दुनियाभर में पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने निकले भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल

विदेश मंत्रालय ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को 150 पन्नों का डोजियर भी सौंपा है

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आंतकी हमले को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए प्रोपेगेंडा को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सभी दलों के सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल 30 से अधिक देशों के दौरे पर निकले गए हैं। इस दौरे का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर वैश्विक नेताओं को जानकारी देना है। भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह दौरा और भी अहम हो गया है। इन दलों में कई वरिष्ठ सांसद शामिल हैं, जिनमें शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, संजय कुमार झा, कनिमोझी करुणानिधि, सुप्रिया सुले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे जैसे नेता शामिल हैं।

हर प्रतिनिधिमंडल में 5 से 8 सांसद शामिल हैं, जो बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, डीएमके, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना जैसे दलों से हैं। इनका मुख्य काम यह है कि दुनिया को बताया जाए कि भारत आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह एकजुट है- चाहे वह सत्तारूढ़ एनडीए हो या विपक्ष का इंडिया गठबंधन। सभी ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया है। ये प्रतिनिधिमंडल विदेशी नेताओं को 22 अप्रैल के आतंकी हमले की जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जैसे ग्रुप शामिल थे। वे यह भी साफ करेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ आतंक के ढांचों पर हमला था, पाकिस्तान के आम नागरिकों या सेना पर नहीं। इस तरह वे पाकिस्तान के उन झूठे दावों को गलत साबित करेंगे, जिसमें वो कहता है कि भारत के हमलों से आम लोगों को नुकसान हुआ।

सांसदों को यह भी उम्मीद है कि वे भारत के पास मौजूद सबूतों, सेना के नुकसान और परमाणु युद्ध के जोखिम जैसे कठिन सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे। ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, जापान, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे, ताकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग किया जा सके। वे उन देशों से भी संवाद करेंगे जहां मुस्लिम आबादी अधिक है जैसे सऊदी अरब और इंडोनेशिया ताकि इस्लामी दुनिया में पाकिस्तान के झूठ को चुनौती दी जा सके। इस दौरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इन देशों में बसे प्रवासी भारतीयों से मिलना भी है। यह भारत की उस नीति को दिखाता है जिसमें वह विदेशों में बसे भारतीय समुदाय से जुड़ा रहना और उन्हें अपनी कूटनीति में शामिल रखना चाहता है।

बता दें कि भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह सभी प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में जाएंगे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेडीयू सांसद संजय झा कर रहे हैं जो अब जापान पहुंच चुके हैं जबकि दूसरे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं जो अबु धाबी पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को 150 पन्नों का डोजियर भी सौंपा है और इसमें पाकिस्तान के काले कारनामों का पूरा लेखा-जोखा है।

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