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लश्कर का डिप्टी था पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, फरवरी में बना प्लान और 18 अप्रैल को रावलकोट आए दहशतगर्द: रिपोर्ट

जाने कौन है सैफुल्लाह कसूरी जिसने दिया कभी न भूलने वाला दर्द

himanshumishra द्वारा himanshumishra
26 April 2025
in चर्चित
सैफुल्लाह कसूरी

सैफुल्लाह कसूरी (Image Source: News 18)

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बैसरन घाटी में हुए इस भीषण हमले में अब तक 27 से अधिक निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें तीन विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। एबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस पूरी आतंकी साजिश के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है, जिसे आतंकी संगठन के सरगना हाफिज सईद का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है।

जैसे-जैसे 22 अप्रैल को हुए इस हमले की जांच गहराई में जा रही है, इसके तार सीधे पाकिस्तान के भीतर गहरे जुड़ते दिख रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के पांच शीर्ष आतंकियों ने मिलकर रचा था और इसके पीछे लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी का सीधा निर्देश था। जांच में जिन आतंकियों के नाम सामने आए हैं, उनमें शामिल हैं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में तैनात लश्कर का टॉप कमांडर अबू मूसा, हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी का कमांडर इदरीस शाहीन, लश्कर के लिए पीओके में भर्ती करने वाला कमांडर मोहम्मद नवाज, हिजबुल का ऑपरेशनल कमांडर और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का नेता अब्दुल रफ़ा रसूल, और लश्कर का फील्ड कमांडर अब्दुल्ला खालिद।

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कैसे रची गई इस कायराने हमले की साजिश

ABP सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में हुए इस कायराना हमले की साजिश महीनों पहले ही रच दी गई थी। इसकी शुरुआत फरवरी महीने में हुई थी, जब लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने 2 फरवरी को भड़काऊ बयान देते हुए दावा किया था कि फरवरी 2026 तक कश्मीर को इस्लामिक राष्ट्र बना दिया जाएगा। इसी बयान को इस खौफनाक साजिश का पहला संकेत माना जा रहा है। इसके बाद फरवरी के आखिरी हफ्ते में, पंजाब के कसूर जिले में सैफुल्लाह कसूरी ने अबू मूसा, इदरीस शाहीन, मोहम्मद नवाज़, अब्दुल रफ़ा रसूल और अब्दुल्ला खालिद जैसे लश्कर और हिजबुल के टॉप आतंकियों के साथ गुप्त बैठक की थी। एबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया सूत्रों का शक है कि इसी बैठक में कसूरी ने इन पांचों आतंकियों को कश्मीर में बड़ा हमला करने का आदेश दिया था।

बैठक के तुरंत बाद मार्च के पहले हफ्ते में, इन आतंकियों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर शहर के खम्बल इलाके में एक और बैठक की, जिसमें ABP सूत्रों के अनुसार, पहलगाम में हमले की योजना और उसकी पूरी रणनीति तय की गई थी। इस साजिश की पुष्टि करने के लिए खुफिया एजेंसियां अब गंभीरता से जांच कर रही हैं। इसके बाद 11 मार्च को सैफुल्लाह कसूरी खुद मीरपुर पहुंचा, जिसकी एक्सक्लूसिव तस्वीरें और वीडियो एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद हैं। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कसूरी मंच पर लश्कर कमांडर अबू मूसा से गर्मजोशी से गले मिल रहा है, उसकी पीठ थपथपा रहा है, और वहां इदरीस शाहीन भी मौजूद था।

मार्च महीने के आखिर में, इन पांचों आतंकियों ने मीरपुर में एक और बैठक की। इसमें हमले की जगह के तौर पर पहलगाम को चुना गया और 22 अप्रैल की तारीख तय कर दी गई। हमले से ठीक चार दिन पहले, 18 अप्रैल को, ये सभी आतंकी रावलकोट में फिर इकट्ठा हुए। इस जमावड़े का बहाना भारतीय सेना द्वारा 17 मार्च को मारे गए आतंकी अब्दुल हलीम की मौत पर शोक सभा बताया गया, लेकिन खुफिया एजेंसियों का मानना है कि असली मकसद पहलगाम हमले की अंतिम रूपरेखा को अंतिम रूप देना था। उस दिन के भाषणों में भी इन आतंकियों ने अपने मंसूबे साफ जाहिर कर दिए थे कि वे कश्मीर में एक बड़ा आतंकी हमला करने जा रहे हैं।

एबीपी न्यूज़ का दवा है की उनके पास इससे जुड़ा एक एक्सक्लूसिव वीडियो है जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्दुल्ला खालिद मंच से खुलकर धमकियां देता नजर आ रहा है। अपने भड़काऊ भाषण में वह कहता है कि जिस तरह भारतीय सेना ने 17 मार्च को आतंकियों को ढेर किया था और पाकिस्तान की सेना पर फायरिंग की थी, उसका जवाब दिया जाएगा। खालिद ने वादा किया कि जल्द ही बॉर्डर के उस पार मुजाहिद्दीन की ऐसी कतार खड़ी कर दी जाएगी जैसी 1995 से 2001 के बीच देखने को मिली थी।

कौन है सैफुल्लाह कसूरी

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है, जिसे लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है। सैफुल्लाह को सैफुल्लाह साजिद जट्ट, अली, हबीबुल्लाह और नौमान जैसे कई नामों से भी पहचाना जाता है। वह लश्कर का एक अहम कमांडर होने के साथ-साथ संगठन का डिप्टी चीफ भी है। एजेंसियों के अनुसार, सैफुल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है और पिछले करीब दो दशकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय है। उसकी उम्र लगभग 40 से 45 वर्ष के बीच बताई जाती है।

सैफुल्लाह ने 2000 के दशक की शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती ली थी और पाकिस्तान के मुरीदके स्थित लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में बाकायदा प्रशिक्षण लिया था। कहा जाता है कि उसकी भर्ती और ट्रेनिंग में खुद हाफिज सईद की सीधी भूमिका थी। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसे जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी बेल्ट में लश्कर के आतंकी नेटवर्क का मुख्य संचालक माना जाता है। इसके अलावा, वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के कोटली जिले में स्थित खुइरट्टा डेट्स आतंकी समूह का भी प्रमुख रह चुका है, जहां से भारत में आतंकियों की घुसपैठ करवाई जाती थी।

सैफुल्लाह ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) और ‘पीपल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स’ (PAFF) जैसे आतंकी फ्रंट संगठनों की भी नींव रखी थी, ताकि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को सीधे आतंकी हमलों की जिम्मेदारी से बचाया जा सके। हाफिज सईद के बेहद विश्वसनीय लोगों में शुमार सैफुल्लाह को ही पहलगाम हमले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जा रहा है। खुफिया रिपोर्ट्स का कहना है कि सैफुल्लाह ने 5 से 6 पाकिस्तानी आतंकियों को इस हमले को अंजाम देने के लिए भेजा था, जो कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके थे।

 

स्रोत: सैफुल्लाह कसूरी, पहलगाम, पहलगाम टेररिस्ट अटैक, Saifullah Kasuri, Pahalgam, Pahalgam Terrorist Attack
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21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

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