Fact Check: RSS को आतंकवादियों से जोड़कर वायरल की जा रही खबर की ये है सच्चाई

जानें क्या है पूरा मामला

Pic Used In Fake News

Pic Used In Fake News (Image Source: India Tv, Indian Express)

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल निर्दोष नागरिकों की जान ली, बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया। पीड़ित परिवारों के बयानों ने इस हमले को और भी ज्यादा भयावह बन दिया दिया जिसे सुनकर लोग दांग रह गए। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने पहले धर्म पूछा और फिर गोली चलाई। यह घटना केवल एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि इंसानियत और सामाजिक सौहार्द पर किया गया एक सीधा हमला है। हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। लोग खुलकर इस बर्बरता की निंदा कर रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी उठा रहे हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हालात इतने संवेदनशील हो चुके हैं कि सरकार ने 7 मई को 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का फैसला लिया है। यह फैसला युद्ध की आशंका के बीच नागरिक तैयारियों को परखने के लिए लिया गया है। लेकिन जब देश एकजुट होकर आतंकवाद जैसे नासूर को जड़ से ख़तम करने में लगा है, उसी वक्त कुछ असामाजिक ताकतें सोशल मीडिया को हथियार बनाकर झूठ और नफरत फैलाने में जुटी हैं। बीते कुछ दिनों से एक फर्जी खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया कि ज़िंदा पकड़े गए एक आतंकी ने पूछताछ के दौरान यह कबूल किया है कि “RSS उन्हें हथियार और पैसा देती है और हिंदुओं को मारने को कहती है ताकि हिंदुओं के दिमाग में मुसलमानों के लिए नफरत भरी जा सके।”

हालांकि, जब इस खबर की पड़ताल की गई, तो यह दावा पूरी तरह झूठा निकला। किसी भी आधिकारिक स्रोत या एजेंसी ने ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है। यह खबर सिर्फ एक एजेंडा चलाने और समाज को धर्म के आधार पर बांटने की घिनौनी कोशिश भर है। तो आइए जानते हैं, इस वायरल दावे की पूरी सच्चाई…

वायरल दावे की सच्चाई

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।इस वायरल पोस्ट में एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को दो सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की गिरफ्त में दिखाया गया है, और दावा किया गया है कि यह आतंकी पूछताछ के दौरान यह कबूल करता है कि “RSS उन्हें हथियार और पैसा देती है और हिंदुओं को मारने को कहती है ताकि हिंदुओं के दिमाग में मुसलमानों के लिए नफरत भरी जा सके।”

वायरल दावे की सच्चाई

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।इस वायरल पोस्ट में एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को दो सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की गिरफ्त में दिखाया गया है, और दावा किया गया है कि यह आतंकी पूछताछ के दौरान यह कबूल करता है कि “RSS उन्हें हथियार और पैसा देती है और हिंदुओं को मारने को कहती है ताकि हिंदुओं के दिमाग में मुसलमानों के लिए नफरत भरी जा सके।”

हालांकि जब इस दावे की पड़ताल की गई तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। TFI फैक्ट चेक टीम द्वारा वायरल हो रही तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि यह तस्वीर 24 सितंबर 2016 की है। इस तस्वीर में नजर आ रहा व्यक्ति पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल कय्यूम है, जिसे जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सीमा पार से घुसपैठ के दौरान बीएसएफ जवानों ने जिंदा गिरफ्तार किया था।

The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, पूछताछ में अब्दुल कय्यूम ने स्वीकार किया था कि उसने 2004 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद के पास स्थित मंसेहरा ट्रेनिंग कैंप में लश्कर-ए-तैयबा से आतंकी प्रशिक्षण लिया था। लेकिन, उसके बयान या किसी विश्वसनीय रिपोर्ट में आरएसएस से कोई संबंध या कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का जुड़ाव नहीं पाया गया।

दरअसल, यह भ्रामक दावा पहले भी वायरल हो चुका है। पिछले वर्ष भी इसी तस्वीर के साथ झूठ फैलाया गया था कि कय्यूम का कथित संबंध आरएसएस या कांग्रेस से है। परंतु, इन दावों का कोई प्रमाण न तो किसी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट में है और न ही किसी आधिकारिक बयान में।

TFI फैक्ट टीम ने India TV की एक रिपोर्ट का भी संज्ञान लिया, जिसमें अब्दुल कय्यूम की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर और उसकी तस्वीर दिखाई गई थी। रिपोर्ट में उसे लश्कर सरगना हाफिज सईद का करीबी बताया गया था। गौरतलब है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में हाफिज सईद को हालिया पहलगाम आतंकी हमले का भी मास्टरमाइंड बताया गया है।

 

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