कल राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, जानें क्या है इसका लक्ष्य?

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को 'अवसरों की भूमि' के रूप में प्रस्तुत करना है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 मई को सुबह करीब 10:30 बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में दो दिवसीय राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करेंगे। यह समिट पूर्वोत्तर भारत को विकास के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने, वैश्विक और घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ प्रमुख हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को ‘अवसरों की भूमि’ के रूप में प्रस्तुत करना है, जिससे निवेशकों का ध्यान इस क्षेत्र की व्यापक संभावनाओं की ओर आकर्षित किया जा सके। समिट के माध्यम से नीति निर्माता, उद्योग जगत के नेता, उद्यमी और निवेशक एक ही मंच पर आकर भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे

इस समिट से पहले कई अहम गतिविधियां आयोजित की गई हैं जिनमें राजदूतों की बैठकें, द्विपक्षीय व्यापारिक चैंबर्स के साथ वार्ताएं, विभिन्न राज्यों में रोड शो और गोलमेज सम्मेलन शामिल हैं। ये सारी गतिविधियां केंद्र सरकार के साथ-साथ पूर्वोत्तर की राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग के साथ संपन्न की गई हैं। इस समिट में मंत्रिस्तरीय सत्रों के अलावा कारोबार और सरकार के बीच संवाद पर आधारित सत्र भी होंगे। निवेशकों और कारोबारियों के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी। साथ ही, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा अपनी-अपनी नीतियों और निवेश प्रोत्साहन पहलों की प्रदर्शनी भी प्रस्तुत की जाएगी, जिससे संभावित निवेशकों को विस्तृत जानकारी मिल सके।

राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में जिन प्रमुख क्षेत्रों को फोकस किया जाना है, उनमें पर्यटन एवं आतिथ्य सेवा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, हथकरघा और हस्तशिल्प, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और आईटी आधारित सेवाएं, आधारभूत संरचना और लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा, मनोरंजन और खेल शामिल हैं। इन क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और क्षेत्रीय विकास को गति देने की उम्मीद की जा रही है। यह शिखर सम्मेलन पूर्वोत्तर भारत को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ते हुए उसे निवेश, नवाचार और विकास का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

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