बढ़ते डिजिटल युग में कंटेंट क्रिएशन की दुनिया तेजी से बूम कर रही है। बड़ी संख्या में लोग लाइक और व्यूज के जरिए अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। हालांकि, पाकिस्तान जैसा हमारा नापाक पड़ोसी कंटेंट क्रिएशन को आधुनिक युद्ध का हथियार बना रहा है। इसमें देश के कुछ गद्दार साथ दे रहे हैं। ज्यादा और आसान तरीके से पैसे कमाने के चक्कर में वो देश की सुरक्षा को भी बेच दे रहे हैं। हाल ही में ज्योति मल्होत्रा नाम की ट्रैवल यूट्यूबर को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये बताता है कि दुश्मन की खुफिया एजेंसियां अब डिजिटल क्षेत्र को हथियार बना रही हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमला कर दिया। जब हमने जवाब दिया तो पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और 10 मई तो सीजफायर लागू हो गया। हालांकि, इसके बाद भी ऑपरेशन सिंदूर जारी है। 2 दिन पहले पंजाब और हरियाणा से देश की जासूसी करने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें ज्योति मल्होत्रा नाम की ट्रैवल यूट्यूबर भी शामिल हैं। आइये जानें वो कैसे इस खतरनाक खेल का हिस्सा बनी।
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कोरोना काल से कंटेंट क्रिएशन
कोरोना काल में कंटेंट क्रिएशन करने वालों की भीड़ उमड़ आई। वायरल होने की अथक चाह ने कई लोगों को खतरनाक रास्तों पर भई मोड़ दिया। इसी में नोमेडिक लियो गर्ल से एक संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंट बनने वाली ज्योति मल्होत्रा शामिल है। इसी का परिणाम है कि उसके महत्वाकांक्षा ने उसे अब सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। ज्योति ‘ट्रैवल विद जो’ के नाम से चैनल चलाती थी। उसकी गिरफ्तारी तक उसके चैनल में चैनल पर 3.85 लाख सब्सक्राइबर थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अचानक वो जांच एजेंसियों के नजर में आ गई और अब गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान कनेक्शन और संदिग्ध यात्राएं
पुलिस जांच से पता चलता है कि मल्होत्रा ने चीन और पाकिस्तान सहित लगभग आठ देशों की यात्रा की थी। वो धीरे-धीरे पाकिस्तानी सूचना अधिकारियों के प्रभाव में आ गईं। हिसार के पुलिस अधीक्षक, शशांक कुमार सावन ने बताया कि मल्होत्रा की सीधे सैन्य ठिकानों तक नहीं पहुंच सकती थी। लेकिन वो अपनी वीडियो के जरिए पाकिस्तान की कहानियों को कहती थी। सावन ने बताया कि ये यह भी (एक तरह का) युद्ध है। इसमें प्रभावशाली लोगों का इस्तेमाल अपने नरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है।
पाकिस्तान की यात्रा से हुई शुरुआत
मल्होत्रा की पाकिस्तान की कई यात्राओं ने उसपर संदेह को और गहरा किया। वह 2023 में 10 दिन की यात्रा में गई थी। इसी यात्रा के दौरान वो दानिश के परिचित अली अहवान के साथ हाई-प्रोफाइल पार्टियों में भाग लिया। इन पार्टियों में पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों शाकिर और राणा शाहबाज जैसे लोग भी शामिल थे। उसने शाकिर का नंबर जट रंधावा के नाम से सेव किया था। वो इसके साथ व्हाट्सएप, स्नैपचैट और टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क में बनी रही।
वित्तीय लेनदेन की जांच
मल्होत्रा की जीवन शैली जांच का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हवाई यात्रा में उनकी प्रथम श्रेणी की पसंद, आलीशान होटल और महंगे रेस्तरां का लजीज खाना उसकी कमाई से कई अधिक है। ऐसे में यह प्रायोजित सा लगता है। उसकी चीन और पाकिस्तान की यात्रा ने उसे सुरक्षा रडार पर ला दिया। अधिकारी अब उनके वित्तीय लेनदेन की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
क्या ज्योति अकेली नहीं?
ज्योति मल्होत्रा के मामले की जांच अभी खत्म नहीं हुई है। पुलिस का मानना है कि ये पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में आने वाली एकमात्र व्यक्ति नहीं हो सकती हैं। जानकारी से पता चलता है कि इसमें अभी कई लोगों की संलिप्तता है। इसमें पुरी की एक यूट्यूबर प्रियंका सेनापति भी शामिल हो सकती है। ये ज्योति मल्होत्रा पिछले साल मिली थीं। हालांकि, उसने यह दावा किया है कि उसे ज्योति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
जैसे-जैसे ज्योति मल्होत्रा की जांच आगे बढ़ रही है। नए-नए आयाम सामने आ रहे हैं। हालांकि, इस तमाम चीजों के बीच जासूसी की बदलती प्रकृति और सोशल मीडिया का एक और चेहरा सामने आ गया है। इसलिए जरूरी है कि हम सभी सतर्क रहें और ऐसे लोगों से अपना बचाव खुद ही करें।