मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे का अभियान तेजी से चल रहा है। मई के महीने में ही 50 से ज्यादा नक्सलियों को मुट्टी में मिला दिया गया है। बुधवार को नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिले के ट्राई जोन यानी अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया और 27 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन की चर्चा इस लिए भी हो रही है कि इसमें नक्सलियों के सबसे बड़े नेता में से एक नंबला केशव राव उर्फ बसवराजू भी मारा गया है। इससे मानो कम्युनिस्ट पार्टी को चींटी काटने लगी है। इसी कारण पार्टी के महासचिव डी राजा इस ऑपरेशन को हत्या करार देते हुए इसके जांच की मांग करने लगे हैं।
नक्सल नेता नंबला केशव राव उर्फ बसवराजू पर अलग-अलग राज्य सरकारों ने करीब 1.5 करोड़ का इनाम घोषित किया था। लंबे समय में हुई कई बड़ी घटनाओं का सरगना इसे माना जाता है। इसके बाद भी कम्युनिस्ट पार्टी इसपर सियासत कर रही है। ऐसे में सियासी दल की राजनीति घेर में आना तो लाजमी है।
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पहले जानें डी राजा ने क्या कहा?
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा 27 नक्सलियों के मारे जाने की निंदा की है। पार्टी ने इसे न्यायेतर हत्या करार देते हुए ऑपरेशन कगार की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। भाकपा महासचिव डी. राजा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस मुठभेड़ पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद विरोधी अभियानों की आड़ में की गई न्यायेतर कार्रवाई का उदाहरण है।
राजा ने पूछा कि यदि अधिकारियों के पास माओवादी नेता के ठिकाने के बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी, तो कानूनी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। यहां संविधान द्वारा बताई प्रक्रिया की स्पष्ट रूप से अनदेखी क्यों की गई। भाकपा ने इस पूरे प्रकरण और ऑपरेशन कगार की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। राजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ और पूरे भारत के लोग सच्चाई जानने के हकदार हैं। एक लोकतांत्रिक समाज राज्य को जज, जूरी और जल्लाद बनने की अनुमति नहीं दे सकता।
डी राजा ने इसे राज्य की हिंसा का खतरनाक पैटर्न बताया है। उन्होंने कहा कि ये हत्याएं न केवल राज्य की हिंसा के एक खतरनाक पैटर्न की ओर इशारा करती हैं। ऐसे मामले क्षेत्र में आदिवासी समुदायों हाशिए पर होने को भी उजागर करती हैं। बार-बार ये समुदाय ऐसे संघर्ष में फंस जाते हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने नहीं की होती है। डी राजा ने सभी लोकतांत्रिक और प्रगतिशील ताकतों को इसके खिलाफ आवाज उठाने और छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े होने की अपील की है।
डी राजा से चाहिए कई सवालों के जवाब?
जब देश में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है। प्रभावित जिलों की संख्या कम हो रही है। बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। नक्सल प्रभावित बड़े इलाके में अमन लौट कर आ रहा है। ऐसे में डी राजा को आखिर किस बात की समस्या है? हमने कई सवालों के जवाब जानने के लिए डी राजा को फोन मिलाया हालांकि, उन्होंने इस मुद्द पर बात करने से साफ इनकार कर दिया।
- आप सॉफ्ट टेररिस्म के समर्थन में क्यों है?
- आप कानूनी गिरफ्तारी की बात करते हैं तो उनके सरेंडर की बात क्यों नहीं करते?
- 2 जवान शहीद हुए हैं। उनके बारे में आपका क्या कहना है?
- अगर नक्सल आंदोलन इतना पाक साफ है तो उनके पास हथियार कहां से आते हैं?
- नक्सल नेता आदिवासियों के हक में है तो फरार क्यों रहते हैं?
- आपको नहीं लगता उन्हें लोकतांत्रिक लड़ाई लड़नी चाहिए?
- आप स्वतंत्र न्यायिक जांच किससे चाहते हैं जिस पर आपको भरोसा होगा?
- क्या आप बसवराजू को हीरो मानते हैं? इसका नाम कई हत्याओं में शामिल है।
ये दो सवाल आप भी पूंछिए?
- डी राजा नक्सल विरोधी अभियान के लिए बीजेपी की सरकार को निशाने पर लेते हैं। जबकि, बसवराजू पर इनाम कई राज्य सरकार ने अलग-अलग समय पर घोषित किया है। डी यहां सरकार बनाने वाली पार्टियों के साथ केंद्र में गठबंधन में भी रहे हैं। तो क्या उन्हें बसवराजू पर नक्सली लगता था। अब बीजेपी की सरकार आई तो राजा का रुख क्यों बदल गया?
- मार्च में डी राजा ने मीडिया से बात करते हुए गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था ‘वह कहते हैं कांग्रेस मुक्त भारत, नक्सल मुक्त भारत कल को कह देंगे कम्युनिस्ट मुक्त भारत, ये कैसी राजनीति है?’ डी राजा से सवाल करना चाहिए की वो नक्सलवाद और कम्युनिस्ट को एक तराजू में तौल रहे हैं तो क्यों वो नक्सलवाद और कम्युनिस्ट का एक मानते हैं?
बता दें साल 2019 में गृह मंत्री बनने के बाद से ही अमित शाह ने नक्सलवाद को देश के लिए बड़ा खतरा माना था। इसके बाद से ही वो इसके खिलाफ योजना बना रहे थे। उन्होंने देश को भरोसा दिया कि मार्च 2026 कर देश को नक्सलियों से मुक्त कर देंगे। इसके लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। अलग-अलग राज्यों की पुलिस, सुरक्षा बल इसके लिए ज्वाइंट ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी का नतीजा है कि साल 2014 के बाद से नक्सलवाद की कमर टूट गई है।