नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त और निर्णायक रुख को देश और दुनिया के सामने प्रभावी ढंग से रखने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 25 मई को दिल्ली में NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में 21 एनडीए शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक में मुख्य तौर पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आंतकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा की जाएगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में एनडीए के मुख्यमंत्रियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी अहम बातें जैसे यह मिशन क्यों जरूरी था, इसमें क्या-क्या कामयाबी मिली और इससे दुनिया को क्या संदेश गया जैसी चीज़ें बताई जाएंगी। साथ ही यह भी साफ किया जाएगा कि भारत की यह कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ थी, किसी भी देश की सेना के खिलाफ नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, NDA की इस अहम बैठक की शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत से होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री सभी उपस्थित नेताओं को संबोधित करेंगे। यह बैठक जहां एक ओर सरकार के सुरक्षा नजरिए को स्पष्ट करेगी, वहीं सुशासन, सामाजिक न्याय और राजनीतिक दिशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रीय नीति का संतुलन: विकास और सुरक्षा दोनों पर फोकस
बैठक का एजेंडा सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें विकास, सामाजिक न्याय, बेहतर शासन व्यवस्था और राजनीतिक मजबूती जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘जन-हितैषी और सुशासन’ के सिद्धांत पर काम कर रही है और इस बैठक के ज़रिए इसे राज्यों में और प्रभावी तरीके से लागू करने की रणनीति बनाई जाएगी।
गरीबों और वंचित वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं जैसे पीएम आवास योजना, मुफ्त राशन वितरण, स्वास्थ्य सेवाएं और स्वरोजगार से जुड़ी पहल की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, बैठक में सुशासन के सफल मॉडल्स को सभी NDA शासित राज्यों में समान रूप से लागू करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
भारत को वैश्विक व्यापार में चीन का विकल्प बनाने पर भी चर्चा
इस बैठक में इस बात पर भी अहम चर्चा होने की उम्मीद है कि भारत को वैश्विक व्यापार व्यवस्था में चीन के विकल्प के रूप में कैसे पेश किया जा सकता है। इसमें यह जोर दिया जाएगा कि भारत बिना लंबे संघर्ष में फंसे, सीमित लेकिन ठोस सैन्य कार्रवाई और मजबूत आर्थिक-राजनयिक रणनीतियों के ज़रिए वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
चीन को ग्लोबल सप्लाई चेन में चुनौती देने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच एनडीए शासित राज्यों को उत्पादन, निर्यात और निवेश आकर्षित करने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं ताकि भारत की वैश्विक सप्लाई चेन में हिस्सेदारी बढ़ सके।
जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय पर रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना को लेकर लिए गए फैसले को जनता तक सही तरीके से पहुंचाने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। उद्देश्य यह रहेगा कि सामाजिक न्याय का संदेश प्रभावी रूप से आम लोगों तक पहुंचे और विपक्ष की भ्रामक राजनीति का जवाब दिया जा सके। इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पारित हो सकता है, जिससे एनडीए शासित राज्य एकजुट होकर सकारात्मक और समन्वित संदेश के साथ आगे बढ़ें।
चुनावी रणनीति: बिहार पर रहेगा खास फोकस
इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर भी विस्तार से मंथन होगा। खास तौर पर 2025 के अंत में होने वाले बिहार चुनावों के लिए रणनीति बनाई जाएगी। बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासी मतदाताओं को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी विशेष चर्चा हो सकती है।