जिद को गिराने से सहमत नहीं हो सकते हैं।” तमिलनाडु में राम मंदिर के उद्घाटन की लाइव स्ट्रीम की भी इजाजत नहीं दी गई और मंदिरों में विशेष पूजा की भी इजाजत नहीं दी गई थी। वहीं, DMK के सांसद ए. राजा ने सनातन धर्म की तुलना HIV से कर चुके हैं। माना जाता है कि तमिल हिंदू मतदाता धर्म आधारित बयानबाज़ी से प्रभावित नहीं होते। उनका वोट जातिगत पहचान पर ज़्यादा निर्भर करती है। DMK की राजनीति भी जाति आधारित ही है और वे धर्म पर बेशक टिप्पणी कर देते हैं लेकिन वे जाति पर कोई बयानबाज़ी करने से बचते हैं।

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