कर्ज के गलत इस्तेमाल पर चेतावनी…लोन के लिए IMF ने पाकिस्तान के सामने रखीं 11 और शर्तें

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IMF (Image Source: IANS)

भारत-विरोध की अपनी ज़िद में अंधे हो चुके पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कीमत चुकानी पड़ रही है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेताया है कि अगर भारत के साथ उसका मौजूदा तनाव और गहराया, तो 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,542 करोड़) की बेलआउट सहायता की अगली किश्त रोक दी जाएगी।

IMF ने विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़े हालात को पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज के लिए गंभीर खतरा बताया है। इसके अलावा, IMF ने इस फंड को जारी रखने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें भी थोप दी हैं, जिससे अब कुल शर्तों की संख्या 50 तक पहुँच गई है।

सिर्फ 7 अरब डॉलर के लिए 11 और कड़ी शर्तें 

जब एक देश अपनी सीमाओं की रक्षा से ज़्यादा ध्यान दूसरे देश की स्थिरता बिगाड़ने पर लगाए, तो नतीजा सिर्फ कूटनीतिक अलगाव नहीं होता — उसका आर्थिक दम भी घुटने लगता है। यही हाल आज पाकिस्तान का है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अब 7 अरब डॉलर के लोन की अगली किस्त के लिए 11 नई शर्तों की सख्त लिस्ट थमा दी है। और इन शर्तों से भी ज़्यादा स्पष्ट संदेश यह है कि भारत के साथ बढ़ता तनाव अब पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के कगार पर है।

पाकिस्तानी अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, IMF की नई शर्तों में ये शामिल हैं:

IMF की हालिया रिपोर्ट में साफ तौर पर चेताया गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहराता है, तो इसका सीधा असर पाकिस्तान के बजट, व्यापार, और सुधार प्रक्रिया पर पड़ेगा। रिपोर्ट बताती है कि बीते दो हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनाव में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है, हालांकि अभी तक बाजारों ने मामूली स्थिरता बनाए रखी है।

IMF ने यह भी अनुमान लगाया है कि आगामी वित्त वर्ष में पाकिस्तान का रक्षा बजट 2.414 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 12 प्रतिशत की वृद्धि है। जबकि पाकिस्तान सरकार इसके भी आगे बढ़ते हुए 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च का संकेत दे चुकी है यानी भारत के साथ टकराव की आड़ में एक और 18% की रक्षा वृद्धि। IMF अब पाकिस्तान से यह अपेक्षा कर रहा है कि वह वित्त वर्ष 2026 का बजट भी पहले से ही संसद से पास करवा ले, ताकि 2025 के जून तक तय सभी कार्यक्रम लक्ष्य पूरे किए जा सकें।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया, “सिर्फ 7 अरब डॉलर के कर्ज के लिए IMF ने पाकिस्तान पर 11 और नई शर्तें लगा दी हैं, जिससे अब कुल शर्तों की संख्या 50 हो चुकी है।” और हैरान करने वाली बात यह है कि 17.6 लाख करोड़ रुपए के बजट में से सिर्फ 1.07 लाख करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 6.6 लाख करोड़ का अकेला राजकोषीय घाटा दर्शाता है कि देश की वित्तीय स्थिति किस हद तक डगमगा चुकी है।

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