राहुल गांधी के ‘भारत ने कितने एयरक्राफ्ट गंवाए’ पूछने पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

यह वही सवाल और दावा है जिसे लेकर पाकिस्तान भी लगातार अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उसने भारत के एयरक्राफ्ट मार गिराए हैं

पहलगाम आंतकी हमले का जवाब देने के लिए किए गए भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पूरे देश ने सैन्य पराक्रम का लोहा माना है। खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपने सेना प्रमुख के सामने कबूल कर रहे हैं कि भारतीय सेना ने उनका क्या हाल किया है। लेकिन इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार सरकार से एक सवाल पूछ रहे हैं कि पाकिस्तान के साथ इस सैन्य संघर्ष के दौरान भारत ने अपने कितने एयरक्राफ्ट खो दिए। यह वही सवाल और दावा है जिसे लेकर पाकिस्तान भी लगातार अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उसने भारत के एयरक्राफ्ट मार गिराए हैं।

राहुल गांधी अपने इस सवाल के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान का सहारा ले रहे हैं। जिसमें जयशंकर पाकिस्तान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दिए जाने की बात कर रहे हैं। इस बयान पर पीआईबी से लेकर विदेश मंत्रालय तक सब सफाई दे चुके हैं और इस बयान के संदर्भ को गलत बता चुके हैं। लेकिन राहुल हैं कि हठी बालक की तरह जिद पकड़ कर बैठे हैं। सिर्फ एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार उनके बयान के संदर्भ में सवाल पूछ चुके हैं। यह समझना मुश्किल भी नहीं है कि जो भाषा या प्रोपेगेंडा पाकिस्तान चलाना चाहता है राहुल क्यों उस ट्रेप में खुद ही फंसे जा रहे हैं। राहुल के इस बयान पर कई रक्षा मामलों के जानकारों ने प्रतिक्रिया भी दी है।

वायुसेना ने क्या कहा था?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक बात समझना अहम है कि बेशक दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष पर विराम लग गया हो लेकिन अभी शांति स्थाई नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारतीय वायुसेना तक इस बात को कह चुके हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है। DGMO की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल ए.के भारती ने भी इस मुद्दे को लेकर बातचीत की थी। उनसे भारत के एक फाइटर जेट गिरने को लेकर सवाल पूछा गया था। जिस पर उन्होंने कहा था कि अभी सैन्य संघर्ष जारी है और इस तरह की डिटेल्स देने से फायदा दुश्मन को ही होता है। उन्होंने कहा कि हम अभी दुश्मन को कोई फायदा नहीं देना चाहते हैं

प्रफुल्ल बख्शी ने क्या कहा?

राहुल गांधी के बयान पर रक्षा मामलों के जानकार और वायुसेना के पूर्व अधिकारी प्रफुल्ल बख्शी ने कहा है, “जब लड़ाई चल रही होता है तो उस स्थिति में भारत सरकार ही तय कर सकती हैं कि हम अपना नुकसान बताएं कि ना बताएं। पहली बात है कि हमारा कोई नुकसान नहीं हुआ है और अगर हुआ भी है तो इसके बारे में बताना सरकार पर ही निर्भर करता है कि सरकार बताए या ना बताए।” उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए हैं कि दुश्मन इससे फायदा ना उठा सके कि हमारे कौन पायलट घायल हुए हैं, कौनसा एयरक्राफ्ट क्षतिग्रस्त हुआ है या किस बेस पर क्या नुकसान हुआ है। लड़ाई के दौरान भगवान को भी यह जानने की ज़रूरत नहीं है।”

राहुल गांधी का बयान पाक के बयान जैसा: अनिल गौड़

रक्षा मामलों के जानकार कैप्टन (रिटायर्ड) अनिल गौड़ ने भी राहुल गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष के नेता ऐसे बयान देते हैं, जो लगता है जैसे पाकिस्तान या किसी और एजेंसी से आ रहे हों। पाकिस्तान की मीडिया और वहां की एजेंसियां राहुल गांधी के ट्वीट्स को दिखा रही हैं। बार-बार हमारी सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाना, सरकार और प्रधानमंत्री की ओर से दी गई जानकारी पर शक करना यह दिखाता है कि उन्हें सरकार के कामकाज की समझ नहीं है।”

अनिल गौड़ ने आगे कहा, “राहुल गांधी एक जिम्मेदार विपक्ष के नेता की तरह बर्ताव करने के बजाय उन ताकतों की भाषा बोल रहे हैं जो भारत को अस्थिर करना चाहती हैं। कांग्रेस और राहुल गांधी को सोचना चाहिए कि वे इस तरह के मामलों को राजनीतिक मुद्दा बनाकर क्या संदेश दे रहे हैं। पूरी दुनिया जानती है कि भारत ने क्या हासिल किया है। युद्ध से जुड़ी जानकारियों के लिए मशहूर टॉम कूपर जैसे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने भी भारत की कार्रवाई को सराहा है। अगर आपको अपने देश के मंत्रियों या देशवासियों की बात पर शक है, तो कम से कम एक स्वतंत्र विदेशी विशेषज्ञ की बात पर ध्यान देना चाहिए। राहुल गांधी को इस तरह के बेवजह के सवाल उठाने के बजाय, सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए।”

राहुल गांधी का रवैया गैर-ज़िम्मेदाराना: ध्रुव कटोच

रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) ध्रुव कटोच ने राहुल गांधी के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गलत जानकारी के आधार पर सवाल कर रहे हैं और यह बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया है। कटोच ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने कोई भी सैन्य योजना पहले से पाकिस्तान के साथ साझा नहीं की थी। जैसे ही कार्रवाई पूरी हुई, तब जाकर पाकिस्तान को सूचित किया गया जैसा कि विदेश मंत्री ने बताया है।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। युद्ध में कुछ हानि तो होती है, लेकिन कोई भी राष्ट्र अपनी सैन्य क्षति की जानकारी सार्वजनिक नहीं करता। इस तरह के सवाल पूछना बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना बात है। राहुल गांधी को यह पूछने की बजाय यह जानना चाहिए कि जो लक्ष्य भारतीय सेना को दिए गए थे, क्या वे नष्ट हुए या नहीं। उम्मीद करता हूं कि भविष्य में ज़्यादा समझदारी दिखाई जाएगी।”

राहुल गांधी के सवाल और बयानों को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों वे लगातार एक डिस्टार्टेड क्लिप के ज़रिए ऐसे सवाल उठा रहे हैं। जयशंकर का बयान खुद में ही स्पष्ट था फिर भी अगर उसे लेकर संदेह था भी तो विदेश मंत्रालय ने स्थिति साफ कर दी है इसके बाद भी लगातार ऐसे सवाल उठाना खुद और उनकी राहुल गांधी के लिए मुश्किल खड़े कर सकता हैं। जब पूरा देश सेना के साथ मजबूती से खड़ा है तो राहुल गांधी को भी देश के साथ कदम मिलाकर चलने की ज़रूरत है ना कि उस लाइन पर चलना जिस पर पाकिस्तान या दूसरे दुश्मन देश चाहते हैं कि भारत का कोई नेता चले। सिर्फ राहुल ही नहीं लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी एक तय रणनीति के तहत सेना और सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा रही है और इसका फायदा किसे मिलना है यह तो स्पष्ट है ही

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