सावधान!! आ गयी कोरोना की एक और Wave: देश में एक्टिव केसों की संख्या 1000 के पार, दिल्ली में भी छुआ सैकड़ा

जानें किस राज्य में हैं कितने एक्टिव मामले

कोरोना वायरस

कोरोना वायरस

कोरोना वायरस एक बार फिर खतरनाक रफ्तार से लौट आया है और इस बार यह वापसी कहीं अधिक चिंताजनक लग रही है। पैर पसारते वायरस को देखते हुए अब तक 11 से ज्यादा राज्यों ने अलर्ट और एडवाइजरी जारी कर दी है। सोशल मीडिया पर इसे लोग “कोरोना की नई लहर” कहकर शेयर कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में 99 नए मामले सामने आए हैं, जिससे राजधानी में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 104 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेताया है कि ये आंकड़े साफ संकेत हैं कि वायरस अब भी पूरी तरह से काबू में नहीं है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस और टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ा दी है। डराने वाली बात यह है कि देशभर में सक्रिय मामलों का आंकड़ा अब हजार के पार जा चुका है। क्या यह चौथी लहर की दस्तक है? या फिर एक और संकट की शुरुआत? सावधानी और सतर्कता अब वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है।

बढ़ते केसेस पर क्या बोली सीएम रेखा

देश एक बार फिर उस अनदेखे दुश्मन की चपेट में आता दिख रहा है, जिसने कुछ साल पहले जिंदगी की रफ्तार थाम दी थी। 19 मई के बाद से भारत के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामले दर्ज किए गए हैं, और यह संख्या धीरे-धीरे डराने लगी है। आंध्र प्रदेश में 4, छत्तीसगढ़ और गोवा में 1-1, गुजरात में 76, हरियाणा में 8, कर्नाटक में 34, मध्य प्रदेश में 2, राजस्थान में 11, तमिलनाडु में 3 और तेलंगाना में 1 नया संक्रमित मरीज सामने आया है। ये आंकड़े भले ही अभी कम लगें, लेकिन महामारी के पुराने अनुभवों को देखते हुए इन्हें हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।

दिल्ली में हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं। जब राजधानी में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 100 के पार पहुंच गई, तो दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद सामने आकर लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी सतर्कता से हालात पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, “सभी अस्पतालों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं और सरकार स्थिति पर लगातार निगरानी कर रही है।” सीएम रेखा ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी है। ऑक्सीजन, बेड्स, दवाइयां और मेडिकल स्टाफ हर मोर्चे पर सरकार मुस्तैद है।

हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन जिस तरह से अलग-अलग राज्यों से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, वह इस बात की चेतावनी है कि वायरस अभी गया नहीं है और लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। एक बार फिर मास्क, दूरी और जागरूकता को आदत बनाना होगा… क्योंकि एक छोटी सी चूक बड़ी कीमत बन सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताये कहां कितने मामले

संक्रमण की रफ्तार भले वैसी न हो जैसी पहले थी, लेकिन आंकड़े अब भी चेतावनी दे रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ राज्यों में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में अचानक इज़ाफा हुआ है, और यही वो संकेत हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सबसे ज़्यादा एक्टिव केस इस वक्त केरल में हैं, जहां 430 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र में 209 और दिल्ली में 104 सक्रिय मामले हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि दिल्ली में 19 मई तक केवल 24 केस थे लेकिन सिर्फ सात दिनों में ये संख्या चार गुना से ज्यादा बढ़कर 104 हो गई। यानी 99 नए संक्रमण और 24 रिकवरी, जो बताता है कि वायरस फिर से धीरे-धीरे फैलने लगा है।

 

क्रमांक राज्य सक्रिय मामले
1 केरल 430
2 महाराष्ट्र 209
3 दिल्ली 104
4 गुजरात 83
5 तमिलनाडु 69
6 कर्नाटक 47
7 उत्तर प्रदेश 15
8 राजस्थान 13
9 पश्चिम बंगाल 12
10 हरियाणा 9
11 पुडुचेरी 9
12 आंध्र प्रदेश 4
13 मध्य प्रदेश 2
14 तेलंगाना 1
15 गोवा 1
16 छत्तीसगढ़ 1

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए ताजा आंकड़े बताते हैं कि केरल में 355, महाराष्ट्र में 153 और दिल्ली में 24 नए एक्टिव केस जुड़े हैं। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र में 4 नई मौतें, और कर्नाटक में 1 मौत भी दर्ज की गई है। ये आंकड़े छोटे लग सकते हैं, लेकिन इन्हें हल्के में लेना एक बड़ी भूल हो सकती है। हालांकि, कुछ राहत भरी खबरें भी हैं। कई राज्यों में अब तक कोई नया केस या मौत दर्ज नहीं हुई है। और अगर बात ठीक होने वालों की करें, तो महाराष्ट्र में अब तक 8,29,849, केरल में 6,84,927 और आंध्र प्रदेश में 2,32,635 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं ये संख्या बताती है कि अगर सतर्क रहें तो जंग जीती जा सकती है।

लेकिन जो आंकड़े सबसे ज़्यादा चुभते हैं, वो हैं अब तक की कुल मौतें। महाराष्ट्र में 1,48,606 लोग, कर्नाटक में 40,412, और तमिलनाडु में 38,086 लोग इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, हज़ारों टूटे हुए परिवारों की कहानियां हैं। संक्रमण की इस संभावित वापसी के दौर में ज़रूरत है सतर्क रहने की न सिर्फ सरकारों को, बल्कि हर आम इंसान को। मास्क, दूरी और सावधानी एक बार फिर ज़िंदगी बचा सकते हैं। क्योंकि कोरोना भले सुस्त हो गया हो, लेकिन गया नहीं है।

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