भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली(Virat Kohli) ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सोमवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के ज़रिए यह जानकारी साझा की, जिससे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। उन्होंने लिखा, “आज 14 साल हो गए जब मैंने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में बेगी ब्लू पहना था। सच कहूं तो मैंने कभी भी यह नहीं सोचा था कि यह सफर मुझे कहां लेकर जाएगा। इस फॉर्मेट ने मुझे परखा, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें में जीवन भर याद रखूंगा।”
सूत्रों के अनुसार, कोहली ने इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अपने फैसले से अवगत करा दिया था। हालांकि, बीसीसीआई ने उन्हें इस पर दोबारा सोचने का सुझाव दिया था। लेकिन विराट अपने निर्णय पर कायम रहे और अब औपचारिक रूप से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। क्रिकेट के इस महान बल्लेबाज़ ने अपने करियर में भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई और टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके संन्यास के साथ ही एक सुनहरा युग भी समाप्त हो गया है।
कोहली का टेस्ट करियर
विराट कोहली(Virat kohli) का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। जून 2011 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ अपने डेब्यू से लेकर जनवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतिम टेस्ट तक, कोहली ने कुल 123 टेस्ट मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 9,230 रन बनाए, जिनमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनका टेस्ट करियर औसतन 46.85 का रहा, जो किसी भी आधुनिक बल्लेबाज़ के लिए बेहद शानदार है। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 254* रन रहा, जो उन्होंने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था।
कोहली ने न सिर्फ एक बल्लेबाज़ के रूप में, बल्कि एक कप्तान के रूप में भी टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की और भारत को 40 जीत दिलाई जो अब तक किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा टेस्ट में सबसे ज़्यादा जीत हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता, आक्रामकता और फिटनेस के प्रति जुनून ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट की पहचान बदल दी। उनके टेस्ट करियर का समापन एक युग के अंत का संकेत है, लेकिन उनका योगदान हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगा।