मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उस समय हड़कंप मच गया जब सुरक्षा अधिकारियों ने एक विदेशी यात्री के चप्पलों की तलाशी के दौरान करोड़ों रुपये का सोना बरामद किया। यह मामला जितना हैरान करने वाला है, उतना ही सोचने पर मजबूर करने वाला भी दरअसल, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) को खुफिया सूचना मिली थी कि अदीस अबाबा से मुंबई आने वाली फ्लाइट में एक यात्री सोने की तस्करी करने वाला है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए जब अधिकारी पहुंचे, तो वहां एक चाड देश का नागरिक मिला, जिसकी गतिविधियाँ संदिग्ध लग रही थीं।
पूछताछ और जांच के दौरान जब उसके चप्पलों को ध्यान से देखा गया, तो अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गईं। चप्पलों की एड़ियों में बेहद चालाकी से छिपाए गए सोने के टुकड़े मिले। कुल 4,015 ग्राम सोना निकला, जिसकी बाज़ार कीमत करीब 3.86 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
क्या बोले अधिकारी
अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि चाड के नागरिक ने सीमा शुल्क जांच और कानूनी पहचान से बचने के लिए असामान्य तरीके से सोना छिपाया था। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत सोने को जब्त कर लिया गया और यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि तस्करी किया गया सोना किसके पास ले जाया जा रहा था या किसने इसे मंगाया था, उसका पता लगाने के लिए जांच चल रही है। यह भी जांच का विषय है कि क्या यह घटना किसी व्यापक तस्करी नेटवर्क से जुड़ी है।
अप्रैल 2025 के एक पहले के मामले में, डीआरआई मुंबई ने बैंकॉक से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे एक यात्री से 6.30 करोड़ रुपये का विदेशी मूल का सोना जब्त किया था। यात्री के सामान के विशेष रूप से डिजाइन किए गए डिब्बों में छिपा हुआ सोना भी सीमा शुल्क अधिनियम के तहत जब्त कर लिया गया, और व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया गया था।
डीआरआई अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर कड़ी निगरानी बनाए रखता है, कीमती धातुओं और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के प्रयासों को विफल करने के लिए खुफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी के संयोजन का उपयोग करता है। एजेंसी ने ऐसे अपराधों पर नकेल कसने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जो आर्थिक स्थिरता और सीमा सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।