ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

भारत-पाकिस्तान तनाव में चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इसकी नाकामी पर चीन की चुप्पी के पीछे का क्या कारण है?

operation sindoor china pakistan

operation sindoor china pakistan

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इसमें पाकिस्तान के भीतर कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने हमला कर दिया तो इसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। 4 दिन चले इस तनाव में पाकिस्तान ने चीन और तुर्की के दिए हथियारों का इस्तेमाल किया। हालांकि, उसे उनके दम पर मुख की खानी पड़ी। इसके बाद से ही दुनिया में तुर्की और चीन के रक्षा व्यापार को लेकर सवाल हो रहा है। खासतौर से चाइना के हथियारों के प्रदर्शन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इन सवालों पर PLA यानी चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी ने चुप्पी साध रखी है।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीन के हथियारों का उपयोग किया ये किसी से छुपा नहीं है। इसके बाद भी ड्रैगन की ओर से सधी हुई प्रतिक्रिया आई है। इसके बाद से सवाल उठने लगा है कि आखिर चीन चुप क्यों हैं? आइये जानें आखिर क्या है इसके पीछे के कारण?

चीन की चुप्पी पाकिस्तान को झटका

पाकिस्तान लगातार चीनी हथियारों की बड़ाई करती रहा है। उसे चीन के हालिया बयान से झटका लग सकता है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग मीडिया ब्रीफिंग की। इसमें उनसे पाकिस्तान को दिए कुछ हथियारों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘जिस मिसाइल का आपने जिक्र किया है। वह निर्यात के लिए बनाई जाती है। इसे देश-विदेश की रक्षा प्रदर्शनियों में शामिल किया जाता है। बयान का सीधा मतलब है कि चीन अपने उपयोग के हथियार अलग बनाता है और बेचने के लिए अलग बनाता है।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी झांग शियाओगांग ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों शांत और संयमित रहेंगे। वो किसी भी तरह के तनाव से बचेंगे। शियाओगांग ने कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए युद्ध विराम रचनात्मक है। चीन चाहता है कि दोनों देशों में शांति बनी रहे और वह इसमें मदद करने को तैयार है।

सवालों में क्यों है चुप्पी?

जब दुनिया ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया है तो चीन बयानों को गुगली खेल रहा है। दुनिया को पता है कि चीन, पाकिस्तान को हथियार देता है। इस कारण वो अपनी रक्षा उत्पादों के निर्माण और व्यापार की नीतियों को अलग-अलग बता रहा है। भारत-पाकिस्तान तनाव में साफ हो गया है कि चीनी हथियार का प्रदर्शन खराब रहा है। इसे ड्रैगन स्वीकार करता है तो उसका रक्षा व्यापार कमजोर हो जाएगा।

इधर कुआं, उधर खाई

पाकिस्तान के लिए विडंबना यह है कि इस्लामाबाद चीनी हथियार प्रणालियों पर भरोसा करता रहा लेकिन उसे वो हथियार दिए गए जो प्रदर्शनी के लिए बनाए गए थे। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ये तो झांग शियाओगांग के बयान से साफ होता है। कुल मिलाकर चीन और पाकिस्तान के लिए कुआं और खाई वाली स्थिति है। क्योंकि एक तरफ हमरा नाकाप पड़ोसी हमारे दूसरे पड़ोसी पर भरोसा करता रहा। जरूरत पड़ने पर उसे ड्रोन और एयर डिफेंस मिले हमारी सीमा में आते ही मारे गए और हमारे हमलों को रोक भी नहीं पाए।

क्या पाकिस्तान को दे रहा है धोखा?

चीन हथियार युद्ध के दौरान लड़खड़ा गए हैं। वहीं दूसरी ओर उसकी सेना के आला अधिकारी गायब होते जा रहे हैं। चीन की रक्षा प्रणाली गंभीर हकीकत का सामना कर रही है। क्योंकि, बीजिंग ने पिछले दो दशकों में हथियारों की क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा किया है। लेकिन, उसकी गुणवत्ता, युद्ध प्रदर्शन और PLA की नेतृत्व क्षमताएं अविश्वसनीय बनती जा रही हैं।

PLA और रक्षा क्षेत्र के भीतर भ्रष्टाचार की खबरें भी काफी आम है। ऑपरेशन सिंदूर इन तमाम चीजों से पर्दा उठ गया। आला सैन्य नेतृत्व अस्पष्टता का शिकार हो रहा है। वहीं चीनी सेना के साख पर सवाल खड़ा हो रहा है। अगर चीन ये मान ले की उसने पाकिस्तान को बेहतर हथियार दिए थे तो उसकी किरकिरी हो जाएगी। वहीं उसके बयान से ये झलक रहा है कि उसने पाकिस्तान को धोखा दिया है। संभवत: इसी कारण चीनी सेना इस हथियारों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

Exit mobile version