पश्चिम बंगाल एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़के प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया है। सड़कों पर तनाव है, आगजनी हुई है, और अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन इन सबके बीच एक बात जिसने सबका ध्यान खींचा वो थी बेहरामपुर के टीएमसी सांसद यूसुफ पठान की एक तस्वीर। सांसद महोदय ने ठीक उसी वक्त सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वो चाय की चुस्की लेते दिख रहे हैं। कैप्शन था, “Easy afternoons, good chai, and calm surroundings. Just soaking in the moment.” सवाल ये उठता है जब आपके जिले से कुछ ही दूरी पर दंगे हो रहे हों, लोग डर के साए में जी रहे हों, तब एक जनप्रतिनिधि का इस तरह की “calm” पोस्ट करना क्या संवेदनहीनता नहीं?
बेहरामपुर से महज 70–80 किलोमीटर दूर के इलाकों जैसे सुत्ती, धुलियान और शमशेरगंज में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घरों में तोड़फोड़, आगजनी, और हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाएँ सामने आ रही हैं। ऐसे में यह सवाल भी ज़रूरी हो जाता है कि क्या सांसद यूसुफ पठान इन हालात से वाक़िफ़ नहीं हैं, या फिर जानबूझकर आंखें मूंदे बैठे हैं? टीएमसी की वोटबैंक राजनीति पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन जब एक सांसद, जो कभी भारत के लिए क्रिकेट खेल चुका है, हिंसा के वक्त चुप्पी साधे बैठे हों और सोशल मीडिया पर शांति का आनंद ले रहे हों तो लोगों में आक्रोश उठना स्वाभाविक है।
युसूफ पठान की पोस्ट
भाजपा ने साधा निशाना
यूसुफ पठान की चाय वाली पोस्ट पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने न सिर्फ उन्हें आड़े हाथों लिया, बल्कि ममता बनर्जी की सरकार पर भी ‘राज्य प्रायोजित हिंसा’ को बढ़ावा देने का आरोप जड़ा।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर लिखा, “बंगाल जल रहा है। हाई कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और कहना पड़ा कि वह आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकता। नतीजतन, कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया। लेकिन बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, और ममता सरकार इस हिंसा को खुलकर बढ़ावा दे रही है। इसी बीच यूसुफ पठान जो एक सांसद हैं चाय की चुस्कियों में व्यस्त हैं, जबकि हिंदुओं की हत्या की जा रही है। यही है TMC का असली चेहरा।” सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि वामपंथी खेमे से भी कुछ लोग यूसुफ पठान की चुप्पी और उनके रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी पोस्ट को संवेदनहीन और मौके की नज़ाकत से पूरी तरह बेखबर बताया है।