पाकिस्तान जैसी भाषा… राफेल पर निशाना!! राहुल गांधी आखिर क्यों पूछ रहे हैं कि भारत के कितने एयरक्राफ्ट गिराए गए?

PIB ने बताया था जयशंकर का वीडियो फर्जी है

Rahul Gandhi'S tweet

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जब भारत ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक अभियान चला रहा है और वैश्विक स्तर पर उसकी आतंक-परस्त नीतियों को उजागर करने की रणनीति पर काम कर रहा है, उसी समय देश के भीतर से ऐसी आवाज़ें उठ रही हैं जो इस एकजुट राष्ट्रीय प्रयास पर सवाल खड़े कर रही हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है, लेकिन इस बार उनके सवालों की प्रकृति ने उन्हें विवादों के केंद्र में ला खड़ा किया है। उन्होंने एक कथित वीडियो का हवाला देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चुप्पी को “घातक” बताया और पूछा कि यदि पाकिस्तान को भारत के हमले की पहले से जानकारी थी तो आखिर हमने कितने फाइटर जेट खोए? उन्होंने इसे चूक नहीं बल्कि “गुनाह” कहा और लिखा कि देश को सच्चाई जानने का अधिकार है।

राहुल गांधी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई लोगों ने यह सवाल उठाया कि जब देश आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, तब ऐसे प्रश्न क्या राष्ट्रीय हित के अनुरूप हैं या सिर्फ सियासी लाभ के लिए उठाए जा रहे हैं। राहुल गांधी पर यह आरोप भी लगे कि वे बार-बार ऐसे मुद्दों को उठाकर पाकिस्तान की भाषा बोलते नज़र आते हैं और उनके सवाल दुश्मन देशों को नैरेटिव सेट करने का मौका देते हैं।

एक और महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि जब सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी में है, तो क्या इस तरह के बयानों से भारत की कूटनीतिक स्थिति कमजोर नहीं होती? सवाल यह नहीं है कि राहुल गांधी ने यह क्यों पूछा, असली सवाल यह है कि उन्होंने यह कब और किस मंशा से पूछा। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जिम्मेदारी से बोलना जितना आवश्यक है, उतना ही ज़रूरी यह भी है कि नेताओं की भाषा और मंशा देशहित से प्रेरित हो, न कि सियासी लाभ के लिए देश की संस्थाओं पर सवाल खड़े करने के लिए इस्तेमाल हो।

जयशंकर का वीडियो फर्जी

राहुल गांधी के बयान से उठे विवाद के बीच अब एक और बड़ा मोड़ सामने आया है, और वह है विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जुड़ा कथित वीडियो, जिसे कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर खूब प्रचारित किया गया। केरल कांग्रेस ने इस वीडियो को साझा करते हुए दावा किया कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान को भारत की कार्रवाई की जानकारी पहले से थी। यही वीडियो राहुल गांधी के उन तीखे सवालों की बुनियाद बना, जिनमें उन्होंने पूछा था कि अगर पाकिस्तान को ऑपरेशन की पूर्व जानकारी दी गई थी तो इसकी अनुमति किसने दी और इसके कारण वायुसेना को कितना नुकसान हुआ।

इस पूरे विवाद पर अब केंद्र सरकार की फैक्ट चेक एजेंसी प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने स्थिति साफ की है। PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री जयशंकर के नाम से जो बातें प्रचारित की जा रही हैं, वे पूरी तरह भ्रामक और गलत हैं। PIB ने साफ तौर पर कहा कि विदेश मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, और यह दावा कि पाकिस्तान को पहले से सूचना दी गई थी, झूठा और निराधार है। PIB ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में विदेश मंत्री के हवाले से कहा जा रहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को पहले ही दे दी थी। यह दावा पूरी तरह से गलत है। विदेश मंत्री ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।”

इस सफाई के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे अब भी एक झूठे और गढ़े गए नैरेटिव पर आधारित राजनीतिक हमला जारी रखेंगे? क्या इस तरह के वीडियो का प्रसार जो संभावित रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बनाया गया हो देश की सुरक्षा और लोकतंत्र की विश्वसनीयता के साथ खिलवाड़ नहीं है? जब देश आतंकवाद और सीमापार हमलों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा हो, उस वक्त झूठे दावों पर आधारित आरोपों से किसका भला हो रहा है यह सवाल अब जनता के सामने है।

विदेश मंत्रालय ने वीडियो के बारे में क्या कहा

राहुल गांधी के सवालों और वायरल हो रहे वीडियो के बीच उठे विवाद ने तूल पकड़ते ही विदेश मंत्रालय ने खुद सामने आकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को जानबूझकर संदर्भ से काटकर, तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, जिससे जनता के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है, “विदेश मंत्री ने केवल इतना कहा था कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरणों में चेतावनी दी गई थी, ताकि उसे इस बात का एहसास हो कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। लेकिन यह दावा करना कि भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन शुरू होने से पहले सूचित किया था यह बात पूरी तरह ग़लत, भ्रामक और मनगढ़ंत है।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस पूरे विवाद में तथ्यों की निष्ठुर विकृति की जा रही है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी पर गंभीर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। ऐसे में सवाल यह है कि जब केंद्र सरकार की फैक्ट चेकिंग एजेंसी प्रेस सूचना ब्यूरो और खुद विदेश मंत्रालय इस वीडियो को फर्जी बता चुका है तो राहुल गाँधी इसे तोड़ मरोड़ के क्यों पेश कर रहे हैं?

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