फसलों के जरिए आतंक को पनाह देता है पाकिस्तान, जानें कैसे रची जाती है साजिश?

Pakistan Conspiracy Behind Crop: अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाके में पाकिस्तान 6 फीट ऊंचाई वाली फसलें उगाता है। वहीं भारत महज 3 फीट ऊंची फसल ही बोता है। आइये जानें पाक की फसल आतंक को कैसे पनाह देती है?

Pakistan Conspiracy Behind Crop Near Border

Pakistan Conspiracy Behind Crop Near Border

Pakistan Conspiracy Behind Crop: भारत के सिरमौर यानी जम्मू-कश्मीर जिसके एक हिस्से को कई बार हम घाटी कहते हैं। पूरा देश इसे अपना ताज मानता है। इसी ताज में नापाक पाकिस्तान हमेशा से  खौफ बोने की कोशिश करता आ रहा है। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला इसी का उदाहरण है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इसके बाद से ही देश में आक्रोश है। लोग  भारत की रणनीति से लेकर पाकिस्तान की नीतियों पर भी चर्चा कर रहे हैं। भारत के भीतर ही कुछ लोग सिंधु जल समझौता स्थगित करने जैसे कदमों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। तर्क दिया जाता है कि किसान चाहे हिंदुस्तान का हो या पाकिस्तान का पानी रोकने से उतना ही नुकसान होता है। हालांकि, एक बात किसी के जहन में आसानी से नहीं आएगी कि पाकिस्तान फसलों के जरिए भी आतंकवाद को पहना (Terror Behind Crops) देता है। आइये जानें आखिर पाकिस्तान कैसे करता है ये नापाक काम?

पहलगाम हमले के बाद रविवार 26 अप्रैल को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत सहारनपुर पहुंचे थे। यहां  उन्होंने जमकर अपनी पाकिस्तान भक्ति दिखाई और सिंधु जल समझौते को रद्द करने के फैसले को गलत बताने लगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का पानी रोकना गलत किसान चाहे हिंदुस्तान का हो या पाकिस्तान का पानी बंद होने से उसका नुकसान होगा।

फसलों के जरिए आतंकवाद को पनाह

नरेश टिकैत पाकिस्तान के किसानों के हिमायती बने हैं। लेकिन पाकिस्तान किसानों की फसलों के जरिए आतंकवाद को पनाह देता है। इसी आतंकवाद का इस्तेमाल भारत के खिलाफ (Pakistan Hidden Terror Strategy With Crops) किया जाता है। ये सुनने में अटपटा है लेकिन सत्य है। क्योंकि भारत और पाकिस्तान की सीमा के दोनों ओर सीमायी क्षेत्र के किसान खेती करते हैं। सेंसिटिव इलाका होने के कारण इसके लिए कुछ खास दिशा निर्देश भी तय किए जाते हैं। भारत में तो किसान और BSF इसका कड़ाई से पालन करते हैं लेकिन पाकिस्तान अपनी नियत के हिसाब से ही करता है

पाकिस्तान लगाता है 6 फीट की फसल

भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाके में खेती करने के लिए BSF ने खास दिशा निर्देश दिए हैं। यहां खेती करने के लिए किसानों को विशेष परमिट लेना होता है। बिना अनुमति के प्रवेश मना है। फसल बोते और काटते समय BSF के जवान यहां मौजूद होते हैं। इन्हें किसान गार्ड कहा जाता है। सुरक्षा कारणों से अमूमन फसल की ऊंचाई 2-2.5 और ज्यादा से ज्यादा 3 फीट रखी जाती है। किसान अपने खेतों में महज 8 घंटे काम कर सकते हैं वो भी दिन के उजाले में। हालांकि, पाकिस्तान अपनी बॉर्डर के पार 6 फीट ऊंचाई की फसल लगाता है। इसे उसने आतंकवाद को बढ़ावा देने का ज़रिया (Pakistan Uses Crops to Aid Terror) बना लिया है।

परेशान किसान, निगरानी में भी मुश्किल

पाकिस्तान के इस रवैये से भारत के किसान भी परेशान रहते हैं। इतनी ही नहीं सीमाई इलाकों में इससे निगरानी में भी मुश्किल आती है। अमर उजाला की एक टीम भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थित जीरो लाइन के पास बसे गांवों में पहुंची तो लोगों ने भी इस बात की गवाही दे दी। टीम से बात करते हुए एक किसान ने फसलों की ओर इशारा करते हुए कहा फेंसिंग के अंदर हमारी फसलों के आगे जो ऊंची फसल दिख रही है, यह मक्की है। ये पाकिस्तान के हिस्से में आती है। हम ढाई फीट की फसल उगाते हैं तो पाकिस्तान 6 फीट की फसल उगाता है।

नशे और हथियार की स्मगलिंग

वहीं एक अन्य बूढ़े किसान ने कहा कि पाकिस्तान की नीयत में ही खोट (Crops Terror Tactic) है। वह फसलों के सहारे भी आतंकवाद को भारत में फैलता है। ऊंची फसलों के सहारे देश को अस्थिर करने की कोशिश होती है। आतंकवादी और पाक एजेंट इन्हीं में छिपकर भारत में नशा और हथियार भेजते हैं। इतना ही नहीं कुछ और किसानों ने कहा कि हमने अपनी फसल काट ली है। लेकिन, माहौल खराब होने के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी फसल नहीं काटी है।

किसानों का दर्द और डर

आजादी से पहले इस गांव के कई किसानों की जमीन उस पार हुआ करती थी। कुछ लोग तो अभी भी जिंदा हैं जो निर्बाध अपनी उन जमीनों में आते जाते थे। लोग बताते हैं कि पहले वहां गुरुद्वारे थे जो आज मस्जिदों में बदल गए हैं। हालांकि, वहां के लोग अभी भी पंजाबी बोलते हैं। इसी कारण अजान भी पंजाबी में होती है। सीमा के इस पाक गांव के लोग इसे ध्यान से सुनते हैं कि कही भारत के खिलाफ कोई मुनादी तो नहीं हो रही है।

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किसानों के दर्द से साथ उनका डर भी नजर आता है। वह बताते हैं कि अजानों से होने वाली मुनादी की ओर हमारे कान होते हैं। अगर कुछ गड़बड़ सुनाई पड़ता है तो हम सेना को सूचित करते हैं। इन फसलों को पाकिस्तान फसल काटेगा भी नहीं। क्योंकि इन्हीं के जरिए वो नशा, हथियार स्मगल करता है। इधर बोर होता है तो चिल्लाते हैं कि उधर पानी कम हो रही है। अब सिंधु का पानी रुकेगा तो उनको समझ आएगा। क्योंकि उसकी नियत का खुलासा (Pakistan Crop Agenda Exposed) हो गया है।

बॉर्डर पर बसे पाकिस्तानी किसानों को उनकी सेना से स्पष्ट दिशा निर्देश हैं कि इस इलाके में ज्यादा से ज्यादा ऊंचाई वाली फसलों (Pak Army Conspiracy By Crops) को ही बोया जाए। ये फसलें आतंकवाद को पनाह देती है। इधर हमारी ओर से सुरक्षा के मद्देनजर कम ऊंचाई वाली फसल लगाने के निर्देश हैं। इसके बाद भी जब पहलगाम जैसे हमले के बाद भारत सिंधु नदी का पानी रोक देता है तो यहां के लोग ही उसके खिलाफ गुहार लगाने लगते हैं।

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