सितंबर 1858 में इलिनोइस में एक भाषण के दौरान नैतिकता की बात करते हुए अब्राहम लिंकन ने कहा था ‘तुम कुछ लोगों को कुछ समय के लिए और कुछ लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख बना सकते हो। लेकिन, तुम सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते।’ लिंकन का ये कथन आज 140 साल बाद अमेरिका के फेमस अखबारों पर एकदम फिट बैठ रहा है। भारत-पाकिस्तान तनाव में पश्चिमी मीडिया भारत को कमजोर और पाक को विजेता मानने लगी थी। हालांकि, कुछ समय में ही उनका रुख बदला और 4 दिन तक चले तनाव के बाद अब वह भारत को विजयी मानने लगे हैं। पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने सच कबूला अब वाशिंगटन पोस्ट ने भी पाकिस्तान की पोल खोल दी है। आखिर ऐसा क्या है जो कुछ दिनों के भीतर ही उन्हें अपना रुख बदलकर भारत के दावों की पुष्टि करना पड़ा?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई 2025 को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। इसके बाद 8 मई को पाकिस्तान की ओर से अटैक हो गया। इसका मुकाबला भारतीय सेना ने बखूबी किया। इतना ही नहीं पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके कई एयरबेस को को नुकसान पहुंचाया। पहले तो इसे पश्चिमी मीडिया मानने से इनकार कर रही थी। अब वो अपना रुख बदल रहे हैं। सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर भारत के पराक्रम को परिभाषित कर रहे हैं।
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वॉशिंगटन पोस्ट का कबूलनामा
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि भारत के हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए सटीक और मापा हुआ हमला किया। ऑपरेशन सिंदूर ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया। वॉशिंगटन पोस्ट ने सैटेलाइट इमेजरी और विशेषज्ञ विश्लेषण के आधार पर माना कि हमलों ने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को क्षति हुई है।
छह हवाई अड्डे क्षतिग्रस्त
रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज और वीडियो की समीक्षा के बाद खुलासा किया गया है कि भारत के हमलों से पाकिस्तान के कम से कम 6 वायुसेना अड्डों को गंभीर नुकसान पहुंचा। तीन एयरक्राफ्ट हैंगर, दो रनवे और दो मोबाइल कंट्रोल इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। भारत के निशाने पाकिस्तान की सरहद के 100 किलोमीटर भीतर तक थे।
- स्ट्रैटेजिक प्लानिंग डिवीजन वाले नूर खान एयर बेस (रावलपिंडी) को नुकसान
- भोलारी एयर बेस के एक हैंगर में 60 फीट चौड़ा छेद हुआ है। यहां कई विमान रहते हैं।
- शाहबाज एयर बेस में 100 फीट चौड़ा छेद हुआ है और कंट्रोल टावर क्षतिग्रस्त हुआ।
- मुशाफ एयर बेस के रनवे पर बड़े गड्ढे हुए हैं। पाकिस्तान अब इसकी मरम्मत कर रहा है।
- शेख जायद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रॉयल लाउंज को नुकसान हुआ है।
- सुक्कुर हवाई अड्डे में एक रडार साइट और हैंगर को नष्ट कर दिया गया है।
ऐतिहासिक था भारत का हमला
वॉशिंगटन पोस्ट ने विशेषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर भारत के हमलों को ऐतिहासिक बताया है। किंग्स कॉलेज लंदन के वाल्टर लुडविग ने कहा कि 1971 के युद्ध के बाद यह पाकिस्तानी सैन्य ढांचे पर भारत का सबसे बड़ा हवाई हमला है। यूनिवर्सिटी एट अल्बानी के क्रिस्टोफर क्लेरी ने कहा कि सैटेलाइट सबूत बताते हैं कि भारत ने नुकसान पहुंचाया है। वहीं विलियम गुडहिंड ने भारत के हमलों को पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले करार दिया है। उन्होंने माना कि इससे पाकिस्तान की हवाई क्षमता को कमजोर हुई है।
घर में विरोध हुआ तो लिया यू-टर्न
पश्चिमी मीडिया का भारत के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया लंबे समय से चर्चा में रहा है। इसका कारण शायद यह है कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने अपनी शर्तों पर नीतियां और कूटनीति तय की है। इसी कारण आज हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। यह पश्चिमी देशों और उनके मीडिया को खटकता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान के अपराधों को छिपाने की कोशिश की है। हालांकि, जब अमेरिका और ब्रिटेन के पूर्व अधिकारियों ने इस पक्षपात को उजागर करना शुरू कर दिया और लगातार सबूत आने लगे तो ये मीडिया संस्थान भी अपना रुख बदलने लगे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाई। हालांकि, दूसरी ओर पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की सफलता की सराहना की और पाकिस्तानी सेना को अक्षम बताया। ब्रिटेन के विश्लेषक डेविड वेंस ने भी बीबीसी जैसे संस्थानों को भारत-विरोधी करार देते हुए बैन की मांग की। उन्होंने ऑपरेशन को भारत का साहसिक कदम बताया। पश्चिमी मीडिया की गलत रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते ही वो धीरे-धीरे अपना रुख बदलने लगे और अब सबूतों के साथ भारत की ताकत को पेश कर रहे हैं।
न्यूक्लियर ब्लैकमेल का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि अब अगर भारत पर आतंकवादी हमला होगा तो जवाब हमारे नियमों के अनुसार मिलेगा। उन्होंने साफ किया कि भारत अब परमाणु धमकी से डरने वाला नहीं है। इसके आड़ में पल रहे आतंकी ठिकानों को बचाने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया जाएगा।
पश्चिमी मीडिया ने की सच की तस्दीक
10 मई को सीजफायर के बाद और पहले पाकिस्तान ये दावा कर रहा था कि उसने भारत को भारी नुकसान पहुंचाया है। करीब-करीब यही भाषा पाकिस्तान परस्त पश्चिमी मीडिया भी बोल रही थी। हालांकि, सच्चाई सामने आती ही सभी बैकफुट पर आ गए। पाकिस्तानी सेना और पीएम शहबाज शरीफ ने भारत नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने एयरबेस पर नुकसान की बात स्वीकार कर ली। वहीं पश्चिमी मीडिया भी अपने स्टैंड को बदल लिया।
पहले पश्चिमी अखबारों का पाकिस्तान के पक्ष में झुकाव दिख रहा था। अब वही न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी भारत की कार्रवाई को प्रभावी और सटीक मान रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान पर करारा प्रहार था बल्कि उन्हें भी जवाब था जो पाकिस्तानी परस्ती में भारत को कमजोर बताते हैं। पाक ही नहीं ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया को ये संदेश मिल गया है कि बुद्ध का देश खुद पर संकट आने पर युद्ध के रास्ते पर चलकर दुश्मन का विनाश भी कर सकता है।