‘पाकिस्तान में जंगलराज’: इमरान खान क्यों कर रहे हैं असीम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने का विरोध?

भारत के हाथों पाकिस्तान की सेना कि पिटाई के बाद क्या इमरान खान के तेवर पाकिस्तान में राजनीतिक उठा-पटक के संकेत हैं?

2018 में इमरान खान को सलामी देते ले.जे. असीम मुनीर (Photo- U News)

2018 में इमरान खान को सलामी देते ले.जे. असीम मुनीर (Photo- U News)

पाकिस्तान की आर्मी के प्रमुख असीम मुनीर को कुछ दिनों पहले फील्ड मार्शल बनाया गया था। पाकिस्तान में इसे इस तरह बताया गया कि जैसे उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान की कार्रवाई का इनाम मिला हो। पाकिस्तान के लोगों के बीच अपनी झूठी जीत को साबित करने की इस होड़ ने पाकिस्तान की जग हंसाई ही कराई है। पाकिस्तान के भीतर भी आम लोगों ने इस पर खूब सवाल उठाए हैं और पाकिस्तान के राजनेता भी इस पर सवाल कर रहे हैं। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।

पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी PTI के अंतरिम अध्यक्ष गोहर अली खान ने असीम मुनीर को बधाई दी लेकिन पार्टी के जेल में बंद संस्थापक इमरान खान ने इस फैसले की आलोचना की है। इमरान खान ने बुधवार (21 मई) को अडियाला जेल की कोर्ट में वकीलों, परिवार के लोगों और पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार के इस फैसले की निंदा की है। यह ट्वीट गुरुवार (22 मई) को इमरान के X हैंडल पर पोस्ट किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के पास खुद अपने X अकाउंट का ऐक्सेस नहीं है और उनकी जगह कोई और ये पोस्ट करता है।

इमरान खान ने क्या कहा?

इमरान खान ने जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर कड़ा कटाक्ष किया है। इमरान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि मुनीर को फील्ड मार्शल घोषित करने की बजाय उन्हें ‘राजा’ घोषित कर देना ज्यादा सही होता। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में सब कुछ ‘जंगल के कानून’ के हिसाब से ही चल रहा है और उन्होंने तंज़ किया कि जंगल के कानून में ‘सिर्फ एक ही राजा होता है’। इमरान का यह रुख अपनी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं से अलग है जिन्होंने असीम मुनीर को इस पद पर नियुक्त किए जाने पर खुशी जाहिर की है

क्या बोलीं इमरान खान की बहन?

इमरान खान की बहन अलीमा खान ने मीडिया से बातचीत में पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष गोहर के बयान की आलोचना की है। उन्होंने साफ कहा कि गोहर अली खान ने जो आर्मी चीफ को बधाई दी, वो उनकी व्यक्तिगत राय थी, पार्टी की नहीं। अलीमा ने ज़ोर देकर कहा कि पार्टी की राय और बैरिस्टर गोहर की राय एक जैसी नहीं है।अलीमा ने कहा, “हमने कल PTI के संस्थापक का बयान सबके सामने रखा है।” उन्होंने ये भी कहा कि जब इमरान खान खुद मौजूद हैं, तो बैरिस्टर गोहर पार्टी की ओर से अकेले नहीं बोल सकते। अलीमा ने इमरान खान के बयान को दोहराते हुए कहा ‘उन्होंने साफ कहा था कि यहां जंगल का कानून चल रहा है और ऐसे में तो आर्मी चीफ को खुद को राजा घोषित कर लेना चाहिए था’।

इमरान के विरोध की वजह क्या?

पाकिस्तानी सेना और खासकर असीम मुनीर से इमरान खान की अदावत की कहानी लंबी है। इमरान खान मानते हैं कि उनको प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए सेना ही ज़िम्मेदार है और इसके लिए वो लगातार सेना के प्रभुत्व को लेकर हमलावर रहते हैं। हालांकि, एक तर्क ये भी दिया जाता है कि इमरान को सत्ता में लाने के लिए सेना और ISI ने ही जी तोड़ कोशिश की थी जिसके चलते वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन सके।

‘द डिप्लोमेट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर और इमरान के बीच विवाद जून 2019 से शुरू हुआ जब असीम मुनीर को अचानक ISI के डायरेक्टर जनरल के पद से हटा दिया गया। कहा जाता है कि इमरान खान को इस बात से गहरा झटका लगा था कि मुनीर ने उनकी पत्नी से जुड़े भ्रष्टाचार के सबूत सामने रखे थे। यही बात उनके बीच तनाव की जड़ बन गई। जब जनरल मुनीर को आर्मी चीफ बनाए जाने की बात आई, तो इमरान खान ने उसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश की। लेकिन नाकाम रहने के बाद, उन्होंने उनसे रिश्ते सुधारने की कोशिश भी की लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ।

अब मुनीर के इस पद पर जाने के बाद उसकी ताकत और बढ़ जाएगी जो इमरान के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है। ऐसे में इमरान इस कथित प्रमोशन की सच्चाई को लोगों को सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं। मुनीर के फील्ड मार्शल बनने को राजनीतिक नज़रिए से भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि शहबाज़ शरीफ ने अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए मुनीर को खुश करते हुए यह पद दिया है ताकि वे उनके लिए कोई मुसीबत ना खड़ी कर सकें। अब इमरान इसे काउंटर करने के लिए ‘जंगलराज’ का तर्क दे रहे हैं।

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