पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जब जवाबी कार्रवाई शुरू की थी तो उसमें सबसे पहले काम 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द करना था। इस जल समझौते को रद्द करने के बाद पाकिस्तान का हलक सूखना तय था और इसका असर भी दिखना शुरू हो गया था। पाकिस्तान के इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने सोमवार को आशंका जताई थी कि इसके चलते खरीफ सीजन में पानी की 21% कमी और चिनाब नदी के सूखने से पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान होना तय है। लेकिन अब भारत ने चेनाब में पानी छोड़ दिया है। कुछ घंटों पहले तक लगभग सूखी पड़ी नदी में 28,000 क्यूसेक का प्रवाह दर्ज किया गया है।
News9 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है। लाहौर स्थित अथॉरिटी द्वारा पाकिस्तान के पूरे पंजाब प्रांत के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। Dunya News के मुताबिक, 24 घंटे तक चेनाब के पानी के प्रवाह को रोकने के बाद अचानक पानी छोड़े जाने से हेड मराला में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ गया है। Dunya News ने सिंचाई अधिकारियों के हवाले से बताया है कि कुछ घंटों पहले लगभग सूखी दिखने वाली नदी में अब 28,000 क्यूसेक का प्रवाह दर्ज किया गया है। रात में पानी का स्तर और बढ़ने की उम्मीद है और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसे लेकर चेतावनी भी जारी की गई है।
भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है जिसका मतलब है कि अब इसके पानी पर भारत का अधिकार है वो देश और देश के लोगों के हित के अनुसार जैसा चाहे पानी का इस्तेमाल कर सकता है। भारत लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित रहा है। पहलगाम हमले में जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने कम-से-कम 26 लोगों की हत्या कर दी तो भारत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ धीरे-धीरे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी चल रही है। जल समझौते रद्द करने से लेकर इंपोर्ट बैन करने तक पाकिस्तान पर चौतरफा मार की तैयारी है। बुधवार (7 मई) को देशभर में डिफेंस ड्रिल की भी तैयारी है। ऐसे में भारत किसी भी मोर्चे पर अब पाकिस्तान को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, आतंकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जो ज़रूरी है वो सब करने की सरकार तैयारी कर रही है और कई कदम लिए भी गए हैं।